ईको-फ्रेंडली व्यवस्थाओं का उदाहरण भी बना प्रशिक्षण वर्ग
भोपाल। मध्यप्रदेश के पचमढ़ी में चल रहा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का प्रशिक्षण शिविर जहां एक ओर पार्टी की विचारधारा और रणनीति को सुदृढ़ करने का माध्यम बना है, वहीं दूसरी ओर यह आयोजन पर्यावरण संरक्षण और ईको-फ्रेंडली व्यवस्थाओं का एक प्रेरणादायक उदाहरण भी बन गया है। शिविर को पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त रखा गया है, और इसमें पानी की डिस्पोजेबल बोतलों के स्थान पर तांबे के लोटे और गिलास का उपयोग किया जा रहा है।
शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के “पंच परिवर्तन“ के सिद्धांत नागरिक कर्तव्य, स्वदेशी, पर्यावरण, समरसता और कुटुंब को व्यवहार में उतारने का प्रयास किया जा रहा है। इस प्रशिक्षण शिविर की हर छोटी-बड़ी व्यवस्था में इन सिद्धांतों की स्पष्ट झलक दिखाई दे रही है। शिविर के दूसरे दिन रविवार सुबह भाजपा के सांसदों और विधायकों ने सामूहिक रूप से योग, प्राणायाम और ध्यान किया। इसके बाद सभी ने मिलकर संघ की प्रार्थना गाई। कुछ नेता पचमढ़ी की वादियों में सैर करते भी नजर आए। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल, वरिष्ठ मंत्री कैलाश विजयवर्गीय समेत कई नेताओं ने जटाशंकर महादेव मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना की। केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने अपने एक्स (पूर्व ट्विटर) हैंडल पर महादेव दर्शन का एक वीडियो भी साझा किया।
तांबे के पात्र और जूट की प्रवेशिका
पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए शिविर में प्लास्टिक का पूरी तरह परित्याग किया गया है। पीने के पानी के लिए तांबे के लोटे और गिलास उपलब्ध कराए गए हैं, जिनका उपयोग सभी नेता, पदाधिकारी और कार्यकर्ता कर रहे हैं। इसके अलावा, आयोजन में सभी प्रतिभागियों को जो पहचान पत्र (आईडी कार्ड) दिए गए हैं, वे भी प्लास्टिक मुक्त हैं। यह प्रवेशिका जूट के कपड़े से बनी है और इसकी डोरी भी जूट की ही है। यह न केवल पर्यावरण हितैषी कदम है, बल्कि स्वदेशी उत्पादों के उपयोग को भी बढ़ावा देता है।
पंच परिवर्तन के सिद्धांतों की झलक
शिविर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पंच परिवर्तन सिद्धांतों को व्यवहार में लाने की पहल की जा रही है। पर्यावरण-संवेदनशील व्यवस्थाएं, प्लास्टिक मुक्त वातावरण, तांबे के बर्तनों का उपयोग, और जूट की प्रवेशिका इस बात के प्रमाण हैं कि भाजपा और संघ अपने मूल सिद्धांतों को आधुनिक संदर्भ में भी जीवंत बनाए रखने के लिए प्रयासरत हैं।


कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें