प्रदेश कांगे्रस प्रवक्ता फिरोज सिद्दीकी ने प्रदेश की शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि दुग्ध उत्पादक किसानों से मध्यप्रदेश सरकार छल, अत्याचार, वायदा खिलाफी कर रही है. मध्यप्रदेश राज्य सहकारी दुग्ध संघ ने किसानों से दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दूध क्रय की दरें कम करके किसानों पर घोर अत्याचार किया है.
सिद्दीकी ने कहा कि दुग्ध संघ द्वारा प्रति फैट दर 6.20 रुपए से कम करके 5 रुपए कर दी है, जिससे किसानों को औसतन 18 से 20 रुपए प्रतिलीटर दूध की कीमत मिल रही है जो कि पिछले चार वर्षों में न्यूनतम दर है. एक तरफ मुख्यमंत्री फसलों के मामले में भावांतर योजना का शगूफा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार के अधीन सहकारी दुग्ध संघ दूध की लागत मूल्य भी किसानों को नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह झूठी घोषणाओं के मामले में अव्वल है.
फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि सरकार द्वारा की गई 11 जून 2017 की घोषणा के अनुसार अमूल पेटर्न पर दूध क्रय करने व दूध की उचित लागत मूल्य देने की बात हुई थी. लेकिन सरकार ने किसान आंदोलन से सबक न लेते हुए फिर उसी राह पर है. अनुदान पर पशु क्रय व डेयरी निर्माण की सभी योजनाएें बंद हैं. जिससे डेयरी व दुग्ध उत्पादन व्यवसाय प्रदेश में प्रभावित हो रहा है. शिक्षित युवा किसान दुग्ध व्यवसाय में रोजगार की अच्छी संभावनायें तलाश रहे हैं. सिद्दीकी ने कहा कि यदि पुन: दूध के भाव सात रुपए प्रति फेट नहीं किया और पशु क्रय, डेयरी निर्माण व पशु आहार पर शिवराज सरकार ने अनुदान नहीं दिया तो कांगे्रस किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी. उन सभी घटनाओं से प्रदेश भाजपा सरकार बेनकाव हुई है. कांगे्रस ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों से दूध क्रय दर शिवराज सरकार ने कम कर दी. किंतु पैकेट में मिलने वाले दूध की कीमत कम नहीं हुई. यह सरकार का दोहरा छलावा है. किसान व आमजन दोनों ठगे जा रहे हैं.
सिद्दीकी ने कहा कि दुग्ध संघ द्वारा प्रति फैट दर 6.20 रुपए से कम करके 5 रुपए कर दी है, जिससे किसानों को औसतन 18 से 20 रुपए प्रतिलीटर दूध की कीमत मिल रही है जो कि पिछले चार वर्षों में न्यूनतम दर है. एक तरफ मुख्यमंत्री फसलों के मामले में भावांतर योजना का शगूफा दिया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर मध्यप्रदेश सरकार के अधीन सहकारी दुग्ध संघ दूध की लागत मूल्य भी किसानों को नहीं दे रहा है. मुख्यमंत्री शिवराजसिंह झूठी घोषणाओं के मामले में अव्वल है.
फिरोज सिद्दीकी ने कहा कि सरकार द्वारा की गई 11 जून 2017 की घोषणा के अनुसार अमूल पेटर्न पर दूध क्रय करने व दूध की उचित लागत मूल्य देने की बात हुई थी. लेकिन सरकार ने किसान आंदोलन से सबक न लेते हुए फिर उसी राह पर है. अनुदान पर पशु क्रय व डेयरी निर्माण की सभी योजनाएें बंद हैं. जिससे डेयरी व दुग्ध उत्पादन व्यवसाय प्रदेश में प्रभावित हो रहा है. शिक्षित युवा किसान दुग्ध व्यवसाय में रोजगार की अच्छी संभावनायें तलाश रहे हैं. सिद्दीकी ने कहा कि यदि पुन: दूध के भाव सात रुपए प्रति फेट नहीं किया और पशु क्रय, डेयरी निर्माण व पशु आहार पर शिवराज सरकार ने अनुदान नहीं दिया तो कांगे्रस किसानों के साथ मिलकर आंदोलन करेगी. उन सभी घटनाओं से प्रदेश भाजपा सरकार बेनकाव हुई है. कांगे्रस ने यह भी आरोप लगाया कि किसानों से दूध क्रय दर शिवराज सरकार ने कम कर दी. किंतु पैकेट में मिलने वाले दूध की कीमत कम नहीं हुई. यह सरकार का दोहरा छलावा है. किसान व आमजन दोनों ठगे जा रहे हैं.
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