नरोत्तम, प्रज्ञा और अब अनूप मिश्रा हुए खफा
प्रदेश भाजपा में लंबे समय से भाजपा संगठन की कार्यशैली के चलते भाजपा के कद्दावर नेताओं को मुख्यमंत्री और अन्य कार्यक्रमों में मंच पर स्थान नहीं मिल रहा है। इसके चलते भाजपा नेताओं में नाराजगी बढ़ती जा रही है। हाल ही में नगरीय निकाय चुनाव के दौरान भाजपा की सांसद प्रज्ञा सिंह और फिर अब पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा की नाराजगी सामने आई है।
प्रदेश में भाजपा संगठन और वरिश्ठ नेताओं के बीच तालमेल कुछ गढ़बढ़ाया सा नजर आ रहा है। लंबे समय से अपनी हो रही उपेक्षा के चलते वैसे तो प्रदेश के कई वरिश्ठ नेता खफा हैं और कई बार सोशल मीडिया पर इसका विरोध भी करते नजर आए हैं। मगर सार्वजनिक मंचों पर अपने ही क्षेत्रों में जब संगठन इनकी उपेक्षा करता है तो इनकी नाराजगी और बढ़ जाती है। हाल ही में ग्वालियर नगर निगम के चुनाव के दौरान पार्टी के संकल्प पत्र का विमोचन समारोह में भी ऐसी ही नाराज देखने को मिला। यहां पर मंच पर सभी दिग्गज नेताओं को स्थान तो मिला, मगर पूर्व मंत्री अनूप मिश्रा को मंच पर स्थान नहीं दिया गया। इससे नाराज होकर वे नीचे पहली कतार में लगी कुर्सी पर जाकर बैठ गए। उन्हें वहां बैठा देख अन्य भाजपा नेता भी उनके पास आकर बैठ गए। इस दौरान वे खुद को उपेक्षित और अपमानित होना महसूस करते रहे। बाद में कार्यक्रम के दौरान ही नाराज होकर वे चले गए। मामले ने इतना तूल पकड़ा की ग्वालियर के ब्राहम्णों ने मोर्चा खोल दिया। हालांकि बाद में महापौर प्रत्याशी सुमन ष्शर्मा को पता चला तो वे कार्यक्रम स्थगित कर मिश्रा के घर पर पहुंची और पैर पड़कर माफी मांगती रही। मिश्रा को मनाने पहुंची सुमन को काफी देर तक मिन्नतें करनी पड़ी साथ ही आंसू तक बहाने पड़े। बाद में कहीं जाकर मिश्रा माने और गुस्सा छोड़ा। इसके बाद भाजप नेताओं ने चैन की सांस ली।
गृह मंत्री भी हो चुके हैं नाराज
- संगठन द्वारा वरिश्ठ नेताओं की उपेक्षा किए जाने का यह कोई पहला अवसर नहीं था। इसके पहले फरवरी माह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पौधारोपण कार्यक्रम को लेकर पार्टी ने एक कार्यक्रम रखा था, जिसमें मंच पर नरोत्तम मिश्रा के लिए कुर्सी नहीं रखी गई थी। मंच पर खुद के लिए कुर्सी नहीं देख मिश्रा नाराज हो गए और जनता के पीछे जाकर बैठ गए थे। इसके बाद भाजपा के जिला अध्यक्ष सुमित पचौरी उन्हें मनाने पहुंचे तो उन्हें भी जमकर फटकार सुनने को मिली। गृहमंत्री ने मंच पर आने से मना कर दिया। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा तब उनकी नाराजगी दूर हुई और वो मंच पर आकर बैठे।
सांसद ने भी जताई थी नाराजगी
भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह भी नगरीय निकाय के संकल्प पत्र के विमोचन अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ मंच पर कुर्सी न मिलने से नाराज हो गई थी। वे भी बगीचे में लगी बैंच पर
जाकर बैठ गई थी। इस दौरान उनके समीप केवल उनके समर्थक ही नजर आए थे, मगर भाजपा नेताओं ने उनसे दूरी बनाए रखी थी। हालांकि मीडिया ने जब उनसे यह पूछा कि स्वास्थ्य के चलते वे यहां बैठी है, तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, मगर उनके चेहरे के हॉव-भाव संगठन के प्रति नाराजगी जताते रहे।



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