राजधानी के हनुमानगंज थानाक्षेत्र में लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा किया है. पुलिस के अनुसार लूट की शिकायत लेकर पहुंचा फरियादी ही लुटेरा निकला. उसने अपने साले के साथ मिलकर लूट की फर्जी कहानी पुलिस को बताई थी.
हनुमान गंज पुलिस के अनुसार विनोद शुक्ला हनुमानगंज इलाके में रहने वाले एक उद्योगपति के यहां काम करता है. उद्योगपति की मंडीदीप में पाइप की फैक्ट्री है. पांच दिन पहले उद्योगपति ने अपनी बेटी के खाते में एक लाख दस हजार रुपए जमा करने के लिए विनोद को बैंक भेजा था. वह पैसे लेकर घर से निकला, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह हनुमानगंज थाने पहुंच गया. यहां पर उसने पुलिस को बताया कि वह पैसे लेकर पान की मंडी के सामने से गुजर रहा था, तभी दाहिनी ओर से दो लड़के आए तथा उन्होंने आंख में मिर्ची का पाउडर डालकर पेंट की दाहिनी ओर की जेब में रखे एक लाख दस हजार रुपए छीन लिए. विनोद की शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस बताए गए घटनास्थल पर पहुंची वहां पर पूछताछ में लूट की वारदात की तस्दीक नहीं हुई. पुलिस को संदेह हुआ तो विनोद की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान विनोद के पेंट की बार्इं जेब में मिर्ची का पाउडर मिला. अब पुलिस का शक पुख्ता हो गया तो विनोद से कड़ाई से पूछताछ की गई, साथ ही उस रास्ते पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी निकाले गए जहां से गुजरने की बात उसने बताई थी. फुटेज में विनोद पंद्रह मिनट के लिए गायब मिला. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने लूट की झूठी कहानी रचने की बात कबूल कर ली.
विनोद ने पुलिस को बताया कि अपने साले नरेन्द्र के साथ लूट की फर्जी कहानी रची. बैंक जाने से पहले ही उसने पैसे रास्ते में नरेन्द्र को दे दिए थे. सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने विनोद व नरेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया. उनसे एक लाख दस हजार रुपए बरामद भी कर लिए गए हैं. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि उस पर 20-25 हजार रुपए का कर्ज हो गया था. कर्ज होने के कारण वह बच्चे के स्कूल की फीस भी नहीं भर पा रहा था. स्कूल से लगातार नोटिस आ रहे थे.
हनुमान गंज पुलिस के अनुसार विनोद शुक्ला हनुमानगंज इलाके में रहने वाले एक उद्योगपति के यहां काम करता है. उद्योगपति की मंडीदीप में पाइप की फैक्ट्री है. पांच दिन पहले उद्योगपति ने अपनी बेटी के खाते में एक लाख दस हजार रुपए जमा करने के लिए विनोद को बैंक भेजा था. वह पैसे लेकर घर से निकला, लेकिन थोड़ी ही देर बाद वह हनुमानगंज थाने पहुंच गया. यहां पर उसने पुलिस को बताया कि वह पैसे लेकर पान की मंडी के सामने से गुजर रहा था, तभी दाहिनी ओर से दो लड़के आए तथा उन्होंने आंख में मिर्ची का पाउडर डालकर पेंट की दाहिनी ओर की जेब में रखे एक लाख दस हजार रुपए छीन लिए. विनोद की शिकायत पर जांच करते हुए पुलिस बताए गए घटनास्थल पर पहुंची वहां पर पूछताछ में लूट की वारदात की तस्दीक नहीं हुई. पुलिस को संदेह हुआ तो विनोद की तलाशी ली गई. तलाशी के दौरान विनोद के पेंट की बार्इं जेब में मिर्ची का पाउडर मिला. अब पुलिस का शक पुख्ता हो गया तो विनोद से कड़ाई से पूछताछ की गई, साथ ही उस रास्ते पर लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी निकाले गए जहां से गुजरने की बात उसने बताई थी. फुटेज में विनोद पंद्रह मिनट के लिए गायब मिला. सख्ती से पूछताछ करने पर उसने लूट की झूठी कहानी रचने की बात कबूल कर ली.
विनोद ने पुलिस को बताया कि अपने साले नरेन्द्र के साथ लूट की फर्जी कहानी रची. बैंक जाने से पहले ही उसने पैसे रास्ते में नरेन्द्र को दे दिए थे. सच्चाई सामने आने के बाद पुलिस ने विनोद व नरेन्द्र को गिरफ्तार कर लिया. उनसे एक लाख दस हजार रुपए बरामद भी कर लिए गए हैं. पूछताछ में उसने यह भी बताया कि उस पर 20-25 हजार रुपए का कर्ज हो गया था. कर्ज होने के कारण वह बच्चे के स्कूल की फीस भी नहीं भर पा रहा था. स्कूल से लगातार नोटिस आ रहे थे.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें