रविवार, 14 जून 2015

डेरा डालने लगे नेता

गरोठ विधानसभा उपचुनाव को लेकर भाजपा के नेताओं ने भीतरघात को भांप कर डेरा डालना शुरु कर दिया है. यहां पर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की प्रतिष्ठा दांव पर लगी हुई है. वहीं कांग्रेस नेता भी अब सक्रियता दिखाने की तैयारी कर रहे हैं. सोमवार से कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव वहां डेरा डालेंगे. यादव के अलावा प्रदेश कांग्रेस प्रभारी मोहन प्रकाश भी आज गरोठ जाने के लिए भोपाल पहुंचे हैं. गरोठ विधानसभा उपचुनाव भाजपा के लिए चुनौती बन गया है. विशेषकर यहां पर प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया के बाद जब संघ और संगठन के कुछ कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी खफा नजर आए तो संगठन ने यहां पर पूरी ताकत लगानी शुरु कर दी है. फिलहाल डैमेज कंट्रोल करने के लिए नेताओं ने प्रयास शुरु कर दिए हैं. भाजपा नेताओं ने गरोठ पहुंचकर सभाएं लेने के अलावा कार्यकर्ताओं से सीधा संपर्क भी शुरु कर दिया है. खुद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान गरोठ पहुंचे हैं. चौहान के अलावा प्रदेश संगठन मंत्री अरविंद मेनन एवं भाजपा नेता तपन भौमिक, जगदीश देवड़ा, कैलाश चावला के अलावा मालवा के नेताओं ने गरोठ पहुंचना शुरु कर दिया है. ये नेता अभी कार्यकर्ताओं एवं स्थानीय पदाधिकारियों से संपर्क कर उन्हें पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार अभियान में भाजपा प्रत्याशी चंदरसिंह सिसोदिया के समर्थन में मैदान में उतरने को कह रहे हैं. भीतरघात की स्थिति को देखने के बाद इन नेताओं ने एकजुटता दिखाते हुए स्थानीय पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को यह कहना शुरु कर दिया है कि संगठन द्वारा घोषित प्रत्याशी के पक्ष में पूरी ताकत हर कार्यकर्ता को लगानी है. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी यहां पर चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत तो कर दी है. प्रदेश कांग्रेस की ओर से अभी कोई बड़ा नेता तो वहां कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी माहौल बनाने नहीं पहुंचा है, मगर स्थानीय स्तर पर सुभाष सोजतिया की टीम सक्रियता बनाए हुए हैं. सोमवार को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव खुद अपनी टीम के साथ गरोठ पहुंच रहे हैं. वह अब चुनाव प्रचार के अंतिम समय तक वहां रहकर सिसोदिया के पक्ष में माहौल बनाएंगे. वहीं प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी मोहन प्रकाश भी आज भोपाल पहुंच गए. वे कल सीहोर होते हुए गरोठ पहुंचेंगे. गरोठ में चुनाव प्रचार में अब तेज आने लगी है. साथ ही दोनों दलों ने अब मैदानी जमावट शुरु कर दी है. बड़े नेताओं ने पहुंचकर चुनावी माहौल को गति देने और कार्यकर्ताओं को संगठित होकर चुनाव प्रचार में जुटने की बात कहनी शुरु कर दी है. भाजपा को यहां पर अपने ही दल के भीतरघातियों से भय है, तो कांग्रेस इस बार यहां पूरी ताकत से मैदान में उतरकर बहोरीबंद में मिली विजय के बाद फिर से खाता खोलने की तैयारी कर रही है. आठ प्रत्याशी मैदान में गरोठ विधानसभा क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों सहित आठ प्रत्याशी मैदान में हैं. नाम वापसी के बाद यहां पर छह निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में जमे हुए हैं. छोटे दलों बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी के अलावा अन्य दलों ने उपचुनाव से दूरी बनाने का पहले ही फैसला कर लिया है. इस वजह से इन दलों के प्रत्याशी मैदान में नहीं है. छह निर्दलीय प्रत्याशी जो मैदान में है, उनमें से एक भी ऐसा प्रत्याशी नहीं है, जो भाजपा या फिर कांग्रेस प्रत्याशी की जीत-हार में मुसीबत खड़ी कर सके.

शुक्रवार, 12 जून 2015

भीतरघात से डरी भाजपा

मध्यप्रदेश के गरोठ विधानसभा क्षेत्र के लिए हो रहे उपचुनाव में भाजपा को एक बार फिर भीतरघात का डर सताने लगा है. भाजपा ने इसके लिए अभी से डेमेज कंट्रोल करना शुरु कर दिया है. टिकट से वंचित दावेदारों को पदों का प्रलोभन देकर शांत करने की कवायद संगठन ने शुरु कर दी है. गरोठ विधानसभा क्षेत्र में हो रहे उपचुनाव को लेकर नामांकन भरने के बाद से भाजपा संगठन ज्यादा चिंतित नजर आने लगा है. संगठन विशेषकर प्रदेश अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान की यहां पर प्रतिष्ठा दांव पर लग गई है. संघ के देवीलाल धाकड़ का टिकट काटना उनकी चिंता का प्रमुख कारण है. चौहान ने नामांकन भरने के बाद जब वहां पर कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों को गुटों में बंटा देखा तो उनकी यह चिंता कुछ ज्यादा ही बढ़Þ गई. भीतरघात ज्यादा न बढ़Þे इसके लिए उन्होंने गुरुवार की रात से ही प्रयास भी शुरु कर दिए. सबसे पहले उन्होंने दिवंगत विधायक राजेश यादव के पुत्र विनीत से चर्चा की और उनकी नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया. नाराज विनीत को अध्यक्ष की ओर से यह आश्वासन दिया गया है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का प्रदेश उपाध्यक्ष बना दिया जाएगा. फिलहाल वे नाराजगी को छोड़कर संगठन के घोषित प्रत्याशी के पक्ष में काम करें. विनीत के अलावा प्रदेश अध्यक्ष ने संघ से जुड़े और टिकट के प्रमुख दावेदार देवीलाल धाकड़ गुट से जुड़े लोगों से भी चर्चा की. हालांकि धाकड़ समर्थकों की नाराजगी को वे पूरी तरह से अब तक तो दूर नहीं कर पाए हैं, मगर उन्होंने धाकड़ को इस बात का संदेश दे दिए हैं कि चुनाव के बाद उन्हें संगठन कोई अच्छा पद देगा. हालांकि धाकड़ इस मामले में अब तक संगठन को इस बात के लिए आस्वस्त नहीं कर पाए हैं कि वे चंदरसिंह सिसोदिया के पक्ष में चुनाव प्रचार करेंगे या नहीं. फिलहाल धाकड़ के साथ बड़ी संख्या में गरोठ विधानसभा क्षेत्र के पदाधिकारी और कार्यकर्ता हैं, जो भाजपा संगठन की चिंता बने हुए हैं. यहां उल्लेखनीय है कि धाकड़ संघ के मंदसौर जिला कार्यवाह थे, जिन्हें संघ ने चुनाव लड़ने के लिए कार्यमुक्त कर दिया था. इसके बाद भी संगठन ने उन्हें टिकट नहीं दिया. इसी तरह से दिवंगत विधायक यादव की पत्नी सीमा यादव का नाम भी चुनाव समिति ने पैनल में रखा था, मगर ऐनवक्त पर प्रदेश अध्यक्ष चौहान ने सिसोदिया पर भरोसा जताया और उनके नाम पर मोहर लगा दी. इसके बाद से धाकड़ के अलावा यादव समर्थक भी नाराज है. इस मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान का कहना है कि गरोठ में संगठन पूरी एकता और ताकत के साथ चुनाव लड़ेगा और भाजपा प्रत्याशी जीतेगा. उन्होंने कहा कि वहां पर ऐसी कोई स्थिति नहीं है, जो संगठन के लिए चिंता की बात हो. वैसे हर चुनाव के वक्त जिसे टिकट नहीं मिलता है वह नाराज तो होता है, मगर संगठन से दूर नहीं होता. उन्होंने कहा कि अगर कोई नाराज है तो उसकी नाराजगी दूर कर दी जाएगी. अभी तो चुनाव प्रचार की शुरुआत है. सभी लोग मिलकर भाजपा के पक्ष में काम करेंगे. उन्होंने कहा कि भाजपा ने हर चुनाव को गंभीरता से लिया और लड़ा है. गरोठ में भी पूरी गंभीरता के साथ चुनाव लड़ा जाएगा.

संघ की नाराजगी का भय

गरोठ में होने वाले उपचुनाव में भाजपा को प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया को लेकर नामांकन भरने के बाद संघ की नाराजगी का भय सताने लगा है. संघ यहां पर यहां अपने जिला कार्यवाह देवीलाल धाकड़ को मैदान में उतारना चाहता था, मगर संगठन ने उसकी मंशा को नजरअंदाज कर दिया और चंदरसिंह सिसोदिया को टिकट दिया. हालांकि भाजपा जीत के प्रति आश्वस्त है और सिसोदिया को भी संघ का कार्यकर्ता बता रही है. मगर अंदरुनि कलह भी सामने दिखाई दे रही है. भाजपा के लिए गरोठ उपचुनाव अपनों की नाराजगी से घिरता नजर आ रहा है. यहां पर संघ के धाकड़ को टिकट न दिए जाने से दो गुटों में भाजपा नेता और कार्यकर्ता बंट से गए हैं. इसका नजारा बुधवार को जब घोषित प्रत्याशी सिसोदिया का नामांकन भराने स्वयं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमारसिंह चौहान वहां पहुंचे तो भाजपा दो गुटों में बंटी नजर आई. नामांकन भरने से लेकर सभा तक संगठन और संघ से जुड़े पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के बीच साफतौर पर दूरी दिखाई. इस बात को संगठन ने भांप भी लिया और वह अब यहां पर कोई भी गलति नहीं करना चाह रहा है. संघ को मनाने के लिए संगठन की ओर से प्रदेश महामंत्री अरविंद मेनन को जिम्मेदारी सौंपने की बात कही जा रही है. मेनन इस मामले में संघ के नाराज पदाधिकारियों को कार्यकर्ताओं को मनाने का प्रयास करें ऐसा संगठन चाहता है, हालांकि अभी मेनन से इस मामले में संगठन की ओर से कोई चर्चा नहीं की गई है. फिलहाल स्वयं मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष दोनों ही इस मामले में आई दूरी को कम करने का प्रयास कर रहे हैं. उपचुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से ही संघ ने भाजपा संगठन को इस बात के संकेत दे दिए थे कि संघ के देवीलाल धाकड़ को मैदान में उतारा जाए. इसके बाद संघ ने भाजपा चुनाव समिति की बैठक वाले दिन धाकड़ को जिला कार्यवाह के पद से भी मुक्त कर दिया था, ताकि यह पद उनके प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में आड़े नहीं आए. इसके बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया और यहां पर अपनी पसंद के व्यक्ति चंदरसिंह सिसोदिया को प्रत्याशी बनाने की घोषणा कर दी और नामांकन भी भरा दिया. इसके बाद संघ के मंदसौर जिले एवं मालवा के पदाधिकारी खफा से हो गए हैं. ये पदाधिकारी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष द्वारा उठाए गए इस कदम से नाराज हैं, यही वजह है कि गरोठ में नामांकन भरने के साथ ही भाजपा को संघ के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों का साथ नहीं मिल रहा है. यह भाजपा के चिंता खड़ी कर रहा है. वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान यहां पर भाजपा की जीत के प्रति आश्वस्त हैं. उनका कहना है कि ऐसी कोई बात नहीं है कि वहां पर भाजपा दो गुटों में बंटी है और प्रत्याशी चयन को लेकर संघ या वहां के संघ के कार्यकर्ता नाराज हैं.

विकास के भरोसे भाजपा

मध्यप्रदेश के गरोठ विधानसभा उपचुनाव को लेकर गहमा-गहमी शुरु हो गई है. भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दल यहां पर जीत के गुणा-भाग बैठाने लगे हैं. भाजपा को सरकार के कार्यकाल में हुए विकास पर भरोसा है, तो कांग्रेस यहां पर जाति और वर्ग की राजनीति कर मतदाता को साधने की रणनीति बना रही है. वहीं वरिष्ठ नेताओं को साथ कांग्रेस प्रत्याशी को मिलने की उम्मीद भी बताई जा रही है. गरोठ विधानसभा में आज नामांकन भरने के अंतिम दिन स्थिति साफ हो गई है. यहां पर भाजपा और कांग्रेस के बीच सीधा मुकाबला है. भाजपा ने यहां पर मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान के चेहरे पर एक बार फिर विजय की उम्मीद जताई है. संगठन ने वैसे तो 40 से ज्यादा स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर उसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को भी शामिल किया है, मगर पूरा जोर संगठन की ओर से मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान पर ही रहेगा. संगठन यहां पर उनकी ज्यादा से ज्यादा सभाएं कराकर विजय का रथ जारी रखना चाह रहा है. बहोरीबंद उपचुनाव में हार के बाद संगठन ने अब फैसला किया है कि गरोठ में भी कांग्रेस के बढ़Þते उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री को ही चुनावी कमान सौंपी जाए. आज भी मुख्यमंत्री ने भाजपा प्रत्याशी चंदर सिंह का नामांकन भरवाया और साथ रहकर रोड शो भी किया. जनता के बीच उन्होंने यह विश्वास दिलाया कि विकास की भाजपा का ध्येय हैं. भाजपा संगठन के अन्य पदाधिकारियों ने मतदाता के बीच साफ संदेश दिया कि भाजपा विकास के लिए ही चुनाव लड़ रही है. गरोठ का विकास भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में परिणाम आने पर और तेज होगा. उल्लेखनीय है कि भाजपा संगठन ने यहां पर जातिगत आधार पर प्रत्याशी का चयन किया है. गरोठ विधानसभा क्षेत्र में सोंधिया राजपूत समाज के मतदताओं की अधिकता को देख संगठन ने चंदरसिंह को प्रत्याशी बनाया. इसके अलावा उनके अब तक के मैदानी कामों का फायदा और संघ की पृष्ठभूमि का फायदा मिलने की उम्मीद भाजपा को है. इन सबके अलावा भाजपा को यहां पर विश्वास है कि विकास के कामों के आधार पर ही उसकी विजय तय है. वहीं कांग्रेस यहां पर वर्ग और जाति का सहारा ले रही है. कांग्रेस द्वारा पूर्व मंत्री और चार बार चुनाव जीत चुके सुभाष सोजतिया को मैदान में उतार यह संदेश दिया है कि जैन समाज का मतदाता उसके प्रत्याशी के साथ जाएगा. गरोठ विधानसभा में सोंधिया राजपूत और जैन समाज के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. जैन समाज के मतदाता सोंधिया समाज से ज्यादा बताए जाते हैं. जैन समाज के मतदाताओं के बीच सोजतिया की पैठ को लेकर कांग्रेस आश्वस्त है कि वह बहोरीबंद विधानसभा क्षेत्र में जिस तरह से उसके पक्ष में परिणाम आए थे, ठीक उसी तरह का परिणाम यहां भी आएगा. कांग्रेस की ओर से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव के हाथ में चुनाव की कमान रहेगी. वे 15 जून से अपनी टीम के साथ गरोठ में ही डेरा जमाए रहेंगे. कांग्रेस ने बदलेगी रणनीति गरोठ विधानसभा में कांग्रेस भी अपनी रणनीति बदलकर बूथ स्तर पर सक्रियता दिखाएगी. सूत्रों की माने तो भाजपा के पेज प्रभारी की तर्ज पर कांग्रेस भी यहां पर बूथ स्तर पर प्रभारी बनाकर बूथ प्रभारी को 20 से 25 मतदाताओं की जिम्मेदारी सौंपने की तैयारी कर रही है.बूथ प्रभारी के ऊपर कांग्रेस सेक्टर प्रभारी बनाएगी, जो इनकी मॉनीटरिंग करेगा. साथ ही हर बूथ की जानकारी कांग्रेस पदाधिकारियों को देता रहेगा. यहां उल्लेखनीय है कि भाजपा ने पिछला विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव पेज प्रभारी बनाकर लड़ा था. उसे इस मामले में सफलता भी मिली थी. इसके बाद भाजपा ने महाराष्ट्र, दिल्ली और हरियाणा विधानसभा के चुनाव में भी इस प्रयोग को अपनाया जहां उसे सफलता मिली थी.

परिवारवाद से दूर हुई भाजपा

गरोठ में होने जा रहे उपचुनाव को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने काफी मंथन के बाद मैदान में घुटे हुए और क्षेत्र में खासा पहचान वाले नेताओं को मैदान में उतारा है. भाजपा ने बहोरीबंद उपचुनाव में मिली करारी हार के बाद यहां पर परिवार से दूरी बनाई है. वहीं कांग्रेस ने पूर्व मंत्री और चार मर्तबा चुनाव जीत चुके सुभाष सोजतिया को यहां मैदान में उतारा है. मंदसौर जिले के गरोठ विधानसभा के विधायक स्वर्गीय राजेश यादव के निधन के बाद यह सीट रिक्त थी. यहां पर 27 जून को मतदान होना है. बुधवार को नामांकन का अंतिम दिन होने से एक दिन पहले दोनों ही दलों ने अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी. दोनों दलों ने भाजपा ने जहां संघ की पृष्ठभूमि वाले चंदरसिंह सिसोदिया को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने यहां पर पूर्व मंत्री रहे सुभाष सोजतिया पर भरोसा जताया है. दोनों ही नेता जमीन से जुड़े हैं और क्षेत्र के मतदाताआें के बीच खासा पकड़ भी रखते हैं. संघ की पृष्ठभूमि वाले सिसोदिया वर्तमान में भाजपा की मंदसौर जिला इकाई के उपाध्यक्ष है साथ ही गरोठ जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष भी है. वे बीते विधानसभा चुनाव में चुनाव प्रभारी भी रहे. इसके अलावा कई पदों पर वे सांगठनिक पदों पर भी वे रहे हैं. सरपंच पद से लेकर जनपद अध्यक्ष तक का चुनाव उन्होंने लड़ा और जीता भी. इस बार भी प्रत्याशी चयन की प्रक्रिया में उनसे आगे संघ के ही देवीलाल धाकड़ का नाम था. इसके बाद अचानक चुनाव समिति की बैठक वाले दिन संगठन ने तय नामों के पैनल में स्वर्गीय राजेश यादव की पत्नी सीमा यादव का नाम आया था. मगर संगठन ने यहां पर इस बार परिवारवाद से दूरी बनाना बेहतर समझा. इसके पीछे मूल कारण यह रहा कि बहोरीबंद में हुए उपचुनाव में भाजपा ने स्वर्गीय प्रभात पाण्डे के पुत्र को मैदान में उतारा था. भाजपा को यहां पर सदभावना लहर के तहत विजय मिलने की पूरी उम्मीद थी. मगर ऐसा नहीं हुआ. यहां पर भाजपा को करारी हार मिली और सत्ता से बाहर रहते हुए भी कांग्रेस ने यहां पर चुनाव जीता. इस हार को इस बार उपचुनाव में भाजपा ने सबक के रुप में लिया है और जमीन से जुड़े सिसोदिया को उम्मीदवार के रुप में मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस के लिए गरोठ उपचुनाव एक बार फिर चुनौती के रुप में सामने आया. कांग्रेस के सामने वैसे तो एक दर्जन दावेदार यहां से थे, मगर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव यहां पर पूर्व मंत्री और चार बार चुनाव जीते सुभाष सोजतिया को यहां पर मैदान में उतारना चाहते थे. पूर्व में सिसोदिया चुनाव लड़ने से मना करते रहे, मगर प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेताओं विशेषकर दिग्विजयसिंह के प्रयासों से वे राजी हो गए और कांग्रेस ने उन्हें अपना प्रत्याशी बनाया. दोनों ही दल अब अपने प्रत्याशी मैदान में उतार चुके हैं. दोनों प्रत्याशी जमीन से जुड़े हैं और चुनाव लड़ने का भी खासा अनुभव भी है. इस बार दोनों प्रत्याशियों को संगठन पर पूरा भरोसा है कि संगठन पूरी ताकत से उनके पक्ष में मैदान में दिखाई देगा. सोजतिया खुद संगठन का साथ मिलने की स्थिति में यहां से चुनाव लड़ने को तैयार हुए हैं. उन्हें भरोसा है कि सभी वरिष्ठ नेताओं और संगठन यहां पर पूरी ताकत से उनके पक्ष में चुनाव मैदान में उतरकर प्रचार करेगा. छोटे दलों ने बनाई दूरी गरोठ विधानसभा उपचुनाव में इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों के बीच सीधा मुकाबला होना तय हो गया है. यहां पर छोटे दलों ने चुनाव मैदान में अपने प्रत्याशी नहीं उतारने का फैसला किया है. बहुजन समाज पार्टी से सालों से ही प्रदेश में उपचुनाव में प्रत्याशी मैदान में उतारती ही नहीं है. वहीं समाजवादी पार्टी ने भी इस बार चुनाव मैदान में प्रत्याशी न उतारने का फैसला किया है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष गौरी यादव ने कहा कि हमारा पूरा लक्ष्य अब संगठन को मजबूत करना है. इस कारण हम जिला इकाईयों को सक्रिय कर रहे हैं. उपचुनाव लड़ने से ज्यादा हमारा उद्देश्य संगठन को मजबूती देना है. हम सीधे अब विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे. इसके अलावा जनता दल यू ने भी यहां पर चुनाव लड़ने से दूरी बना ली है. जनता दल यू के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद यादव का कहना है कि उपचुनाव वैसे तो सत्ता के पक्ष में ही जाते रहे हैं. इस वजह से चुनाव मैदान में हम प्रत्याशी नहीं उतारेंगे.

संघर्ष करो, नहीं तो पद छोड़ो

समाजवादी पार्टी ने अब प्रदेश में संगठन को मजबूत करने के लिए संघर्ष करने वाले पदाधिकारियों को ही पद देने का फैसला किया है. जनसमस्याओं को लेकर सड़क पर संघर्ष करने वालों की जानकारी प्रदेश इकाई जुटा रही है. लंबे समय से प्रदेश में शांत दिखाई दे रही समाजवादी पार्टी की प्रदेश इकाई में अब बदलाव के आसार नजर आ रहे हैं. पार्टी ने तय किया है कि कार्यकर्ताओं को संगठित कर पार्टी को मजबूत करने वाले पदाधिकारियों की सूची तैयार की जाए. इसके लिए संगठन ने काम शुरु कर दिया है. प्रदेश अध्यक्ष गौरी यादव ने संगठन पदाधिकारियों के अलावा कार्यकर्ताओं एवं जिला इकाई के पदाधिकारियों को इस बात का संदेश दे दिया है कि जो संगठन में काम करेगा, संगठन को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर उन्हें संगठित करेगा, वही पद पर रह पाएगा. यादव ने कहा कि कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को सड़क पर उतरना होगा. अगर वे सड़क पर उतरकर संघर्ष नहीं करेंगे तो उन्हें पद छोड़ना होगा. इसके लिए पार्टी निष्क्रिय पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की जानकारी जुटा रही है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष यादव ने कहा कि संगठन को गति देने के लिए हमने संभागीय सम्मेलनों की शुुरुआत की थी, जो चल रहे हैं. इन सम्मेलनों के दौरान हमें यह देखने को मिला कि हमारी कुछ जिला इकाईयां निष्क्रिय है, इन जिला इकाईयों को सक्रिय करने के लिए हमें अनुशासन का डंडा चलाना पड़ेगा. यादव ने कहा कि इसके लिए हमने तय किया है कि जो कार्यकर्ता और पदाधिकारी सक्रिय रहेंगे साथ ही जो सड़क पर उतरकर कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष करेंगे हम उन्हें ही पद देंगे. जल्द ही प्रदेश में सपा का नया संगठन नजर आएगा. भोपाल से की जिला इकाईयों भंग करने की शुरुआत समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गौरी यादव के निर्देश मिलने के बाद प्रदेश महामंत्री अजहर अली खान ने भोपाल जिला शहर एवं ग्रामीण दोनों ही इकाईयों को भंग कर दिया है. उन्होंने बताया कि इन इकाईयों को इसलिए भंग किया गया, क्योंकि इनमें पदाधिकारी निष्क्रिय थे. एक सप्ताह के अंदर दोनों ही इकाईयों में जिला अध्यक्ष सहित पदाधिकारियों की नियुक्ति कर दी जाएगी. उन्होंने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष द्वारा दिए निर्देश के तहत अन्य जिला इकाईयों की भी जानकारी जुटाई जा रही हैं, जो निष्क्रिय हैं. जल्द ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी.