शुक्रवार, 12 जुलाई 2019

गोवा के समुद्री तट से उठा मानसून कर्नाटक होते हुए मध्यप्रदेश की ओर अग्रसर

विधानसभा में शिक्षकों के नियमितकरण, वेतनवृद्धि पर तीखी नोंक-झोंक

राज्य विधानसभा में आज सरकार की समय सीमा को लेकर भाजपा विधायकों ने कांग्रेस सरकार पर कटाक्ष किया. भाजपा के वरिष्ठ विधायक नरोत्तम मिश्रा ने तो यहां तक कह दिया कि उन्हें वाट्स एप पर एक मैसेज आया, जिसमें लिखा था कि गोवा के समुद्री तट से उठा मानसून कर्नाटक होते हुए मध्यप्रदेश की ओर अग्रसर है. मिश्रा की इस बात पर कांग्रेस मंत्रियों ने जवाब दिया, वह मध्यप्रदेश में प्रवेश नहीं कर पाएगा. वहीं विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कहा कि यह सदन का विषय नहीं है.
प्रश्नकाल के दौरान विधायक जालम सिंह पटेल द्वारा निजी स्कूलों, कालेजों के शिक्षकों की वेतनवृद्धि और शिक्षकों के नियमितिकरण का मुद्दा उठाया. उन्होंने कहा कि सरकार ने वचन पत्र में वादे को खूब किए, मगर छह माह बीत गए, वादे पूरे नहीं कर पा रही है. उन्होंने अतिथि शिक्षकों का भी मामला उठाया और कहा कि सरकार वचन पत्र की बात कहकर बना ली, मगर अब वचन पत्र के वचन तो पूरा करो. इस पर स्कूल शिक्षा मंत्री डा. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि स्कूलों, महाविद्यालयों और शिक्षकों की वेतनवृद्धी पर हमने वचन दिया था कि हम इस पर विचार करेंगे.  मंत्री के अतना कहने पर भाजपा विधायक जोर-जोर से बोलने लगे. सरकार तो वचन देकर बना ली, मगर वचन तो पूरा करों. इस बीच नेता प्रतिपक्ष   गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा सहित अन्य विधायक अपने स्थानों पर खड़े हो गए और हंगामा करने लगे. भार्गव ने कहा कि सरकार चलेगी भी कि नहीं पता नहीं, लेकिन वचन पत्र की बात करते हैं. कोई काम नहीं हो रहा है. नेता प्रतिपक्ष के इतना कहते ही कांग्रेस विधायक उनका विरोध करने लगे. दोनों ओर से जब हंगामा तेज होने लगा तो कई बार विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने हंगामें को शांत कराने का प्रयास किया, मगर सदस्य शांत नहीं हुए. इस बीच  गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि हमारी सरकार कब तक चलेगी, यह आप थोड़े ही तय करेंगे.
इस दौरान भाजपा विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि मेरे पास वाट्स एप पर मैसेज आया कि  जिसमें लिखा था कि गोवा के समुद्री तट से उठा मानसून कर्नाटक होते हुए मध्यप्रदेश की ओर अग्रसर है. इस पर गृह मंत्री बाला बच्चन ने कहा कि सरकार कब तक चलेगी विधायकों ने तय कर लिया है. साथ ही यह मानसून मध्यप्रदेश में नहीं पहुंचेगा. वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने इस विषय को लेकर कहा कि यह सदन का विषय नहीं है. इसके बाद सदस्य शांत हुए.
खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
 भाजपा विधायक के राहुल सिंह लोधी के प्रश्न के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि प्रदेश के अधिकारी-कर्मचारियों के समान शिक्षकों के तबादले के लिए एक स्थान पर पांच साल का बंधन नहीं है. शिक्षकों के पद कोई एक्जुकेटिव श्रेणी के नहीं हैं. कई बार एक ही जगह पर लंबे समय से पदस्थ शिक्षक अच्छा रिजल्ट देते हैं. वहीं लगातार तीन साल खराब रिजल्ट देने वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण देने पर सरकार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि लगातार तीन साल खराब रिजल्ट वाले स्कूलों व संभागों के विषयवार शिक्षकों को सरकार ने चिंहित किया है. इनकी परीक्षा ली जा रही है. खराब रिजल्ट वाले शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
पूर्ववर्ती सरकार की अनदेखी के चलते नहीं बना मास्टर प्लान
नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्द्धन सिंह ने भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा के प्रश्न के जवाब में कहा कि पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की अनदेखी के कारण भोपाल का नया मास्टर प्लान नहीं बन पाया. उन्होंने कहा कि विधायक शर्मा ने अगस्त 2016 में जो पत्र दिया था, उस पर भी सरकार ने तीन साल तक कोई संज्ञान नहीं लिया. मगर हमने सरकार में आते ही इस पर कारवाई शुरू की है.  उन्होंने कहा कि मास्टर प्लान में 34 सड़कें शामिल थीं, लेकिन इनमें से 17 का अभी सर्वे भी शुरू नहीं हो पाया है. कई सड़कों की जगह कालोनी और घर बस गए हैं. भाजपा  विधायक रामेश्वर शर्मा का कहना था कि तालाब के कैचमेंट में 105 गांव डाल दिए गए हैं, इनका विकास कैसे होगा.  शर्मा की मांग थी कि मास्टर प्लान की सड़कें बनाने के लिए एक अलग एजेंसी बनाई जाए. मगर मंत्री ने इसे संभव नहीं बताया. साथ ही विकास कार्यों के लिए समय सीमा बताने से भी मना कर दिया.
बसपा विधायक रामबाई ने मांगा न्याय
बसपा विधायक रामबाई ने आज सदन में शून्यकाल के दौरान अपने परिवार के खिलाफ दर्ज मामले को सदन में उठाते हुए न्याय मांगा. रामबाई ने कहा कि आपकी सरकार में होने के बाद भी मुझे न्याय नहीं मिल रहा है. मेरे परिवार के 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जब एक विधायक को न्याय नहीं मिल रहा तो आम आदमी को क्या मिलेगा. उन्होंने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. इस बीच उन्होंने सरकार से जवाब मांगा तो अध्यक्ष ने शून्यकाल की प्रक्रिया बता दी. साथ ही मामला न्यायालय में होने के कारण कोई व्यवस्था देने से मना कर दिया. इस बीच भाजपा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित कई सदस्यों ने रामबाई की बात को सुनने की मांग की. साथ ही समर्थन देते हुए आंसदी से व्यवस्था मांगी. भाजपा विधायकों का कहना था कि विधायक की सदन में सुनवाई नहीं होगी तो कहां होगी.

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