गुरुवार, 19 जून 2014

आखिर कौन हैं वे बड़े लोग

लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद मंत्री, पूर्व मंत्री, अफसरों और विधायकों में बढ़Þने लगी बैचेनी राज्य के सबसे बड़े घोटाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले में पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद उनके द्वारा कहे कथन ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’ ने राज्य की राजनीति और प्रसाशनिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक इसे चर्चा में ला दिया कि आखिर कौन हैं वे बड़े लोग ?, जो इस घोटाले से जुड़े हैं़ शर्मा की गिरफ्तारी के बाद से इन बड़े लोगों के बारे में जानने को हर कोई उतावला नजर आ रहा है़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल भर्ती घोटाले में राज्य के पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की हुई गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ की सक्रियता कम और राजनीति से जुड़े लोगों, प्रशासनिक अफसरों और आम नागरिकों की सक्रियता कुछ ज्यादा नजर आई है़ दरअसल जिस दिन शर्मा को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया उस समय उन्होंने एक वाक्य कह दिया था़ जिसमें इस बात को बयां किया था कि ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’शर्मा का यह कथन उस दिन तो चर्चा में नहीं आया, मगर अब दो दिन बीत जाने के बाद इस कथन को लेकर राजनीतिक, प्रशासनिक गलियारों से लेकर आम आदमी तक यह चर्चा का विषय बन गया है़ हर कोई यह जानना चाहता है कि इस मामले में आखिर कौन से वे लोग और शामिल हैं जो बड़े हैं़ बड़े से आशय कुछ तो दबी जुबान से अपने-अपने तरीके से निकाल रहे हैं, तो कुछ इस मामले में शर्मा से जुड़े लोगों को घेर रहे हैं़ इसके अलावा कुछ का यह उदाहरण भी है कि राजनीतिक जगत से जुड़े कुछ लोग ऐसे हो सकते हैं जो शर्र्मा के ओहदे (मंत्री पद से) से बड़े ओहदे पर होंगे़ उनका इशारा साफ तो नहीं होता है, मगर वे इस बात को राजभवन के ओएसडी धनराज की गिरफ्तारी और मुख्यमंत्री सचिवालय के पूर्व पीए़ प्रेम प्रसाद के इस घोटाले में आए नामों को लेकर पूरी करते नजर आते हैं़ इनके अलावा यह घोटाला अब राज्य के आम नागरिक तक पहुंचा है, जो चर्चा का विषय बन गया है़ इसकी चर्चा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद कुछ ज्यादा होने लगी है़ सोशल साइट्स पर ज्यादा कमेंट्स व्यावसायिक परीक्षा मंडल की परीक्षा भर्ती घोटाले में पूर्व मंत्री की गिरफ्तारी के बाद सर्वाधिक चर्चा इन दिनों सोशल साइटस पर हो रही है़ फेशबुक, ट्वीटर, वाट्सअप जैसी साइटों पर इस चर्चा ने कुछ ज्यादा स्थान पा लिया है़ यहां भी लोग उन्हीं लोगों के बारे में जानना चाहते हैं कि आखिर वे बड़े लोग कौन हैं जिनकी ओर पूर्व मंत्री शर्मा ने गिरफ्तारी के पूर्व इशारा किया है़ सोशल साइट्स पर तो जैसे तूफान सा उठ गया है, हर कोई अपने तरीके से बड़े लोगों को खोज रहा है तो कोई इन बड़े लोगों की ओर इशारा भी करता नजर आ रहा है़ मगर इशारा करते वक्त वह इस बात का ध्यान जरुर रख रहा है कि कहीं उसका इशारा सटीक न बैठ जाए नहीं तो वह खूद उलझन में आ जाएगा़ अफसरों में बैचेनी मंत्री रहते हुए लक्ष्मीकांत शर्मा के पास जिन विभागों का प्रभार था, उन विभागों में पदस्थ रहे अफसर भी अब शर्मा की गिरफ्तारी के बाद चिंतित नजर आ रहे हैं़ इन अफसरों को अब इस बात की चिंता है कि शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़ शुक्ला से उनके ज्यादा निकट के संबंध थे़ अफसर दबी जुबान से इतना तो कहने लगे कि मंत्री से ज्यादातर निर्देश शुक्ला के जरिए पहुंचाया जाया करते थे़ इन निर्देशों को जिन अफसरों ने पालन किया वे अब चिंतित और बैचेने हैं, उन इस बात का डर सता रहा है कि कहीं उनका नाम किसी तरह से नहीं आ जाए नहीं तो एसटीएफ के सामने पूछताछ की उनकी बारी आ जाएगी़ इस मामले में अफसरों की चिंता इसलिए भी बढ़Þी है, क्योंकि शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़शुक्ला की कॉल डिटेल के आधार पर एसटीएफ पूछताछ कर रही है़ इन अफसरों को इस बात की ज्यादा चिंता है कि अगर उस काल डिटेल में उनका नाम आया तो भी बेवजह एसटीएफ के चक्कर में आ जाएंगे और इस घोटाले से उनका नाम जुड़ जाएगा़ अफसरों की चिंता का एक कारण यह भी है कि तकनीकी शिक्षा में पदस्थ रही मुख्य सचिव अजिता वाजपेयी पांडे के पति अमित पांडे का नाम तो इस घोटाले में आ ही चुका है़ इसके बाद अजिता वाजपेयी की पदस्थापना ही बदल दी गई थी़ कौन-कौन हैं बैचेन अफसर तकनीकी शिक्षा विभाग में पदस्थ रहे संजीव सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस सेवाराम, योजना एवं आर्थिक सांख्यिकी विभाग में पदस्थ अजिता वाजपेयी पांडे, प्रमुख सचिव पशुपालन प्रभांशु कमल, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा जे़एनक़ंसोटिया आदि ऐसे अफसर हैं जो इन दिनों चिंतित नजर आ रहे हैं़ इन अफसरों को इस घोटाले से ज्यादा चिंता इस बात की है कि कहीं ओ़पी़शुक्ला की कॉल डिटेल में उनका नंबर न आ जाए और वे किसी झमेले में न पड़ जाएं़ संघ क्यों हुआ खफा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के इस घोटाले में नाम आने के बाद से संघ शर्मा से खफा नजर आ रहा है़ शर्मा ने संघ से जुड़कर अपने कैरियर की शुुरुआत की़ उन्होंने सरस्वती शिक्षा मंदिर में आचार्य की भूमिका निभाई़ वे संघ के बड़े करीबी माने जाते रहे, मगर ऐन वक्त पर संघ ही उनसे दूर हुआ इसके पीछे मुख्य कारण संघ के पूर्व प्रमुख स्वर्गीय कुप्प सी़ सुदर्शन का नाम इस घोटाले में आना है़ सुदर्शन जब भोपाल में रहे तब उनके निकटम मिहिर को शर्मा ने नापतौल विभाग में निरीक्षक पद पर पदस्थ कराया़ घोटाला उजागर हुआ और मिहिर को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया तो उसने पूरी कथा एसटीएफ को बता दी़ इसके बाद जब सुदर्शन का नाम इस घोटाले में आया तो शर्मा से संघ खफा हो गया़ संघ इस दाग को धोना चाहता था, यही वजह थी कि संघ के सुरेश सोनी की परवाह किए बिना संघ प्रमुख डा़ मोहनराव भागवत और भैयाजी जोशी ने इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से चर्चा की और शर्मा की गिरफ्तारी को हरी झंडी दे दी़ मंत्री और विधायक भी परेशान पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद राज्य में ऐसा भूचाल आया है कि हर क्षेत्र में शर्मा से जुड़े लोग परेशान और बैचेन नजर आ रहे हैं़ इनमें कुछ मंत्री, पूर्व मंत्री, विधायक और पूर्व विधायक भी शामिल हैं़ इन्होंने कहीं न कहीं अपने समर्थकों के काम शर्मा से कराए हैं़ इनके कहने पर शर्मा ने कई विभागों में अलग-अलग तरीके से कामों के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं़ अब जबकि शर्मा की गिरफ्तारी हो चुकी है और वे अपने गिरफ्तारी से पूर्व यह कह चुके हैं कि ‘बड़ों को बचाने, चलो मैं ही गिरफ्तार हो जाता हूं़’ने मंत्रियों, पूर्व मंत्री और विधायक एवं पूर्व विधायकों को चिंता में डाल दिया है़ अब सभी इस मामले में पल-पल की खबर रख रहे हैं, कहीं उनका नाम न इस घोटाले से जुड़ जाए़ ऐसा भी नहीं कि भाजपा शासनकाल में भाजपा के ही विधायक या पूर्व विधायक एवं पूर्व मंत्री शर्मा से जुड़े रहे हों, इनमें कांगे्रस के भी लोगों की संख्या कम नहीं हैं़ कांग्रेस खेमा भी हैं चिंतित व्यावसायिक परीक्षा मंडल घोटाले को लेकर आक्रामक रुख दिखाने वाली कांग्रेस भी इस मामले में शर्मा की गिरफ्तारी के बाद फूंक-फूंक कर कदम रखते हुए चलती नजर आ रही है़ कांग्रेस नेता बयानबाजी तो कर रहे हैं, मगर नापतौल कऱ इसका उदाहरण उस वक्त देखने को मिला जब मंगलवार को कांग्रेस के प्रवक्ता केक़े़मिश्रा ने इस घोटाले की कुछ कॉल डिटेल मीडिया में लाने के लिए पत्रकार वार्ता बुलवाई और बाद में वरिष्ठ नेताओं के दबाव में उन्होंने इसे स्थगित भी कर दिया़ उनकी पत्रकार वार्ता के स्थगित किए जाने की चर्चा अब तेज हो गई है और लोग यह जानना चाहते हैं कि आखिर किस कारण से मिश्रा ने अपनी पत्रकार वार्ता स्थगित की़ सूत्र बताते हैं कि इस काल डिटेल में कुछ कांग्रेस नेताओं के भी नाम शामिल हैं़ यहां उल्लेखनीय है कि व्यापमं की भर्ती परीक्षा से संबंधित दुग्ध संघ की परीक्षा घोटाले में कांग्रेस के दक्षिण-पश्चिम विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े प्रत्याशी संजीव सक्सेना खुद इन दिनों जेल में हैं़ ये हैं कुछ खास * राजभवन में ओएसडी पदस्थ रहे धनराज को भी एसटीएफ ने इस मामले में आरोपी बनाया है़ धनराज की दोस्ती पंकज त्रिवेदी से रही़ उनके माध्यम से धनराज ने दोस्ती का फायदा उठाते हुए विदिशा के बसपा के जिला अध्यक्ष राधारमण अहिरवार से त्रिवेदी की मध्यस्थता कराई और अहिरवार ने करीब 8 से 10 अभ्यर्थियों से पैसा लेकर सौदा कराया़ इसके बाद राधारमण की लालच बढ़Þी और वह इस काम में लग गया़ वहीं धनराज ने मध्यप्रदेश के अलावा उत्तरप्रदेश के कई अभ्यर्थियों को इस घोटाले के तहत फांसा और खुद को लाभ पहुंचाया़ * मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के पूर्व पीए प्रेम प्रसाद का भी नाम इस घोटाले में आया है़ उन्हें व्यापमं के चीफ एनालिस्ट नीतिन महिन्द्रा की हार्डडिस्क में उनकी पुत्री अनीता के नाम आने पर एसटीएफ ने पूछताछ की है़ हालांकि एसटीएफ ने उन्हें छोड़ दिया था़ इसके बाद से वे नौकरी छोड़कर भाग गए़ * पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के ओएसडी रहे ओ़पी़शुक्ला को शर्मा के कार्यकाल में पावरफुल अफसर माना जाता था़ शुक्ला ही वे अफसर थे जो मंत्रीजी के कामकाज करते थे़ मंत्री के पास कोई पहुंचे या न पहुंचे, शुक्ला के पास पहुंचने वाले के काम हो जाते थे़ शुक्ला को एसटीएफ ने इस घोटाले में आरोपी बनाया है़ वे लंबे समय तक पहले तो फरार रहकर गिरफ्तारी से बचते रहे, मगर बाद में एसटीएफ के दबाव के चलते उन्होंने समर्पण कर दिया़ शुक्ला के कॉल डिटेल जो एसटीएफ के हाथ लगे हैं, वह अब उन सबके लिए परेशानी का कारण बन गए हैं जो मंत्री के यहां पहुंचकर शुक्ला के माध्यम से काम कराते रहे़ * पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा के निकटतम माने जाने वाले सुधीर शर्मा अब भी फरार हैं़ एसटीएफ ने उनकी गिरफ्तारी के लिए पूरी तरह से अब शिकंजा कस दिया है़ साथ ही उनकी संपत्ति का विवरण भी संग्रहित किया जा रहा है़ शर्मा ने पूर्व मंत्री के कार्यकाल में खूब कमाया और धन्ना सेठों की सूची में अपना नाम दर्ज करा लिया़ हाल यह है कि कई भाजपा के बड़े नेता इनसे जुड़े हैं, जिस कारण वे अब भी फरार हैं, मगर संघ के दबाव के चलते जब पूर्व मंत्री गिरफ्तारी से नहीं बच सके तो शर्मा का बचना तो मुश्किल है़ यह माना जा रहा है कि शर्मा की गिरफ्तारी के बाद और भी इस घोटाले के कई राज सामने आ सकते हैं़ एसटीएफ के बाद अब डीजीपी हुए सक्रिय राज्य के सबसे बड़े घोटाले व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले में एसटीएफ द्वारा पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा की गिरफ्तारी के बाद अब राज्य के पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे ने सक्रियता दिखाई है़ उन्होंने राज्य के सभी रेंजों के आईजी, डीआईजी, पुलिस अधीक्षकों से सीधे वीडियो कांफे्रसिंग के जरिए चर्चा की और सबको जमकर सुनाई़ उन्होंने साफ निर्देश दिए हैं कि दो दिन के अंदल इस घोटाले से जुड़े अभ्यर्थियों की सूची तैयार की जाए और जो भी इससे जुड़े लोग हैं उनकी भी सूची बनाई जाए़ 30 जून तक इस मामले में गिरफ्तारियां हो जानी चाहिए़ श्री दुबे के निर्देश के बाद राज्य का पुलिस महकमा सक्रिय हो गया है़ एसटीएफ के द्वारा मांगी जाने वाली हर मदद तो वे कर ही रहे हैं, मगर अपने तरीके से भी ये अधिकारी लोगों की गिरफ्तारी में जुट गए हैं़ बताया जाता है कि इंदौर के आईजी विपीन माहेश्वरी ने तो इस मामले में बीती रात को ही अधिकारियों की बैठक बुलाई और करीब 150 लोगों की सूची बनाकर उन्हें दो दिन के अंदर पकड़ने के निर्देश दे डाले़ सूत्रों की माने तो पुलिस महानिदेशक श्री दुबे ने खासा नाराजगी जताते हुए इस मामले के सभी आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं़ शुरु हुई छापे की कार्यवाही पुलिस महानिदेशक नंदन दुबे के निर्देशों का असर आज ही दिखाई दिया़ खासकर मालवा के उस शहर में जहां से व्यावसायिक परीक्षा मंडल की भर्ती परीक्षा घोटाले का पर्दाफाश हुआ था़ मालवा के इंदौर और उज्जैन रेंज की पुलिस ने बीती रात से छापे की कार्यवाही शुरु की और 50 से ज्यादा छात्रों को पकड़ा़ पुलिस ने मालवा अंचल के अलावा पूरे प्रदेशभर में अब छात्रों की पकड़ के लिए अभियान चलाते हुए छापे की कार्यवाही शुरु की है़

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