नेताओं में बेचैनी, कहीं 2012 जैसी न बन जाए स्थिति
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के लिए 4 जनवरी को होने वाले चुनाव को लेकर दावेदारों ने कवायद तो तेज की है, मगर खुलकर कोईदावेदार सामने नहीं आ रहा है. यही वजह है कि भाजपा नेता बैचेन नजर आ रहे हैं, उन्हें यह लगने लगा है कि कहीं एक बार फिर 2012 के चुनाव की पुनरावृत्ति न हो जाए.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष पद के लिए वैसे तो यह माना जा रहा है कि वर्तमान अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान के नाम पर सहमति बना ली जाए, मगर दावेदारों की सक्रियता इस समीकरण को बिगाड.ती नजर आ रही है. दावेदार सक्रिय हैं, वे अपने स्तर पर दावेदारी भी कर रहे हैं, मगर मौन रहकर. अब तक केवल सांसद फग्गनसिंह कुलस्ते ही एक ऐसे दावेदार सामने आए जिन्होंने खुलकर दावेदारी दिल्ली में राष्ट्रीय नेताओं के सामने की है. उनके अलावा अन्य नेताओं में से कोई भी दावेदार खुलकर सक्रिय नजर नहीं आ रहा है. हालांकि वे दावेदारी कर रहे हैं और वरिष्ठ नेताओं के सामने अपनी बात रख भी रहे हैं. ये दावेदार अधिकतर दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय नेताओं से मेल-मुलाकात कर रहे हैं. वैसे इस मामले में चुनाव अधिकारी की नियुक्ति और मतदान के तारीख तय होने के बाद अब दावेदारों की कवायद भी तेज हुई है. साथ ही खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी सक्रिय नजर आ रहे है. इंदौर में राष्ट्रीय संगठन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के निवास पर हुईउनकी करीब 10 मिनटकी मुलाकात को इससे जोड.कर देखा जा रहा है. दोनों के बीच इस मुद्दे पर चर्चा हुई है, हालांकि किस नाम को लेकर चर्चा हुई इस बात का खुलासा नहीं हुआ है. वैसे फिलहाल मुख्यमंत्री की पसंद नंदकुमार सिंह चौहान ही बने हुए हैं. इसके अलावा संगठन महामंत्री अरविंद मेनन भी उनके साथ हैं, मगर केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और राज्यसभा सांसद प्रभात झा का साथ चौहान को नहीं है, यह माना जा रहा है. झा इस बार मौन रहकर 2012 में मिले झटके से उबरने का प्रयास कर सकते हैं. पिछले चुनाव में झा का नाम भी ठीक चौहान की ही तरह तय माना जा रहा था, मगर ऐन वक्त पर पासा पलटा और तस्वीर बदल गई. झा के स्थान पर तोमर का नाम आ गया. इसी तरह इस बार भी किसी अप्रत्याशित विस्फोट को संगठन के नेता होना मान रहे हैं. इसके पीछे उनका मानना है कि चुनाव प्रक्रिया में जो शांति है, वह किसी तूफान का संकेत भी दे रही है.
भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व में प्रदेश अध्यक्ष चुनाव के लिए 4 जनवरी की तारीख तय की है. इस दिन दोपहर 4 से 4.30 बजे तक नामांकन भरने का समय तय किया है. 5 बजे नामांकन वापस लेने का समय तय किया है. इसके बाद यह तय हो जाएगा कि अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन है. वहीं चुनाव अधिकारी रामदास अग्रवाल आज इंदौर प्रवास पर रहे. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष चुनाव को लेकर प्रदेश के नेताओं से चर्चाकी है. यह माना जा रहा है कि आज इंदौर में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर वरिष्ठ नेताओं के बीच चर्चा के बाद किसी एक नाम पर सहमति बनाने की कवायद भी शुरु हुई है.
क्षेत्रवाद भी बन रहा मुद्दा
भाजपा संगठन में एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष को लेकर क्षेत्रवाद का मामला उठते नजर आ रहा है. पिछले दिनों दिल्ली पहुंचे महाकौशल के नेताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के अलावा कुछ और नेताओं से चर्चाकी. इस चर्चा में उन्होंने वरिष्ठ नेताओं से कहा कि लंबे समय से चंबल-ग्वालियर, मालवा, निमाड. को अध्यक्ष पद प्रतिनिधित्व मिला है. इस बार महाकौलश के अलावा विंध्य या बुंदेलखंड से अध्यक्ष पद के लिए किसी एक व्यक्ति के नाम पर सहमति बनाईजाए. वैसे महाकौशल से विनोद गोटिया इस पद के लिए दावेदार के रुप में सामने भी आए हैं. इसके अलावा विंध्य एवं बुंदेलखंड के नेता मौन रहकर दावेदारी कर हैं. |
रविवार, 3 जनवरी 2016
अध्यक्ष के लिए तेज हुईकवायद
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