गुरुवार, 19 जून 2014
मायूस कार्यकर्ताआें में जोश भर रहे छोटे दल
विधानसभा और फिर लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद राज्य के छोटे दलों के कार्यकर्ताओं में छाई मायूसी को अब दूर करने में पार्टी का संगठन जुट गया है़ ये दल जिला और ब्लाक स्तर पर नये तरीके से संगठन का गठन करने में जुट गए हैं़ बसपा, गोंगपा जहां नये सिरे से संगठन में नियुक्ति करने की तैयारी में जुटी हैं, तो सपा अपने पुराने संगठन में ही फेरबदल कर नया रुप देने की कवायद कर रही है़ वहीं आम आदमी पार्टी संगठन में बदलाव तो नहीं कर रही,मगर कार्यकर्ताओं को फिर से सक्रिय करने का काम कर रही है़
प्रदेश में विधानसभा चुनाव और फिर लोकसभा चुनाव में छोटे दलों को मिली करारी हार ने उसके कार्यकर्ताओं में मायूसी ला दी है़ मायूस हुए ये कार्यकर्ता लोकसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद तो शांत होकर एक तरह से घर बैठ गए़ घर बैठे इन कार्यकर्ताओं को अब इन दलों बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारियों ने फिर से सक्रिय करने का काम शुरु किया है़ इस सक्रियता के पीछे मुख्य कारण भविष्य के नगरीय निकाय और सहकारिता के चुनाव है़ इनके कारण अब इन दलों के पदाधिकारियों ने अपनी सक्रियता दिखाई है़ ये पदाधिकारी अब ब्लाक से लेकर जिला स्तर की इकाईयों को सक्रिय कर रहे हैं़ कुछ दलों ने तो पुरानी इकाईयों को भंग कर नये सिरे से संगठन को मजबूत करने के लिए नियुक्तियां करने का काम भी शुरु कर दिया है़ इनमें बसपा और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी शामिल हैं़ बसपा ने जहां पूरी ब्लाक,जिला और प्रदेश कार्यकारिणी भंग कर दी है, वहीं गोंगपा ने प्रदेश स्तर पर सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है़ ब्लाक और जिला स्तर पर भी वह नई कार्यकारणी के गठन की कवायद में जुटी है़
जल्द होगा पुनर्गठन
बहुजन समाज पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सत्यप्रकाश सखवार इन दिनों जिलों का दौरा कर जिला और ब्लाक स्तर पर कार्यकारिणी गठन की कवायद कर हैं़ इसके साथ ही वे अलग-अलग जिलों में बैठकें कर प्रदेश कार्यकारिणी के लिए भी पदाधिकारियों का चयन कर रहे हैं़ श्री सखवार का कहना है कि वे जल्द ही प्रदेश में नया संगठन खड़ा कर एक बार बसपा को प्रदेश में मजबूत करेंगे़ उन्होंने बताया कि इस माह के अंत तक वे ब्लाक, जिला इकाईयों को सक्रिय कर नगरीय निकाय के चुनाव की तैयारी में जुटा देंगे़
प्रदर्शन के सहारे सक्रियता
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अशोक यादव ने भी लोकसभा चुनाव के बाद कुछ सक्रियता दिखाई है़ भोपाल में दो दिवसीय बैठक कर उन्होंने अब सभी जिला इकाईयों को सक्रिय करने का लक्ष्य तय किया है़ श्री यादव ने इसके लिए 18 जून को जिला स्तर पर प्रदर्शन आयोजित कर जिला अध्यक्षों को सक्रिय करने का काम किया है़वे जिन जिलों में जिला इकाईयां निष्क्रिय हैं, वहां पर जिला अध्यक्ष बदलकर 18 जून से पहले वहां कार्यकर्ताओं को सक्रिय करना चाहते हैं़ उनका लक्ष्य भी राज्य में होने वाला नगरीय निकाय चुनाव है़
अध्यक्ष तलाश रही गोंगपा
गोंडवाना गणतंत्र पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश कार्यकारिणी के साथ सभी कार्यकारिणी भंग कर दी है़ अब गोंगपा प्रदेश में नया अध्यक्ष तलाश रही है़ इसके लिए जल्द ही उसके पदाधिकारियों की बैठक होगी़ इस बैठक में अध्यक्ष पद के लिए व्यक्ति चयन पर चर्चा की जाएगी़ इसके बाद प्रदेश और जिला कार्यकारिणी घोषित कर कार्यकर्ता को फिर से सक्रिय करने का काम किया जाएगा़ गोंगपा के बिखरे सभी धड़े एक होने के बाद अध्यक्ष पद के चयन में दिक्कतें भी आ रही हैं़ अध्यक्ष पद के लिए गोंगपा छोड़कर वापस पार्टी में शामिल हुए नेता पीछे हटते नजर आ रहे हैं़ इसके पीछे यह कारण बताया जा रहा है कि वे यह नहीं चाहते कि पूराने कार्यकर्ता उनसे नाराज हो जाएं़
सदस्यता अभियान की तैयारी
आम आदमी पार्टी की गतिविधियां वैसे तो प्रदेश स्तर पर नहीं दिखाई पड़ रही है, मगर पार्टी के पदाधिकारियों ने अपने से जुड़े कार्यकर्ताओं को जोड़े रखने के लिए एक बार फिर प्रदेश में सदस्यता अभियान चलाने की पहल की है़ पार्टी जल्द ही सदस्यता अभियान चलाएगी़ इसके साथ ही पार्टी न यह तय किया है कि वह जिला स्तर पर कार्यकर्ताओं को सक्रिय करते हुए नगरीय निकाय के चुनाव हेतु अभी से जुट जाने को कहेगी़ आम आदमी पार्टी ने नगरीय निकाय का चुनाव पूरी ताकत के साथ लड़ने की तैयारी की है और इसके लिए कार्यकर्ताओं का एक बार फिर वे मनोबल वह बढ़Þा रही है़
विशेषज्ञ बनेंगे सदस्य
* निगम-मंडल में नियुक्तियों को लेकर गंभीर हुई सरकार
प्रदेश के भंग निगम-मंडलों और प्राधिकरणों में सरकार अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर राजनीतिक नियुक्ति करने के अलावा सदस्य पद के लिए विशेषज्ञों की नियुक्ति करने का मन बना रही है़ सरकार का यह कदम निगम-मंडलों और प्राधिकरणों की कमजोर आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए माना जा रहा है़
राज्य में भाजपा की सरकार बनने के साथ ही सभी निगम-मंडलों और प्राधिकरणों को भंग कर नियुक्त पद रिक्त कर दिए गए थे़ इसके बाद से भाजपा नेता इन पदों पर अपनी नियुक्ति के लिए सक्रिय रहे, मगर लोकसभा चुनाव के कारण मामला अटक सा गया़ अब निगम-मंडलों में नियुक्ति को लेकर सुगबुगाहट शुरु हुई है, फिर भी यह माना जा रहा है कि सरकार बजट सत्र के बाद कुछ नियुक्तियां कर सकती है़ हालांकि भंग निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में सभी पदों पर नियुक्तियां दिसंबर माह में होने वाले नगरीय निकाय के चुनाव के बाद ही होगी़
भंग निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में नियुक्तियों को लेकर सरकार भी गंभीर हो गई है़ सरकार इस बार सभी पदों को राजनीतिक तौर पर नहीं भरना चाहती है़ सरकार इस बार इन नियुक्तियों में विषय विशेषज्ञों को भी महत्व देना चाह रही है़ सूत्रों की माने तो सरकार ने यह विचार किया है कि अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर तो राजनीतिक तौर पर ही नियुक्ति की जाए, मगर सदस्य पद के लिए विषय के विशेषज्ञ व्यक्तियों को बैठाया जाए़ इन विशेषज्ञों की नियुक्ति का फायदा राज्य के निगम-मंडल और प्राधिकरणों की कमजोर होती स्थिति और उनके छवि सुधारने के लिए मददगार हो सकती है़ सूत्रों के अनुसार बीते दिनों मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के साथ हुई आला अफसरों की बैठक में इन मुद्दों पर मंथन भी किया गया़ इसमें यह बात जब सामने आई तो इसे मुख्यमंत्री ने भी स्वीकार किया़ माना जा रहा है कि सरकार इस बार निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में नियुक्ति के दौरान यह कदम उठा सकती है़
कौन होंगे विशेषज्ञ
राज्य के भंग किए गए निगम-मंडलों एवं प्राधिकरणों में संचालक पदों पर विशेषज्ञों की नियुक्ति को लेकर सरकार को अधिकारियों ने तर्क दिया है कि अगर इन पदों पर विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाती है तो उनके विशेषज्ञता का फायदा मंडलों एवं प्राधिकरणों को मिल सकता है़ बताया जाता है कि विशेषज्ञों के रुप में सेवानिवृत्त अधिकारियों और कर्मचारियों के नामों पर विचार किया जा रहा है़ नियुक्ति के लिए ऐसे विशेषज्ञों की सूची तैयारी की जाएगी, जिन्होंने अपनी शासकीय सेवा के दौरान पद पर रहते हुए उस विभाग के कामों में विशेषज्ञता हासिल की और उनके कारण विभाग में काफी सुधार हुआ या फिर उनके सुझावों के कारण विभाग की नीतियों में बदलाव से विभाग के काम-काज में सुधार हुआ हो़
आखिर कौन हैं वे बड़े लोग
लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद मंत्री, पूर्व मंत्री, अफसरों और विधायकों में बढ़Þने लगी बैचेनी
राज्य के सबसे बड़े घोटाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद उनके द्वारा कहे कथन ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’ ने राज्य की राजनीति और प्रसाशनिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक इसे चर्चा में ला दिया कि आखिर कौन हैं वे बड़े लोग ?, जो इस घोटाले से जुड़े हैं़ शर्मा की गिरफ्तारी के बाद से इन बड़े लोगों के बारे में जानने को हर कोई उतावला नजर आ रहा है़
व्यावसायिक परीक्षा मंडल भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की हुई गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की सक्रियता कम और राजनीति से जुड़े लोगों, प्रशासनिक अफसरों और आम नागरिकों की सक्रियता कुछ ज्यादा नजर आई है़ दरअसल जिस दिन शर्मा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया उस समय उन्होंने एक वाक्य कह दिया था़ जिसमें इस बात को बयां किया था कि ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’शर्मा का यह कथन उस दिन तो चर्चा में नहीं आया, मगर अब दो दिन बीत जाने के बाद इस कथन को लेकर राजनीतिक, प्रशासनिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक यह चर्चा का विषय बन गया है़ हर कोई यह जानना चाहता है कि इस मामले में आखिर कौन से वे लोग और शामिल हैं जो बड़े हैं़ बड़े से आशय कुछ तो दबी जुबान से अपने-अपने तरीके से निकाल रहे हैं, तो कुछ इस मामले में शर्मा से जुड़े लोगों को घेर रहे हैं़ इसके अलावा कुछ का यह उदाहरण भी है कि राजनीतिक जगत से जुड़े कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जो शर्र्मा के ओहदे (मंत्री पद से) से बड़े ओहदे पर होंगे़ उनका इशारा साफ तो नहीं होता है, मगर वे इस बात को राजभवन के ओएसडी धनराज की गिरफ्तारी और मुख्यमंत्री सचिवालय के पूर्व पीए़ प्रेम प्रसाद के इस घोटाले में आए नामों को लेकर पूरी करते नजर आते हैं़ इनके अलावा यह घोटाला अब राज्य के आम नागरिक तक पहुंचा है, जो चर्चा का विषय बन गया है़ इसकी चर्चा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद कुछ ज्यादा होने लगी है़
सोशल साइट्स पर ज्यादा कमेंट्स
व्यावसायिक परीक्षा मंडल की परीक्षा भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के बाद सर्वाधिक चर्चा इन दिनों सोशल साइटस पर हो रही है़ फेशबुक, ट्वीटर, वाट्सअप जैसी साइटों पर इस चर्चा ने कुछ ज्यादा स्थान पा लिया है़ यहां भी लोग उन्हीं लोगों के बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर वे बड़े लोग कौन हैं जिनकी ओर पूर्व मंत्री शर्मा ने गिरफ्तारी के पूर्व इशारा किया है़ सोशल साइट्स पर तो जैसे तूफान सा उठ गया है, हर कोई अपने तरीके से बड़े लोगों को खोज रहा है तो कोई इन बड़े लोगों की ओर इशारा भी करता नजर आ रहा है़ मगर इशारा करते वक्त वह इस बात का ध्यान जरुर रख रहा है कि कहीं उसका इशारा सटीक न बैठ जाए नहीं तो वह खूद उलझन में आ जाएगा़
अफसरों में बैचेनी
मंत्री रहते हुए लक्ष्मीकांत शर्मा के पास जिन विभागों का प्रभार था, उन विभागों में पदस्थ रहे अफसर भी अब शर्मा की गिरफ्तारी के बाद चिंतित नजर आ रहे हैं़ इन अफसरों को अब इस बात की चिंता है कि शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़ शुक्ला से उनके ज्यादा निकट के संबंध थे़ अफसर दबी जुबान से इतना तो कहने लगे कि मंत्री से ज्यादातर निर्देश शुक्ला के जरिए पहुंचाया जाया करते थे़ इन निर्देशों को जिन अफसरों ने पालन किया वे अब चिंतित और बैचेने हैं, उन इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनका नाम किसी तरह से नहीं आ जाए नहीं तो एसटीएफ के सामने पूछताछ की उनकी बारी आ जाएगी़ इस मामले में अफसरों की चिंता इसलिए भी बढ़Þी है, क्योंकि शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़शुक्ला की कॉल डिटेल के आधार पर एसटीएफ पूछताछ कर रही है़ इन अफसरों को इस बात की ज्यादा चिंता है कि अगर उस काल डिटेल में उनका नाम आया तो भी बेवजह एसटीएफ के चक्कर में आ जाएंगे और इस घोटाले से उनका नाम जुड़ जाएगा़ अफसरों की चिंता का एक कारण यह भी है कि तकनीकी शिक्षा में पदस्थ रही मुख्य सचिव अजिता वाजपेयी पांडे के पति अमित पांडे का नाम तो इस घोटाले में आ ही चुका है़ इसके बाद अजिता वाजपेयी की पदस्थापना ही बदल दी गई थी़
कौन-कौन हैं बैचेन अफसर
तकनीकी शिक्षा विभाग में पदस्थ रहे संजीव सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस सेवाराम, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग में पदस्थ अजिता वाजपेयी पांडे, प्रमुख सचिव पशुपालन प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जे़एनक़ंसोटिया आदि ऐसे अफसर हैं जो इन दिनों चिंतित नजर आ रहे हैं़ इन अफसरों को इस घोटाले से ज्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं ओ़पी़शुक्ला की कॉल डिटेल में उनका नंबर न आ जाए और वे किसी झमेले में न पड़ जाएं़
संघ क्यों हुआ खफा
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के इस घोटाले में नाम आने के बाद से संघ शर्मा से खफा नजर आ रहा है़ शर्मा ने संघ से जुड़कर अपने कैरियर की शुुरुआत की़ उन्होंने सरस्वती शिक्षा मंदिर में आचार्य की भूमिका निभाई़ वे संघ के बड़े करीबी माने जाते रहे, मगर ऐन वक्त पर संघ ही उनसे दूर हुआ इसके पीछे मुख्य कारण संघ के पूर्व प्रमुख स्वर्गीय कुप्प सी़ सुदर्शन का नाम इस घोटाले में आना है़ सुदर्शन जब भोपाल में रहे तब उनके निकटम मिहिर को शर्मा ने नापतौल विभाग में निरीक्षक पद पर पदस्थ कराया़ घोटाला उजागर हुआ और मिहिर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तो उसने पूरी कथा एसटीएफ को बता दी़ इसके बाद जब सुदर्शन का नाम इस घोटाले में आया तो शर्मा से संघ खफा हो गया़ संघ इस दाग को धोना चाहता था, यही वजह थी कि संघ के सुरेश सोनी की परवाह किए बिना संघ प्रमुख डा़ मोहनराव भागवत और भैयाजी जोशी ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की और शर्मा की गिरफ्तारी को हरी झंडी दे दी़
मंत्री और विधायक भी परेशान
पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद राज्य में ऐसा भूचाल आया है कि हर क्षेत्र में शर्मा से जुड़े लोग परेशान और बैचेन नजर आ रहे हैं़ इनमें कुछ मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल हैं़ इन्होंने कहीं न कहीं अपने समर्थकों के काम शर्मा से कराए हैं़ इनके कहने पर शर्मा ने कई विभागों में अलग-अलग तरीके से कामों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं़ अब जबकि शर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है और वे अपने गिरफ्तारी से पूर्व यह कह चुके हैं कि ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’ने मंत्रियों, पूर्व मंत्री और विधायक एवं पूर्व विधायकों को चिंता में डाल दिया है़ अब सभी इस मामले में पल-पल की खबर रख रहे हैं, कहीं उनका नाम न इस घोटाले से जुड़ जाए़ ऐसा भी नहीं कि भाजपा शासनकाल में भाजपा के ही विधायक या पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री शर्मा से जुड़े रहे हों, इनमें कांगे्रस के भी लोगों की संख्या कम नहीं हैं़
कांग्रेस खेमा भी हैं चिंतित
व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को लेकर आक्रामक रुख दिखाने वाली कांग्रेस भी इस मामले में शर्मा की गिरफ्तारी के बाद फूंक-फूंक कर कदम रखते हुए चलती नजर आ रही है़ कांग्रेस नेता बयानबाजी तो कर रहे हैं, मगर नापतौल कऱ इसका उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब मंगलवार को कांग्रेस के प्रवक्ता केक़े़मिश्रा ने इस घोटाले की कुछ कॉल डिटेल मीडिया में लाने के लिए पत्रकार वार्ता बुलवाई और बाद में वरिष्ठ नेताओं के दबाव में उन्होंने इसे स्थगित भी कर दिया़ उनकी पत्रकार वार्ता के स्थगित किए जाने की चर्चा अब तेज हो गई है और लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर किस कारण से मिश्रा ने अपनी पत्रकार वार्ता स्थगित की़ सूत्र बताते हैं कि इस काल डिटेल में कुछ कांग्रेस नेताओं के भी नाम शामिल हैं़ यहां उल्लेखनीय है कि व्यापमं की भर्ती परीक्षा से संबंधित दुग्ध संघ की परीक्षा घोटाले में कांग्रेस के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े प्रत्याशी संजीव सक्सेना खुद इन दिनों जेल में हैं़
ये हैं कुछ खास
* राजभवन में ओएसडी पदस्थ रहे धनराज को भी एसटीएफ ने इस मामले में आरोपी बनाया है़ धनराज की दोस्ती पंकज त्रिवेदी से रही़ उनके माध्यम से धनराज ने दोस्ती का फायदा उठाते हुए विदिशा के बसपा के जिला अध्यक्ष राधारमण अहिरवार से त्रिवेदी की मध्यस्थता कराई और अहिरवार ने करीब 8 से 10 अभ्यर्थियों से पैसा लेकर सौदा कराया़ इसके बाद राधारमण की लालच बढ़Þी और वह इस काम में लग गया़ वहीं धनराज ने मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश के कई अभ्यर्थियों को इस घोटाले के तहत फांसा और खुद को लाभ पहुंचाया़
* मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पूर्व पीए प्रेम प्रसाद का भी नाम इस घोटाले में आया है़ उन्हें व्यापमं के चीफ एनालिस्ट नीतिन महिन्द्रा की हार्डडिस्क में उनकी पुत्री अनीता के नाम आने पर एसटीएफ ने पूछताछ की है़ हालांकि एसटीएफ ने उन्हें छोड़ दिया था़ इसके बाद से वे नौकरी छोड़कर भाग गए़
* पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़शुक्ला को शर्मा के कार्यकाल में पावरफुल अफसर माना जाता था़ शुक्ला ही वे अफसर थे जो मंत्रीजी के कामकाज करते थे़ मंत्री के पास कोई पहुंचे या न पहुंचे, शुक्ला के पास पहुंचने वाले के काम हो जाते थे़ शुक्ला को एसटीएफ ने इस घोटाले में आरोपी बनाया है़ वे लंबे समय तक पहले तो फरार रहकर गिरफ्तारी से बचते रहे, मगर बाद में एसटीएफ के दबाव के चलते उन्होंने समर्पण कर दिया़ शुक्ला के कॉल डिटेल जो एसटीएफ के हाथ लगे हैं, वह अब उन सबके लिए परेशानी का कारण बन गए हैं जो मंत्री के यहां पहुंचकर शुक्ला के माध्यम से काम कराते रहे़
* पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के निकटतम माने जाने वाले सुधीर शर्मा अब भी फरार हैं़ एसटीएफ ने उनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी तरह से अब शिकंजा कस दिया है़ साथ ही उनकी संपत्ति का विवरण भी संग्रहित किया जा रहा है़ शर्मा ने पूर्व मंत्री के कार्यकाल में खूब कमाया और धन्ना सेठों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया़ हाल यह है कि कई भाजपा के बड़े नेता इनसे जुड़े हैं, जिस कारण वे अब भी फरार हैं, मगर संघ के दबाव के चलते जब पूर्व मंत्री गिरफ्तारी से नहीं बच सके तो शर्मा का बचना तो मुश्किल है़ यह माना जा रहा है कि शर्मा की गिरफ्तारी के बाद और भी इस घोटाले के कई राज सामने आ सकते हैं़
एसटीएफ के बाद अब डीजीपी हुए सक्रिय
राज्य के सबसे बड़े घोटाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले में एसटीएफ द्वारा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब राज्य के पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने सक्रियता दिखाई है़ उन्होंने राज्य के सभी रेंजों के आईजी, डीआईजी, पुलिस अधीक्षकों से सीधे वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए चर्चा की और सबको जमकर सुनाई़ उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि दो दिन के अंदल इस घोटाले से जुड़े अभ्यर्थियों की सूची तैयार की जाए और जो भी इससे जुड़े लोग हैं उनकी भी सूची बनाई जाए़ 30 जून तक इस मामले में गिरफ्तारियां हो जानी चाहिए़ श्री दुबे के निर्देश के बाद राज्य का पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है़ एसटीएफ के द्वारा मांगी जाने वाली हर मदद तो वे कर ही रहे हैं, मगर अपने तरीके से भी ये अधिकारी लोगों की गिरफ्तारी में जुट गए हैं़ बताया जाता है कि इंदौर के आईजी विपीन माहेश्वरी ने तो इस मामले में बीती रात को ही अधिकारियों की बैठक बुलाई और करीब 150 लोगों की सूची बनाकर उन्हें दो दिन के अंदर पकड़ने के निर्देश दे डाले़ सूत्रों की माने तो पुलिस महानिदेशक श्री दुबे ने खासा नाराजगी जताते हुए इस मामले के सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं़
शुरु हुई छापे की कार्यवाही
पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे के निर्देशों का असर आज ही दिखाई दिया़ खासकर मालवा के उस शहर में जहां से व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश हुआ था़ मालवा के इंदौर और उज्जैन रेंज की पुलिस ने बीती रात से छापे की कार्यवाही शुरु की और 50 से ज्यादा छात्रों को पकड़ा़ पुलिस ने मालवा अंचल के अलावा पूरे प्रदेशभर में अब छात्रों की पकड़ के लिए अभियान चलाते हुए छापे की कार्यवाही शुरु की है़
खुल गए पर प्यासे हैं स्कूल
राज्य के 5388 प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पीने के पानी की व्यवस्थाएं नहीं है़ नया शैक्षणिक सत्र शुरु हो गया और विभाग इस मूल सुविधा उपलब्ध नहीं करा पाया है़ विभाग इस मामले में यह तर्क दे रहा है कि उसने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में पानी की व्यवस्था कराई जाए़
राज्य में सरकार और शिक्षा विभाग दोनों मिलकर स्कूल चलो अभियान खूब जोर-शोर से चला रहे हैं, मगर स्कूलों में पानी जैसी व्यवस्थाएं अब भी नहीं हैं़ नए शैक्षणिक सत्र के तहत शासकीय स्कूल खुल गए हैं,मगर अब तक यहां पर बच्चों को पानी जैसी सुविधा से मोहताज होना पड़ रहा है़ विभाग यह कहकर पल्ला छाड़ रहा है कि हाल ही में इस अभियान की हुई समीक्षा के दौरान सभी जिलों के शिक्षा अधिकारियों को स्कूलों में पानी की व्यवस्था कराने के निर्देश दिए हैं, मगर हालात यह है कि वर्तमान में राज्य के 5388 प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों को पीने के पानी की व्यवस्था नहीं की गई है़ राज्य के 51 जिलों में से 45 जिले ऐसे हैं जहां पर स्कूलों में बच्चों को पीने के पानी की व्यवस्थाएं नहीं है़ इन जिलों के कुछ स्कूलों में पेयजल की टंकियां हैं भी तो जीर्ण-शीर्ण हालातों में हैं, तो कुछ स्कूलों में तो टंकियां भी नहीं है़
सबसे बुरे हालात राज्य के सिवनी जिले के प्राथमिक विद्यालयों के हैं, इस जिलें में 2903 प्राथमिक विद्यालयों में से 483 विद्यालयों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है, जबकि खण्डवा जिले में 1666 विद्यालयों में से 274 विद्यालय में पानी की समस्या है़ इस तरह राज्यभर के 114211 प्राथमिक विद्यालयों में से 5,388 विद्यालय ऐसे हैं जहां पर पीने के पानी की व्यवस्थाएं नये शैक्षणिक सत्र के खुलने पर भी नहीं हो पाई हैं़
स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री दीपक जोशी का इस मामले में कहना है कि बीते दिनों जब स्कूल चले हम अभियान की तैयारियों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के सामने यह मामला आया था तब उन्होंने इस मामले में सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्कूलों में बच्चों के पीने के पानी की व्यवस्था कराई जाए़ जल्द ही स्कूलों में बच्चों के लिए पानी की व्यवस्था हो जाएगी़
जिले संख्या
सिवनी 483
खण्डवा 274
रतलाम 272
शिवपुरी 265
डिंडोरी 245
भिंड 242
छतरपुर 226
मुरैना 183
मण्डला 179
बैतूल 167
झाबुआ 158
कटनी 149
सिंगरौली 143
विदिशा 142
दमोह 139
अनूपपुर 138
खरगौन 126
रीवा 124
गुना 121
इंदौर 120
उज्जैन 120
रायसेन 114
धार 108
भोपाल 105
देवास 98
राजगढ़Þ 96
शाजापुर 90
सिधी 83
छिंदवाड़ा 77
बालाघाट 77
मंदसौर 72
सीहोर 69
सागर 67
श्योपुर 59
नीमच 58
पन्ना 50
अलीराजपुर 42
शहडोल 34
उमरिया 32
बड़वानी 24
दतिया 21
बुरहानपुर 20
होशंगाबाद 13
हरदा 7
अशोकनगर 6
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कुल 5388
गुरुवार, 2 जनवरी 2014
बुच और दाहिमा पर ‘आप’ की नजर
आम आदमी की पार्टी ‘आप’ की नजरें मध्यप्रदेश के दो पूर्व आईएएस अफसरों एऩएऩबुच और मान दाहिमा पर टिकी हुई है़ एक ने तो लोकसभा चुनाव मैदान में उतरने के लिए करीब-करीब हामी भर दी है, मगर दूसरे अफसर एम़एऩबुच ने अभी कोई जवाब नहीं दिया है़ हालांकि पार्टी के पदाधिकारी उनकी छवि को भुनाकर लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों को कड़ी शिकस्त देने की तैयारी में हैं़ दिल्ली में आम आदमी की पार्टी ‘आप’ की सरकार क्या बनी, मध्यप्रदेश में उसका खासा असर दिखाई देने लगा है़ शहरी क्षेत्रों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों के अलावा लोकसभा चुनाव लड़ने की इच्छुक लोगों की भी कतारें लगने लगी है़ हाल यह है कि पार्टी की सदस्यता ग्रहण करने वालों की संख्या अब 1.25 लाख से ज्यादा पहुंच गया है़ पार्टी ने सदस्यता अभियान को देखते हुए अब राज्य में लोकसभा चुनाव की तैयारी भी शुरु कर दी है़ हालांकि अभी कितनी सीटों पर उसके प्रत्याशी मैदान में होंगे, इसका खुलासा नहीं किया गया है, मगर पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी फिलहाल यह मानकर चल रहे हैं कि सभी 29 लोकसभा सीटों पर आम आदमी पार्टी का प्रत्याशी मैदान में उतरेगा़ लोकसभा चुनाव के लिए मध्यप्रदेश इकाई ने अब साफ और स्वच्छ छवि वाले आईएएस अफसरों को तलाशना शुरु कर दिया है़ इसके तहत पार्टी की नजरें फिलहाल दो पूर्व आईएएस अफसरों एम़एऩबुच और मान दाहिमा पर टिकी हुई हैं़ बताया जाता है कि कांग्रेस से जुड़े मान दाहिमा ने तो आप पार्टी को अपनी सहमति दे दी है, मगर यह कहा है कि वे इस मामले में थोड़ा समय भी चाहते हैं़ वहीं दूसरे पूर्व आईएएस अफसर एम़एऩबुच से भी पार्टी पदाधिकारी संपर्क कर चुके हैं़ पार्टी पदाधिकारियों का मानना है कि अगर बुच सहमत हो जाते हैं तो उनके नाम का प्रभाव प्रदेश स्तर पर होगा़ फिलहाल बुच ने पार्टी पदाधिकारियों को इंतजार करने को कहा है़ उन्होंने कहा कि वे कुछ समय सोच-विचार करके ही कोई फैसला लेंगे़ मगर पार्टी पदाधिकारियों को इस बात की उम्मीद है कि इस मामले में बुच सहमत हो जाएंगे़ यहां उल्लेखनीय है कि एम़एऩबुच ने 1977 के लोकसभा चुनाव में बैतूल संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ा था़ हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा, मगर जनता के उन्हें निकटतम प्रत्याशी याने दूसरे स्थान पर नवाजा था़ इस चुनाव में कांग्रेस के असलम शेर खां तीसरे स्थान पर रहे थे़ इस वजह से आप पार्टी को यह भरोसा है कि अगर श्री बुच पार्टी में आ जाते हैं तो इसका प्रभाव प्रदेश भर में पड़ेगा और कुछ अच्छे लोग पार्टी के साथ नजर आएंगे़
स्वराज यात्रा 12 से
आम आदमी की पार्टी प्रदेश में 12 जनवरी से 19 जनवरी तक स्वराज यात्रा निकालने जा रही है़ इस यात्रा के तहत प्रदेश में पांच अलग-अलग जोन बनाए गए हैं़ ये जोन भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा हैं़ इन जानों पर अलग-अलग यात्राएं निकाली जाएंगी़ ये यात्राएं ब्लाक स्तर तक पहुंचकर अच्छे लोगों को पार्टी से जोड़ने के लिए उत्साहित कर प्रदेश सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर हल्ला बोलेगी़ आम आदमी पार्टी के अक्षय ने बताया कि पार्टी का ग्राफ ग्रामीण अंचल में बढ़Þा है इस वजह से हमने यह यात्रा निकालकर ग्रामीण अंचल में अब पार्टी के उद्देश्य को लोगों तक पहुंचाने का काम शुरु किया है़
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