मिल बांचों कार्यक्रम में बच्चों के बीच साझा किए अनुभवमुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने आज प्रदेश भर में चलाए गए मिल बांचों अभियान के तहत सीहोर जिले के लाड़कुई में स्कूली बच्चों से सवाल-जवाब भी किए और उनसे गणित के सवाल भी हल करवाए. जवाब देने वाले बच्चों को पुस्कृत भी किया. उन्होंने बच्चों से कालीदास और तुलसीदास के जीवन को बदलने वाली प्रेरणादायी घटनाओं का जिक्र भी किया और अर्जुन की कहानी भी सुनाई.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीहोर जिले के लाड़कुई में आज स्कूली बच्चों के साथ अपने अनुभव साझा किए और कहानियां सुनाने के साथ बच्चों से सवाल-जबाब भी किए. मुख्यमंत्री ने कौरव-पांडव और गुरू द्रोणाचार्य पर आधारित 'सदा सत्य बोलो' कहानी भी सुनाई. मुख्यमंत्री ने इस कहानी का मतलब बताते हुए कहा कि केवल कहानी सुनना ही काफी नहीं है, बल्कि इसकी सीख भी जीवन में उतारना चाहिए. उन्होंने कहा कि पढ़ाई के लिए सबसे पहली शर्त है एकाग्रता. इसके महत्व को दशार्ने के लिए उन्होंने बच्चों को कौरव-पांडव और गुरू द्रोणाचार्य की कहानी सुनाई.
गिफ्ट अ बुक' अभियान के अंतर्गत मुख्यमंत्री को कार्यक्रम में अलग-अलग विभागों, कार्यालयों, स्वयंसेवी संस्थाओं और समितियों द्वारा स्कूलों को भेंट की जाने वाली किताबें भी प्रतीक स्वरूप भेंट की गई. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानंद कहते थे 'तुम केवल हाड़-मांस के पुतले नहीं हो, तुम ईश्वर के अंश हो, अमर आनंद के भागी हो, अनंत शक्तियों के भंडार हो.'मेरे बेटा-बेटियों थोड़ी सी मेहनत करोगे तो माता-पिता, प्रदेश और देश का नाम रोशन करोगे. मुख्यमंत्री ने बच्चोंं से कहा कि दिनचर्या तय करें. पढ़ाई, खेलकूद और जागने-सोने का समय तय करें. कविताएं, कहानियां लिखें. किसी एक गतिविधि में जरूर भाग लें. आज 2 लाख 56 हजार से ज्यादा वालंटियर्स को धन्यवाद देता हूं जो आज अलग-अलग स्कूलों में पढ़ाने गए हैं .
उल्लेखनीय है कि विद्यालयों के बच्चों में भाषा कौशल उन्नयन, पाठ्य-पुस्तकों के अतिरिक्त अन्य पुस्तकों को पढ़ने, समझने की रुचि विकसित करने और सह-शैक्षिक गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के बहु-आयामी विकास की दृष्टि से प्रदेश में यह कार्यक्रम लागू किया जा रहा है. मिल बांचे कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले लोग स्वयं शासकीय, प्राथमिक और माध्यमिक शाला में जाकर बच्चों को पाठ्य-पुस्तकों के साथ अन्य रुचिकर पुस्तकें पढ़ने के लिए प्रेरित कर रहे हैं. प्रदेश में 'मिल-बांचें मध्यप्रदेश' का यह तीसरा आयोजन है.
योग, प्राणायाम जरुरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि बच्चों, योग और प्रणायाम जरूर करना. योग शरीर को स्वस्थ करता है, मन को प्रसन्न और बुद्धि को प्रखर करता है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मन निवास करता है. खुद को आत्मविश्वास से भरे रखना. कोई किसी से कम नहीं है. उन्होंने आह्वान किया कि माता-पिता बच्चों पर शिक्षा का बोझ इतना भी न डाल दें कि वो खेलना-कूदना ही भूल जाएं. मार्क्स कम आने पर बच्चों को प्यार से समझाएं. पढ़ाई के साथ खेल-कूद भी जरूरी है. मुख्यमंत्री ने कहा कि मेरा निवेदन है कि माता-पिता भी अपनी जिम्मेदारी समझें. बच्चों की पढ़ाई पर थोड़ा ध्यान माता-पिता भी दें. स्कूल की व्यवस्था ठीक रहे, इसके लिए पालक-शिक्षक संघ भी अपनी जिम्मेदारी निभाएं.
पढ़ते रहो, नया मध्यप्रदेश गढ़ते रहो
मुख्यमंत्री ने बच्चों से कहा कि मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ, आईआइीएम, आईआईटी सबकी फीस मैं भरूंगा. मेरे बच्चों की आंखों में पल रहे सपनों को मरने नहीं दूंगा. पढ़ाई की राह में पैसा बाधा नहीं बनेगा. तुम पढ़ते रहो, नया मध्यप्रदेश गढ़ते रहो. उन्होंने कहा कि गुरू हमारे लिए भगवान से कम नहीं. मेरे शिक्षक मित्रों अब आपका संविलियन हो रहा है. अब आप शिक्षाकर्मी से शिक्षक बन गए हैं. 30 सितंबर तक संविलियन का काम लगभग पूरा हो जाएगा और शिक्षकों को 40 हजार से 60 हजार रुपए तक सम्मानजनक वेतन मिलेगा .
स्कूल पहुंचे पुलिस महानिदेशक भी
मिल बांचे कार्यक्रम के अंतर्गत आज शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक ऋषि शुक्ला ने राजधानी के शासकीय नवीन कन्या हायर सेकेण्डरी स्कूल में बच्चों को शिक्षा दी. उन्होंने छात्र-छात्राओं को नैतिक शिक्षा का महत्व बताते हुए कहा कि बेहतर नागरिक बनने के लिए आवश्यक है कि कानून का पालन किया जाए. उन्होंने आठवीं कक्षा के बच्चों को भौरीं स्थित पुलिस अकादमी का भ्रमण कराने के लिए भी कहा. कार्यक्रम में शामिल होने स्कूल पहुंचे शुक्ला आठवीं के बच्चों से उन्हीं की कक्षा में रूबरू हुए. उन्होंने यहां बच्चों से अपने जीवन के अनुभव बांटें.
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