गुरुवार, 18 जुलाई 2019

बिजली पर चर्चा कराने की मांग को लेकर हंगामा, किया बहिर्गमन

विधानसभा अध्यक्ष ने चर्चा को किया अस्वीकार, भाजपा विधायक हुए नाराज

राज्य विधानसभा में आज भाजपा विधायकों ने बिजली को लेकर सदन में स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की और जमकर हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति द्वारा जब सदस्यों की मांग को अस्वीकार कर दिया तो भाजपा विधायकों ने हंगामा करते हुए सदन से बहिर्गमन कर दिया. 
राज्य विधानसभा में शून्यकाल में आज नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा ने बिजली पर चर्चा को लेकर दिए ध्यानाकर्षण और स्थगन का उल्लेख किया और विधानसभा अध्यक्ष से इस पर नियम 139 के तहत चर्चा कराने की मांग की. विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने इस मांग को अमान्य कर दिया. इस पर नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में बिजली के बिल बहुत आ रहे हैं. कांग्रेस ने बिजली बिल हाफ करने की बात कही थी. उन्होंने इस पर सदन में चर्चा कराने की फिर मांग की.  विपक्षी सदस्यों की इस मांग को विधानसभा अध्यक्ष ने अमान्य करते हुए सदन में इस मुद्दे पर हुई बातचीत को अध्यक्ष ने कार्रवाई से विलोपित करा दिया.  विधानसभा अध्यक्ष द्वारा विपक्ष की इस मांग को अमान्य किए जाने के विरोध में नेता प्रतिपक्ष भार्गव, पूर्व विस अध्यक्ष सीतासरन शर्मा, पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, रामपाल सिंह, विश्वास सारंग समेत अन्य विधायकों ने कहा कि  अध्यक्ष से प्रिविलेज व्यवस्था की मांग की जा रही है जिसे नहीं सुना भी नहीं जा रहा है. विपक्षी सदस्यों ने जब अपनी मांग को अध्यक्ष द्वारा नहीं सुना गया तो सदन से बर्हिगमन कर दिया.  
विपक्ष नहीं चाहता चर्चा करना
ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने विधानसभा परिसर में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि सरकार बिजली से जुड़े हर मुद्दे पर चर्चा कराने को तैयार है, लेकिन विपक्ष सिर्फ हंगामे पर आमादा है, वह गंभीरता से इस मुद्दे पर चर्चा करना ही नहीं चाहता. भाजपा ने ऊर्जा के जिस मुद्दे को लेकर बहिर्गमन किया, उससे जुड़ा एक सवाल प्रश्नकाल में भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह ने लगाया था.मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि इसके अलावा 4 और भी बिजली से जुड़े सवाल प्रश्नकाल में आने थे, लेकिन भाजपा नहीं चाहती थी कि इन सवालों के जवाब में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार की गड़बड़ियां उजागर हों, इसलिए भाजपा ने प्रश्नकाल को टालने के लिए हंगामा किया. ऊर्जा मंत्री प्रियव्रत सिंह ने कहा कि सरकार के पास तथ्य मौजूद हैं कि किस तरह से भाजपा सरकार ने अपात्र लोगों को गरीबों के लिए लाई गई बिजली योजना का लाभ पहुंचाया.
मांग करने पर उपलब्ध  कराई जाएगी राशि
विधायक निलय डागा के प्रश्न के लिखित जवाब में जल संसाधन मंत्री हुकुम सिंह कराड़ा ने बताया कि घोघरी मध्यम सिंचाई परियोजना की लागत 318.86 करोड़ रुपए है. इस सिंचाई परियोजना की क्षमता 9990 हैक्टेयर है. परियोजना में कोई ग्राम विस्थापित नहीं किया जाना प्रस्तावित किया गया है. कृषकों को भू-अर्जन, पुनर्वास प्रावधान के अनुसार किया गया है. उन्होंने बताया कि मुआवजा प्रचलित गाइड लाइन के अनुसार दिया गया है. कलेक्टर द्वारा राशि की मांग किए जाने पर शासन राशि उपलब्ध कराएगा.



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