शुक्रवार, 29 मई 2015
तो अपनाएंगे इस्लाम धर्म
मध्यप्रदेश के औकारेश्वर ज्योर्तिलिंग पर पर्वकाल के वक्त जलाभिषेक करने का विवाद इतना बढ़Þा कि पंडे और पुजारी आमने-सामने हो गए. पंडे और पुजारियों की नाराजगी दूर करना प्रशासन और ट्रस्ट के लिए परेशानी बन गया. पंडों ने जहां सात दिन में मांग पूरी न होने पर इस्लाम धर्म अपनाने की चेतावनी दी है, वहीं पुजारियों ने इसे हिन्दू धर्म के नाम पर कलंक बताते हुए कहा कि ये ट्रस्ट और प्रशासन को दबाव में लाने का प्रयास है.
औकारेंश्वर ज्योर्तिलिंग पर पर्वकाल के दौरान प्रशासन द्वारा जलाभिषेकर, बिल्वपत्र आदि चढ़Þाने को की बंदिश लगाने को लेकर वहां पर पंडे खण्डवा जिला प्रशासन और ट्रस्ट से खफा हो गए हैं. पंडों ने जिला प्रशासन को एक ज्ञापन देकर कहा है कि उन्हें प्रतिदिन जलाभिषेक करने दिया जाए और बिल्वपत्र एवं फूल ज्योतिर्लिंग पर चढ़Þाने की अनुमति दी जाए.पंडों ने इसे लेकर गुरुवार को विरोध स्वरुप धरना भी दिया. साथ ही यह धमकी भी दे डाली की अगर जिला प्रशासन सात दिनों में उनकी मांग को पूरा नहीं करता है तो वे इस्लाम धर्म अपना लेंगे. पंडों की इस धमकी के बाद जिला प्रशासन चिंता में आ गया है. इसके साथ ही पुजारियों ने भी मोर्चा खोल दिया है. पुजारियों को कहना है कि पंडों की यह मांग अनुचित है. उन्हें मंदिर परिसर में बैठकर पूजन की अनुमति है, उस पर कोई रोक नहीं लगी है. पुजारियों ने पंडों को हिन्दू धर्म के नाम पर छल करने वाला तक कह दिया.
किसने क्या कहा
* खण्डवा कलेक्टर महेश अग्रवाल ने इस बात को नकार दिया कि वहां पर जिला प्रशासन ने ऐसी कोई रोक लगाई है. महापर्वों के दौरान भीड़ को देखते हुए इस तरह की रोक लगाई जाती रही है. अगर मंदिर प्रशासन याने ट्रस्ट ने रोक लगाई है तो उनकी जानकारी में नहीं है. उन्होंने कहा कि पंडों ने धरना दिया इस बात की जानकारी मिली है. जल्द ही विवाद समाप्त करने का प्रयास करेंगे.
* औंकारेश्वर मंदिर ट्रस्ट के प्रबंध ट्रस्टी राव देवेन्द्र सिंह ने कहा कि त्यौहार विशेष पर जब भीड़ रहती है तब इस तरह की व्यवस्था की जाती है. यह व्यवस्था आज से नहीं पूर्व से जारी है. पंडे चाहते हैं कि वे इस दौरान भी अंदर ज्योतिर्लिंग के समीप पहुंचकर पूजा-अर्चना कराएं. यह संभव नहीं है. क्योंकि ज्योतिर्लिंग जहां स्थापित है वहां ज्यादा स्थान ही नहीं है.
* औकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के सायंकाल के समय के पुजारी डंडेश्वर दीक्षित का कहना है कि पंडे जिला प्रसाशन और ट्रस्ट को दबाव में लेकर मंदिर परिसर में प्रवेश कर श्रद्धालुओं से पैसा कमाने के लिए ऐसा कर रहे हैं. उनका कहना है कि हिन्दू होने के नाम पर ये कलंक हैं. अगर इस्लाम अपनाना है तो अपनाएं, मगर पूजा-पाठ और धर्म के नाम पर दबाव न बनाएं.
* श्री तीर्थ पंडा संघ के अध्यक्ष ब्रह्मानंद शर्मा का कहना है हमने अपनी मांग प्रशासन को बता दी है. उम्मीद है जल्द ही नतीजा निकलेगा. नहीं तो हम सात दिन बाद अपने चेतावनी पर अमल करेंगे. उन्होंने बताया कि औंकारेश्वर में करीब साढ़Þे तीन सौ पंडे हैं.
भाजपा से आगे निकले मोदी
कभी पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बाद कुशाभाऊ ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को मार्गदर्शक मानकर आगे बढ़Þने वाली भाजपा आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से काफी पीछे नजर आ रही है. पार्टी द्वारा केन्द्र की मोदी सरकार के एक साल के कामकाज में भाजपा और एनडीए कहीं दिखाई नहीं दे रहा है. दिखाई दे रहे हैं तो केवल मोदी, वो भी सबसे आगे.
कभी संगठन को सर्वोपरी मानने वाली भाजपा में आज साफ दिखाई दे रहा है कि राजनीति में करिश्मा संगठन का नहीं, व्यक्ति का चलता है. भाजपा द्वारा मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए देशभर में भाजपा सभाएं, रैली और प्रदर्शनियां कर सिर्फ एक बात का गुणगान कर रही है कि मोदी सरकार ने क्या किया. भाजपा के लिए आज मोदी आगे हो गए हैं और संगठन पीछे छूट गया है. भाजपा ने शायद इस बात को स्वीकार भी कर लिया है. मोदी सरकार के कामकाज को जनता तक ले जाने के लिए लगाई गई प्रदर्शनियों में इस बात की झलक साफ दिखाई दी. राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर लगाई भाजपा द्वारा प्रदर्शनी में मोदी का एक अलग चेहरा दिखाई दिया. इस प्रदर्शनी में लगे एक चित्र में उन्हें ध्यान मुद्रा े योग करते दिखाई दिया है. इस चित्र का शीर्षक दिया गया है ‘माय आइडिया आॅफ इंडिया’. इसी चित्र में नीचे की ओर सबसे छोटे आकार में भाजपा के कमल निशान का चित्र अंकित हैं, मगर उसके ऊपर एक लाइन लिखी गई है ‘सब लोग सुखी हों, सब लोग निरोगी हों.’पूरी प्रदर्शनी में लगाए गए कई चित्रों में सिर्फ मोदी के व्यक्तित्व को ही निखारते हुए दिखाया गया है. उनके प्रधानमंत्रित्वकाल के दौरान बनाई नीतियों का बखान किया गया. हालांकि प्रदर्शनी मध्यप्रदेश की राजधानी में लगाई गई है, इस वजह से तस्वीरों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी उभरे हैं. इतना ही नहीं इस बात भी ध्यान रखा गया है कि मोदी के उन भाषणों के हिस्सों को प्रदर्शनी में दिखाया गया है जो मध्यप्रदेश की तरक्की का जिक्र करते हुए दिखाई देते हैं. कुल मिलाकर पूरी प्रदर्शनी में अगर देखा जाए तो मोदी के व्यक्ति को कुछ इस तरह उंगेरा गया है कि भाजपा से वे काफी आगे निकल गए हैं. इतना हीं नहीं भाजपा संगठन और एनडीए का इस प्रदर्शनी में कहीं कोई उल्लेख नहीं नजर नहीं आया है.
मार्गदर्शकों को भी भुला दिया
भाजपा द्वारा प्रदर्शनी में जो भी कुछ दिखाया गया है वह वर्तमान में व्यक्ति केन्द्रित नजर आ रहा है. यहां तक की संगठन अपने मार्गदर्शकों पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, कुशाभाऊ ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी तक को भुला बैठी है. भाजपा ने इस प्रदर्शनी में न तो इन व्यक्तियों का जिक्र किया है और न ही इनके दिखाए मार्ग पर आगे बढ़Þकर केन्द्र में सरकार बनाने की बात को बताया है. इतना हीं नहीं संगठन ने एनडीए का भी कहीं कोई जिक्र नहीं किया है. पूरी प्रदर्शनी में मोदी सबसे आगे हैं.
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