रविवार, 29 जून 2025

मातृ-शिशु मृत्युदर पर उठाए सवाल, मुख्यमंत्री को लिखा पत्र

करोड़ों  खर्च के बावजूद प्रदेश में नतीजे शून्य


भोपाल। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने मध्यप्रदेश में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में सुधार न होने पर सरकार को घेरा है। उन्होंने हाल ही में जारी सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (एसआरएस) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि प्रदेश की स्थिति देश में सबसे खराब है, जबकि सरकार इस दिशा में हजारों करोड़ खर्च कर चुकी है।
पटवारी ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिख सवाल किया कि जब सरकार ने बीते पांच वर्षों में मातृ-शिशु स्वास्थ्य पर दस हजार करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए, तब भी नतीजे निराशाजनक क्यों हैं? उन्होंने कटाक्ष करते हुए पूछा कि क्या यह पैसा सिर्फ चाय-नाश्ते और चर्चाओं पर खर्च किया गया? एसआरएस की रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में हर 1000 में से 40 नवजात एक वर्ष का होने से पहले ही दम तोड़ देते हैं। पटवारी ने कहा कि 4500 करोड़ रुपए के वार्षिक स्वास्थ्य बजट के बावजूद यदि यह हाल है, तो यह दर्शाता है कि ‘कागजी विकास’ ही हो रहा है। उन्होंने कैग रिपोर्टों में उजागर कुपोषण से जुड़े घोटालों की भी पत्र में चर्चा की है।
अस्पतालों को बना दिया रेफरल सेंटर?
पटवारी ने स्वास्थ्य अधोसंरचना पर सवाल उठाते हुए बताया कि 2022 में राज्य के 547 स्वास्थ्य केंद्रों में से सिर्फ 120 में सिजेरियन डिलीवरी की सुविधा उपलब्ध थी। उन्होंने पूछा कि क्या शेष अस्पताल सिर्फ नाम मात्र के हैं या उन्हें केवल ’रेफरल सेंटर’ बनाकर छोड़ दिया गया है? उन्होंने अंत में पूछा कि क्या “स्वस्थ मध्यप्रदेश” सरकार की प्राथमिकता में है, या फिर यह सिर्फ भाषणों और विज्ञापनों का एक सपना बनकर रह गया है?

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