विधानसभा चुनाव 2023 के मद्देनजर भाजपा का पूरा फोकस आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 46 सीटों पर है। इन सीटों के लिए वह पूरी रणनीति के साथ काम कर रही है। अब राज्य के जिन नगर पालिका और नगर परिषदों में चुनाव हो रहे हैं उनमें आदिवासी वर्ग की संख्या को देखते हुए भाजपा के दिग्गज नेताओं ने मैदानी सक्रियता बढा दी है। भाजपा के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री, प्रदेष संगठन महामंत्री और खुद प्रदेष अध्यक्ष इन दिनों इन क्षेत्रों में सक्रियता दिखा रहे हैं।
प्रदेश में 17 नगर पालिका और 29 नगर परिषदों के लिए चुनाव हो रहे हैं। इनमें अधिकांश स्थान आदिवासी बहुल आते हैं। इसे देखकर संगठन ने अब रणनीति के तहत अपनी सक्रियता बढ़ा दी है। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा ने बैतूल, प्रदेश के क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल ने झाबुआ-अलीराजपुर और प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंडला जिले में सक्रियता बढ़ाई है। जामवाल ने अपने दूसरे प्रदेश प्रवास के दौरान इंदौर पहुंचकर सीधे झाबुआ-अलीराजपुर की ओर रूख किया और वे वहां के आदिवासी मतदाताओं के बीच पहुंचे और उनका रूख टटोला। वहीं अब प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी डी शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा भी नगरीय चुनाव के बहाने आदिवासी वर्ग में सक्रियता दिखाकर मतदाता का मन टटोल रहे हैं। कुल मिलाकर भाजपा संगठन का फोकस आदिवासी वर्ग की आरक्षित 46 सीटों पर है। इन सीटों पर भाजपा को 2018 के चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा था, इसके चलते भाजपा इस बार किसी तरह की कोई कमजोरी इन सीटों पर नहीं रहने देना चाह रही है।
मंत्रियों को भी सौंपी जिम्मेदारी
नगरीय निकाय चुनाव को देखते हुए खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इन क्षेत्रों में मंत्रियों को भी जिम्मेदारी सौंपी है। साथ ही विधायकों को भी सक्रिय किया है। साथ ही विधायक दल की बैठक में इन्हें साफ कहा गया है कि पहली प्राथमिकता इन निकाय चुनाव को दें, खासकर आदिवासी वर्ग के मतदाताओं के बीच पहुंचे और उन्हें योजनाओं की जानकारी दें। यह भी देखंे कि उन्हें योजनाओं का लाभ मिल रहा है या नहीं।





