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| राकेश सिंह |
वर्ष 2019 प्रदेश की बर्बादी और सरकार द्वारा समाज के हर वर्ग के साथ की गई धोखाधड़ी के लिए जाना जाएगा. इस साल में जहां प्रदेश की जनता के हाथों से जनहित की अनेक योजनाएं छीन ली गर्इं, वहीं विकास का पहिया भी वापस उस दिशा में चल पड़ा है, जहां यह प्रदेश भारतीय जनता पार्टी के 15 सालों के शासन के पहले था.
यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद राकेश सिंह ने बीते वर्ष में प्रदेश की कांग्रेस सरकार के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त करते हुए कही. सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 प्रदेश के किसानों को ऐसे घाव देकर जा रहा है, जिनकी टीस जीवन भर उठती रहेगी. कांग्रेस ने किसानों से कर्जमाफी का वादा किया. तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 10 दिनों में कर्जमाफी न होने पर मुख्यमंत्री बदलने की बात कही, लेकिन साल भर बीत जाने के बाद भी अब कमलनाथ सरकार योजना का दूसरा चरण शुरू होने की बात कर रही है. कर्जदार किसानों को हर दिन बैंकों से कुर्की की धमकियां मिल रही हैं, कर्ज वसूली के नोटिस मिल रहे हैं. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार का यह धोखा किसानों के लिए जानलेवा साबित हुआ है और इस सरकार के 11 महीनों में ही प्रदेश के 122 से अधिक कर्जदार किसान आत्महत्या कर चुके हैं.
धोखाधड़ी का दस्तावेज बन गया वचन पत्र
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले एक वचन पत्र जारी किया था, यह वचन पत्र इस सरकार द्वारा प्रदेश की जनता के साथ की गई धोखाधड़ी का दस्तावेज बन गया है. कांग्रेस ने जीरो प्रतिशत ब्याज योजना का वास्तविक लाभ देने का वचन दिया था. खरीफ ऋण की डयू-डेट 31 दिसंबर तय करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा अभी तक नहीं किया. किसानों को फसलों पर बोनस देने का वादा किया था, लेकिन नहीं दिया. किसानों को थ्री फेस की बिजली प्रतिदिन 12 घंटे देने की बात कही थी, लेकिन आज ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को खेती के लिए बिजली नहीं मिल रही है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रत्येक ग्राम पंचायत में गौशाला खोलने का वचन दिया था, लेकिन 10 माह में एक भी ग्राम पंचायत में गौशाला नहीं खुली. सरकार ने युवाओं से रोजगार और 4 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ते का वादा किया था, लेकिन उनके साथ भी धोखा हुआ.
कानून व्यवस्था चौपट, बदहाल हुआ प्रदेश
सिंह ने कहा कि लंबे समय बाद सत्ता में लौटी कांग्रेस ने आते ही तबादला उद्योग शुरू कर दिया. प्रदेश में लाखों की संख्या में तबादले हुए, एक-एक कर्मचारी, अधिकारी के तीन-तीन बार तबादले हुए और अभी भी जारी हैं. तबादला उद्योग के कारण प्रदेश की कानून व्यवस्था बदहाल हो गई. प्रदेश में अपहरण उद्योग फिर शुरू हो गया है, डकैत फिर सिर उठाने लगे हैं. सरकारी आकड़ों के अनुसार मात्र 9 माह में 1, 278 हत्याएं और 39, 485 महिलाओं पर अत्याचार के मामले दर्ज किए गए. प्रदेश मासूमों के अपहरण और दुष्कर्म की घटनाओं में अव्वल हो गया है. इस सरकार के साल भर के शासन में जिस तरह की अराजकता प्रदेश में है, वैसी इतिहास में कभी नहीं देखी गई. विधायक, मंत्रियों पर आरोप लगा रहे हैं और मंत्री भरी बैठक में मुख्यमंत्री को हड़का रहे हैं. अधिकारियों को निर्देश देने का काम एक नहीं तीन-तीन मुख्यमंत्री करते हैं, जिससे प्रशासन में उहापोह की स्थिति बनी हुई है.

























