राजेन्द्र पाराशर। भोपाल, 24 मई
राज्य के नये पुलिस महानिदेशक के पद पर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मोहर लग सकती है. शुक्ला का नाम करीब-करीब तय माना जा रहा है. वैसे उनके अलावा सरबजीत सिंह का भी नाम लिया जा रहा था, मगर शुक्ला के लिए संघ से जुड़े पदाधिकारियों की सक्रियता ज्यादा नजर आ रही है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह को 30 जून को सेवानिवृत्त होना है. उनके उत्तराधिकारी के लिए आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी सक्रिय हैं, मगर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मोहर लगना तय माना जा रहा है. शुक्ला के नाम के लिए संघ ने भी सक्रियता दिखाई है. बताया जाता है कि संघ ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन को इस बात का संकेत दे दिया है कि प्रदेश में संघ की पसंद शुक्ला होंगे. इसके बाद शुक्ला के नाम को नये पुलिस महानिदेशक के रुप में तय माना जा रहा है. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला के हाथ अगर कमान मिलती है तो उनका कार्यकाल वर्ष 1920 तक होगा. इस बीच प्रदेश में विधानसभा के अलावा लोकसभा के चुनाव भी होने हैं. वैसे पूर्व में शुक्ला के स्थान पर पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस सरबजीत सिंह के नाम पर मोहर लगने की बात कही जा रही थी, मगर शुक्ला की कार्यशैली को देखते हुए वे पिछड़ते नजर आ रहे हैं. हालांकि सरबजीतसिंह को अगर पुलिस महानिदेशक की कमान मिलती तो उनका कार्यकाल 2017 में ही समाप्त हो जाता. सरबजीतसिंह के अलावा इस पद के लिए पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण रिना मित्रा और उनके पति डी.एम.मित्रा जो की केन्द्र में प्रति नियुक्ति पर हैं का नाम भी सामने आया, मगर डी.एम.मित्रा प्रदेश आना नहीं चाहते हैं. वहीं 1983 बैच की रीना मित्रा इस पद की होड़ में पिछड़ती नजर आई. कुल मिलाकर इस पद के लिए शुरु से ही सरबजीतसिंह और ऋषिकुमार शुक्ला का नाम लिया जा रहा था, मगर अब सत्ता और संगठन दोनों ही शुक्ला के नाम पर सहमत नजर आ रहे हैं. सूत्रों की माने तो शुक्ला के नाम पर सहमति बनी है, जल्द ही उन्हें ओएसडी बनाने के आदेश भी सरकार द्वारा कर दिए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार दो साल पहले शुक्ला जब केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे थे, तब उन्हें सरकार की ओर से पुलिस महानिदेशक पद की कमान संभालने का आश्वासन देकर रोका गया था. शुक्ला को तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रुप में महकमें में पहचान मिली है, यही वजह है कि उनकी यह छवि संघ और सरकार को भी पसंद आई है.
भोपाल, 24 मई
राज्य के नये पुलिस महानिदेशक के पद पर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मोहर लग सकती है. शुक्ला का नाम करीब-करीब तय माना जा रहा है. वैसे उनके अलावा सरबजीत सिंह का भी नाम लिया जा रहा था, मगर शुक्ला के लिए संघ से जुड़े पदाधिकारियों की सक्रियता ज्यादा नजर आ रही है.
राज्य के पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह को 30 जून को सेवानिवृत्त होना है. उनके उत्तराधिकारी के लिए आधा दर्जन आईपीएस अधिकारी सक्रिय हैं, मगर पुलिस हाउसिंग कार्पोरेशन के अध्यक्ष ऋषि कुमार शुक्ला के नाम पर मोहर लगना तय माना जा रहा है. शुक्ला के नाम के लिए संघ ने भी सक्रियता दिखाई है. बताया जाता है कि संघ ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन को इस बात का संकेत दे दिया है कि प्रदेश में संघ की पसंद शुक्ला होंगे. इसके बाद शुक्ला के नाम को नये पुलिस महानिदेशक के रुप में तय माना जा रहा है. 1983 बैच के आईपीएस अधिकारी शुक्ला के हाथ अगर कमान मिलती है तो उनका कार्यकाल वर्ष 1920 तक होगा. इस बीच प्रदेश में विधानसभा के अलावा लोकसभा के चुनाव भी होने हैं. वैसे पूर्व में शुक्ला के स्थान पर पुलिस महानिदेशक इंटेलिजेंस सरबजीत सिंह के नाम पर मोहर लगने की बात कही जा रही थी, मगर शुक्ला की कार्यशैली को देखते हुए वे पिछड़ते नजर आ रहे हैं. हालांकि सरबजीतसिंह को अगर पुलिस महानिदेशक की कमान मिलती तो उनका कार्यकाल 2017 में ही समाप्त हो जाता. सरबजीतसिंह के अलावा इस पद के लिए पुलिस महानिदेशक प्रशिक्षण रिना मित्रा और उनके पति डी.एम.मित्रा जो की केन्द्र में प्रति नियुक्ति पर हैं का नाम भी सामने आया, मगर डी.एम.मित्रा प्रदेश आना नहीं चाहते हैं. वहीं 1983 बैच की रीना मित्रा इस पद की होड़ में पिछड़ती नजर आई. कुल मिलाकर इस पद के लिए शुरु से ही सरबजीतसिंह और ऋषिकुमार शुक्ला का नाम लिया जा रहा था, मगर अब सत्ता और संगठन दोनों ही शुक्ला के नाम पर सहमत नजर आ रहे हैं. सूत्रों की माने तो शुक्ला के नाम पर सहमति बनी है, जल्द ही उन्हें ओएसडी बनाने के आदेश भी सरकार द्वारा कर दिए जाएंगे.
सूत्रों के अनुसार दो साल पहले शुक्ला जब केन्द्र में प्रतिनियुक्ति पर जा रहे थे, तब उन्हें सरकार की ओर से पुलिस महानिदेशक पद की कमान संभालने का आश्वासन देकर रोका गया था. शुक्ला को तेज-तर्रार और ईमानदार अधिकारी के रुप में महकमें में पहचान मिली है, यही वजह है कि उनकी यह छवि संघ और सरकार को भी पसंद आई है.
भोपाल, 24 मई
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