संघ प्रमुख के बयान से उम्र दराज नेता हो रहे असहज
भोपाल। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख डॉ. मोहन भागवत द्वारा 75 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्ति को लेकर दिए गए बयान से मध्यप्रदेश भाजपा में सियासी हलचल तेज हो गई है। भागवत के इस बयान को लेकर पार्टी के कई वरिष्ठ नेता असहज नजर आ रहे हैं। कुछ नेताओं ने इसे आदर्श बताया है तो कुछ ने इसे अव्यवहारिक बताया है। प्रदेश में करीब एक दर्जन नेता ऐसे हैं, जो या तो इस उम्र सीमा में आ चुके हैं या जल्द पहुंचने वाले हैं, ऐसे में उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा तेज हो गई है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया ने भागवत के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “सिर्फ उम्र के आधार पर किसी वरिष्ठ नेता को दरकिनार करना उचित नहीं है। कई बार अनुभव युवाओं से कहीं ज्यादा उपयोगी साबित होता है। वहीं नर्मदापुरम विधायक और भाजपा के वरिष्ठ नेता डॉ. सीतासरन शर्मा ने संघ प्रमुख के बयान को सराहनीय बताया। उन्होंने कहा कि एक तय उम्र के बाद नेताओं को खुद पहल करते हुए युवाओं को अवसर देना चाहिए। अगर पार्टी कहेगी, तो मैं खुद इस्तीफा देने को तैयार हूं। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा ने बयान को अनुचित बताते हुए कहा कि “अगर कोई नेता 75 की उम्र के बाद भी सक्रिय रूप से पार्टी के लिए कार्य कर रहा है, तो उसे रिटायर करना तर्कसंगत नहीं है। योग्यता और क्षमता को भी महत्व देना चाहिए। वैसे देखा जाए तो संघ प्रमुख के बयान के बाद पार्टी नेतृत्व के सामने चुनौती है कि वह उम्र और अनुभव के संतुलन को कैसे साधे। भविष्य की राजनीति में युवाओं की भूमिका और वरिष्ठों की भागीदारी पर भाजपा की नीति अब नए मोड़ पर है।
चंद नेताओं पर लागू हुआ है उम्र का पैमाना
भाजपा में इससे पहले भी 75 की उम्र पार कर चुके नेताओं को किनारे किया गया है। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर, पूर्व मंत्री सरताज सिंह, पूर्व मंत्री कुसुम महदेले और पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन जैसे नेताओं को उम्र के आधार पर चुनाव में टिकट नहीं दिया गया था। हालांकि, यह नियम सभी पर समान रूप से लागू नहीं किया गया।
ये नेता हैं 75 पार या नजदीक
मध्यप्रदेश में फिलहाल कई विधायक और नेता इस उम्र सीमा में हैं या अगले चुनाव तक पहुंच जाएंगे। इनमें 75 पारः नागेंद्र सिंह (गुढ़), नागेंद्र सिंह (नागोद), जयंत मलैया (दमोह), डॉ. सीतासरन शर्मा (होशंगाबाद), बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर), सत्यनारायण जटिया (उज्जैन) है। जबकि निकट भविष्य में 75 के करीबः गोपाल भार्गव (रहली), विश्वनाथ सिंह पटेल (तेदूखेड़ा), अजय विश्नोई (पाटन), रमाकांत भार्गव (बुधनी), ढाल सिंह बिसेन, गौरीशंकर बिसेन।







