बुधवार, 22 अगस्त 2018

कांग्रेस ने दावेदारों को सौंपा फर्जी मतदाताओं को पकड़ने का काम

 पहले बगावत रोकने भरवाया शपथ पत्र, अब दावेदारी मजबूत करने का दिया लालच  
मध्यप्रदेश कांग्रेस ने दावेदारों की संभावना से ज्यादा होती दावेदारी को देखते हुए अब उन्हें एक और जिम्मेदारी सौंपी है. दावेदारों को कहा गया है कि वे अपने क्षेत्र में हर बूथ पर फर्जी मतदाता को तलाशें. इसे भी दावेदारी का हिस्सा समझें.
कांग्रेस ने दावेदारों को बगावत से रोकने के लिए पहले तो दावेदारों से शपथ पत्र भरवाया और उनसे इस बात की शपथ दिलाई कि टिकट किसे भी मिले, वे प्रत्याशी के खिलाफ बगावत नहीं करेंगे. उसके समर्थन में काम करेंगे. अब कांग्रेस ने इन दावेदारों का काम पर लगाना उचित समझा है. कांग्रेस ने नया फरमान जारी कर कहा है कि दावेदार अपने क्षेत्रों में बूथ स्तर पर फर्जी मतदाताओं को तलाशें. उन्हें इस बात का आश्वासन दिया गया है कि अगर वे इस कार्य को अच्छे से करते हैं और ज्यादा से ज्यादा फर्जी मतदाताओं को पकड़ते हैं तो उनकी दावेदारी मजबूत मानी जाएगी. दावेदारों को दी गई इस जिम्मेदारी पर जब सवाल खड़े हुए तो पार्टी नेताओं ने अपने तरह से इसकी सफाई भी दी.
कांग्रेस की प्रदेश मीडिया प्रभारी शोभा ओझा ने कहा कि जो भी दावेदार हैं, वे पार्टी के कार्यकर्ता पहले हैं. संगठन के सामने जगह-जगह से फर्जी मतदाताओं की बातें सामने आ रही है, इस वजह से हर क्षेत्र में ब्लाक स्तर से जिला स्तर तक हमने कार्यकर्ताओं को इस तरह की जिम्मेदारी सौंपी है. हम चाहते हैं कि चुनाव के पहले पार्टी मतदाता सूची में शामिल फर्जी मतदाताओं के नामों को आयोग के सामने लाएं, ताकि निष्पक्ष चुनाव हो सके.
उपचुनाव में सामने आया था मामला
मध्यप्रदेश के मुंगावली और कोलारस में बीते माहों हुए उपचुनाव के दौरान कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने फर्जी मतदाताओं के मामले को उजागर किया था. उन्होंने उपचुनाव के दौरान इसे पकड़ा और निर्वाचन आयोग को इसकी शिकायत भी की थी. इसके बाद आयोग ने इस पर कार्यवाही भी की. बाद में कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाया और मामला दिल्ली निर्वाचन आयोग तक पहुंचाया. सिंधिया के साथ पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुरेश पचौरी ने भी भोजपुर विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मदताताओं के मामले को पकड़ा और शिकायत करने पर इसकी जांच भी हुई. अब कांग्रेस फर्जी मतदाताओं के मामले को चुनाव के पहले पूरी तरह समाप्त करना चाह रही है.

बावरिया फिर हुए हंगामें के शिकार
करीब 15 सालों से सत्ता से दूर रही कांग्रेस अब किसी भी तरह से प्रदेश में सत्ता पाना चाहती है. इसके लिए कांग्रेस ने बिखरी कांग्रेस को एक करने का प्रयास तो कर ही रहे हैं, साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच मनमुटाव को दूर करने का प्रयास भी कर रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजयसिंह इसके लिए समन्वय का कार्य करते हुए लगातार दौरे कर कार्यकर्ताओं को इस बात की शपथ दिला रहे हैं कि वे एकजुट रहें. कांग्रेस का टिकट किसे भी मिले, उन्हें चुनाव में कांग्रेस के लिए काम करना है. बगावत रोकने की बात वे कर रहे हैं. वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ लगातार संगठन बैठकों के जरिए यह प्रयास कर रहे हैं कि संगठन मजबूत हो. फिर भी एकता नजर नहीं आ रही है. हाल ही में खरगोन जिले में प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी दीपक बावरिया के सामने हुए हंगामें ने कांग्रेस की पेल खोल दी है. बावरिया के सामने लगातार दावेदारों का हंगामा बढ़ रहा है, जो समन्वय की कमजोरी को दर्शा रहा है. इस बार बावरिया के सामने अरुण यादव के प्रभाव वाले खरगोन जिले में यह हंगामा हुआ है. 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें