भाजपा, कांगे्रस दिल्ली में बना रही रणनीति
राज्यसभा के लिए मतदान की स्थिति निर्मित होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए निर्दलीय और बसपा के विधायकों का मौन चिंता बन गया है. दोनों ही दल दिल्ली में बैठकर चुनाव फतह करने की रणनीति बना रहे हैं.
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 1 सीट के लिए मतदान की स्थिति निर्मित हो जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है. भाजपा इस मामले में ज्यादा चिंतित है और वह संगठन पदाधिकारियों के अलावा मंत्रियों को सक्रिय कर कांग्रेस के विधायकों पर नजरें टिकाए हुए है. इसके अलावा बसपा एवं निर्दलियों पर भी उसकी नजर टिकी हुई है. भाजपा ने पहले संगठन पदाधिकारियों को सक्रिय कर अंचलवार उनकी तैनाती कर विधायकों की जोड़-तोड़ के लिए काम शुरु किया, वहीं अब प्रदेश के आधा दर्जन मंत्रियों को इस काम में लगा दिया है, जिन मंत्रियों को सक्रिय किया गया है, उनमें डा. नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ला, रामपालसिंह, भूपेन्द्र सिंह और लाल सिंह आर्य हैं. इनमें नरोत्तम मिश्रा को महाकौशल अंचल की कमान सौंपी है, जबकि भूपेन्द्र सिंह को बुंदेलखंड और राजेन्द्र शुक्ला को विंध्य में सक्रिय किया है. भाजपा ने जीत के लिए रणनीति दिल्ली में बैठकर बनानी शुरु कर दी है. आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी दिल्ली में थे और संगठन पदाधिकारियों से उनकी चर्चा भी इसी मुद्दे पर हुई है.
भाजपा के अलावा कांगे्रस ने भी दिल्ली में सक्रियता दिखाई है. वरिष्ठ नेताओं दिग्विजयसिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के बंगले पर बैठकर बुधवार की रात चर्चा की. इस बैठक में विवेक तन्खा भी थे. इसके बाद आज भी दिन में ये नेता दिल्ली में सक्रिय रहे और रणनीति बनाते रहे. सूत्रों की माने तो इन नेताओं ने पहले कांग्रेस विधायकों को विश्वास में लेकर कदम बढ़ाने की बात कही है. इसके अलावा बसपा और निर्दलीय विधायकों को किस तरह से कांग्रेस के पक्ष में लाया जाए इसका गुणा-भाग भी किया है. कुल मिलाकर कांग्रेस के दिग्गिज नेता पहली बार दिल्ली में इस तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं. फिलहाल तो इन नेताओं ने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर वे अब अपने समर्थकों को कांग्रेस विधायकों पर नजरें रखने के लिए सक्रिय कर रहे हैं.
भाजपा का बढ़ा एक वोट
राज्यसभा चुनाव के लिए एक-एक वोट की जुगाड़ कर रही भाजपा के लिए घोड़ाडोंगरी की जीत ने एक वोट बढ़ा दिया है. अभी तक भाजपा के खाते में 165 वोट थे और उसे 9 वोट की आवश्यकता थी, मगर आज जब चुनाव परिणाम आया तो उसके एक वोट बढ़ा और अब 8 वोट के लिए उसे जद्दोजहद करनी है. भाजपा के संपर्क में कांग्रेस के जतारा से जीते विधायक पहले से ही हैं, वहीं आधा दर्जन विधायकों को भाजपा तोड़ने की योजना में भी जुट गई है.
राज्यसभा के लिए मतदान की स्थिति निर्मित होने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के लिए निर्दलीय और बसपा के विधायकों का मौन चिंता बन गया है. दोनों ही दल दिल्ली में बैठकर चुनाव फतह करने की रणनीति बना रहे हैं.
मध्यप्रदेश में राज्यसभा की 1 सीट के लिए मतदान की स्थिति निर्मित हो जाने के बाद भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने सक्रियता बढ़ा दी है. भाजपा इस मामले में ज्यादा चिंतित है और वह संगठन पदाधिकारियों के अलावा मंत्रियों को सक्रिय कर कांग्रेस के विधायकों पर नजरें टिकाए हुए है. इसके अलावा बसपा एवं निर्दलियों पर भी उसकी नजर टिकी हुई है. भाजपा ने पहले संगठन पदाधिकारियों को सक्रिय कर अंचलवार उनकी तैनाती कर विधायकों की जोड़-तोड़ के लिए काम शुरु किया, वहीं अब प्रदेश के आधा दर्जन मंत्रियों को इस काम में लगा दिया है, जिन मंत्रियों को सक्रिय किया गया है, उनमें डा. नरोत्तम मिश्रा, राजेन्द्र शुक्ला, रामपालसिंह, भूपेन्द्र सिंह और लाल सिंह आर्य हैं. इनमें नरोत्तम मिश्रा को महाकौशल अंचल की कमान सौंपी है, जबकि भूपेन्द्र सिंह को बुंदेलखंड और राजेन्द्र शुक्ला को विंध्य में सक्रिय किया है. भाजपा ने जीत के लिए रणनीति दिल्ली में बैठकर बनानी शुरु कर दी है. आज मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान भी दिल्ली में थे और संगठन पदाधिकारियों से उनकी चर्चा भी इसी मुद्दे पर हुई है.
भाजपा के अलावा कांगे्रस ने भी दिल्ली में सक्रियता दिखाई है. वरिष्ठ नेताओं दिग्विजयसिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के बंगले पर बैठकर बुधवार की रात चर्चा की. इस बैठक में विवेक तन्खा भी थे. इसके बाद आज भी दिन में ये नेता दिल्ली में सक्रिय रहे और रणनीति बनाते रहे. सूत्रों की माने तो इन नेताओं ने पहले कांग्रेस विधायकों को विश्वास में लेकर कदम बढ़ाने की बात कही है. इसके अलावा बसपा और निर्दलीय विधायकों को किस तरह से कांग्रेस के पक्ष में लाया जाए इसका गुणा-भाग भी किया है. कुल मिलाकर कांग्रेस के दिग्गिज नेता पहली बार दिल्ली में इस तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं. फिलहाल तो इन नेताओं ने पत्ते नहीं खोले हैं, मगर वे अब अपने समर्थकों को कांग्रेस विधायकों पर नजरें रखने के लिए सक्रिय कर रहे हैं.
भाजपा का बढ़ा एक वोट
राज्यसभा चुनाव के लिए एक-एक वोट की जुगाड़ कर रही भाजपा के लिए घोड़ाडोंगरी की जीत ने एक वोट बढ़ा दिया है. अभी तक भाजपा के खाते में 165 वोट थे और उसे 9 वोट की आवश्यकता थी, मगर आज जब चुनाव परिणाम आया तो उसके एक वोट बढ़ा और अब 8 वोट के लिए उसे जद्दोजहद करनी है. भाजपा के संपर्क में कांग्रेस के जतारा से जीते विधायक पहले से ही हैं, वहीं आधा दर्जन विधायकों को भाजपा तोड़ने की योजना में भी जुट गई है.
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