शुक्रवार, 29 मई 2015

भाजपा से आगे निकले मोदी

कभी पंडित दीनदयाल उपाध्याय और श्यामाप्रसाद मुखर्जी के बाद कुशाभाऊ ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी को मार्गदर्शक मानकर आगे बढ़Þने वाली भाजपा आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से काफी पीछे नजर आ रही है. पार्टी द्वारा केन्द्र की मोदी सरकार के एक साल के कामकाज में भाजपा और एनडीए कहीं दिखाई नहीं दे रहा है. दिखाई दे रहे हैं तो केवल मोदी, वो भी सबसे आगे. कभी संगठन को सर्वोपरी मानने वाली भाजपा में आज साफ दिखाई दे रहा है कि राजनीति में करिश्मा संगठन का नहीं, व्यक्ति का चलता है. भाजपा द्वारा मोदी सरकार के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को गिनाने के लिए देशभर में भाजपा सभाएं, रैली और प्रदर्शनियां कर सिर्फ एक बात का गुणगान कर रही है कि मोदी सरकार ने क्या किया. भाजपा के लिए आज मोदी आगे हो गए हैं और संगठन पीछे छूट गया है. भाजपा ने शायद इस बात को स्वीकार भी कर लिया है. मोदी सरकार के कामकाज को जनता तक ले जाने के लिए लगाई गई प्रदर्शनियों में इस बात की झलक साफ दिखाई दी. राजधानी भोपाल के रोशनपुरा चौराहे पर लगाई भाजपा द्वारा प्रदर्शनी में मोदी का एक अलग चेहरा दिखाई दिया. इस प्रदर्शनी में लगे एक चित्र में उन्हें ध्यान मुद्रा े योग करते दिखाई दिया है. इस चित्र का शीर्षक दिया गया है ‘माय आइडिया आॅफ इंडिया’. इसी चित्र में नीचे की ओर सबसे छोटे आकार में भाजपा के कमल निशान का चित्र अंकित हैं, मगर उसके ऊपर एक लाइन लिखी गई है ‘सब लोग सुखी हों, सब लोग निरोगी हों.’पूरी प्रदर्शनी में लगाए गए कई चित्रों में सिर्फ मोदी के व्यक्तित्व को ही निखारते हुए दिखाया गया है. उनके प्रधानमंत्रित्वकाल के दौरान बनाई नीतियों का बखान किया गया. हालांकि प्रदर्शनी मध्यप्रदेश की राजधानी में लगाई गई है, इस वजह से तस्वीरों में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी उभरे हैं. इतना ही नहीं इस बात भी ध्यान रखा गया है कि मोदी के उन भाषणों के हिस्सों को प्रदर्शनी में दिखाया गया है जो मध्यप्रदेश की तरक्की का जिक्र करते हुए दिखाई देते हैं. कुल मिलाकर पूरी प्रदर्शनी में अगर देखा जाए तो मोदी के व्यक्ति को कुछ इस तरह उंगेरा गया है कि भाजपा से वे काफी आगे निकल गए हैं. इतना हीं नहीं भाजपा संगठन और एनडीए का इस प्रदर्शनी में कहीं कोई उल्लेख नहीं नजर नहीं आया है. मार्गदर्शकों को भी भुला दिया भाजपा द्वारा प्रदर्शनी में जो भी कुछ दिखाया गया है वह वर्तमान में व्यक्ति केन्द्रित नजर आ रहा है. यहां तक की संगठन अपने मार्गदर्शकों पंडित दीनदयाल उपाध्याय, श्यामाप्रसाद मुखर्जी, कुशाभाऊ ठाकरे, अटल बिहारी वाजपेयी और लालकृष्ण आडवाणी तक को भुला बैठी है. भाजपा ने इस प्रदर्शनी में न तो इन व्यक्तियों का जिक्र किया है और न ही इनके दिखाए मार्ग पर आगे बढ़Þकर केन्द्र में सरकार बनाने की बात को बताया है. इतना हीं नहीं संगठन ने एनडीए का भी कहीं कोई जिक्र नहीं किया है. पूरी प्रदर्शनी में मोदी सबसे आगे हैं.

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