मध्यप्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता के.के. मिश्रा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से आग्रह किया है कि वे व्यापमं घोटाले की फिर से जांच कराएं. उन्होंने कहा कि मैंने जो शिवराज सिंह चौहान पर आरोप लगाए थे, जिसके चलते मुझे सजा सुनाई गई, मैं उन आरोपों पर अब भी कायम हूं. उन्होंने कहा कि मैं फिर से दोहरा रहा हूं कि व्यापमं घोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज शिवराज सिंह, उनके षड्यंत्रकारी सहयोगियों ने ही गायब करवाएं हैं.
मध्यप्रदेश के चर्चित व्यापमं महाघोटाले को लेकर रिकार्ड में गुमनाम पत्र पर मौजूदा कमलनाथ व पूर्ववर्ती शिवराजसिंह सरकार के दो अलग-अलग जवाबों ने एक बार फिर जांच एजेंसियों के चरित्र को तार-तार कर दिया है. व्यापमं महाघोटाले की दस्तावेजी प्रमाणों के आधार पर आवाज उठाने से तिलमिलाए पूर्व मुख्यमंत्री द्वारा मेरे विरुद्ध लगाए गए मानहानि प्रकरण में दस्तावेजी सबूतों को नष्ट कर,राजनैतिक रसूख का उपयोग कर हालांकि मुझे 2 साल की सजा दिलाई गई. विवेक तन्खा, अजय गुप्ताजी, रवि पाटीदार व अन्य लब्ध प्रतिष्ठित अभिभाषकों की कृपा से मैं सुप्रीम कोर्ट से बरी हुआ. शिवराज सिंह चौहान व उनके षड्यंत्रकारी मित्रों को मुंह की खानी पड़ी.
मिश्रा ने मुख्यमंत्री कमलनाथ से कहा कि आज मैं पुन: दोहरा रहा हूं कि व्यापमं महाघोटाले से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेज शिवराज सिंह, उनके षड्यंत्रकारी मित्रों ने ही गायब करवाएं हैं. हार्डडिस्क में छेड़छाड़ हुई हैं. तत्कालीन जांच एजेंसियों ने ही मुख्यमंत्री निवास से आरोपी अधिकारियों को किए गए 194 काल डिटेल की रिपोर्ट गायब की है,जिसमें उस वक्त के मौजूदा पुलिस महानिदेशक की भूमिका संदिग्ध है. परिवहन विभाग के ग्वालियर स्थित दफ्तर में आग क्यों-कैसे लगी ऐसे कई अनुत्तरित सवाल आज भी मौजूद हैं. मिश्रा ने कहा कि हमारे वचन-पत्र में उल्लेखित वायदों के अनुरूप जांच करवा दीजिए ताकि ऐसे सफेदपोश राजनैतिक चेहरों का वास्तविक चरित्र सामने आ सके.

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