शुक्रवार, 31 अगस्त 2018

‘थिंक ग्लोबल-ईट लोकल’ पर केन्द्रित होगा पोषण माह

मंत्री ने कहा पोषण जागरुकता को बनाए जनांदोलन
महिला बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने कहा है कि पोषण जागरूकता को जन-आंदोलन बनाना समय की आवश्यकता है. खान-पान को लेकर लोगों की सोच बदलने के लिए समाज केन्द्रित गतिविधियां संचालित करना आवश्यक है. इसके लिए 'थिंक ग्लोबल-ईट लोकल' की अवधारणा अनुसार स्थानीय स्तर पर उपलब्ध सहज सुलभ और सस्ती पोषक खाद्य सामग्री रोजमर्रा के भोजन में शामिल करने के लिए जन-सामान्य को प्रेरित करने की आवश्यकता है.
 चिटनिस 1 सितंबर से आरंभ राष्ट्रीय पोषण माह में आयोजित वीडियो कांफ्रेंसिंग को बुरहानपुर से संबोधित कर रही थीं. कांफ्रेंस में बताया कि बच्चों में ठिगनापन कम करना, एनीमिया के स्तर में कमी और कम वजन के बच्चों की संख्या में कमी लाना पोषण अभियान के मुख्य उद्देश्य हैं. अभियान की निगरानी भारत सरकार द्वारा डेश-बोर्ड के माध्यम से की जाएगी. बच्चों, किशोरी बालिकाओं, गर्भवती और धात्री माताओं तथा स्वच्छता एवं साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाना है. पोषण माह में स्थानीय स्तर पर होटल तथा रेस्तरा संचालकों को भी जोड़ा जाएगा. मध्यप्रदेश पर्यटन विकास निगम सहित विभिन्न होटल व्यवसायियों को पौष्टिक थाली आरंभ करने और पौष्टिक व्यंजनों पर केन्द्रित फूड फेस्टिवल आयोजित करने के लिए प्रेरित किया जाएगा. वीडियो कांफ्रेंसिंग में प्रमुख सचिव महिला बाल विकास जे.एन. कंसोटिया, आयुक्त महिला एवं बाल विकास डा. अशोक कुमार भार्गव सहित लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, स्कूल शिक्षा, आयुष, कृषि, उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया. सभी 51 जिलों के अधिकारियों को पोषण माह आयोजन के संबंध में दिशा-निर्देश दिए गए.
भादों भोजन, परंपरागत खाद्य प्रणाली पर होंगे कार्यक्रम
उन्होंने कहा कि सितंबर-2018 को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जाना है. अत: जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी को पोषण जागरूकता विस्तार के अवसर के रूप में आयोजित किया जाए. इस क्रम में भादों भोजन, व्रत उपवास और पौष्टिक भोजन, परंपरागत खाद्य प्रणाली और पोषण जैसे विषयों पर भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.
नुक्कड़ नाटक और परिचर्चा का होगा आयोजन
अभियान के अंतर्गत रेडियो, टी.व्ही. चैनल, सोशल मीडिया, शालाओं आदि में न्यूट्रीशन पर क्विज परिचर्चा आदि आयोजित की जाएगी. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, आशा कार्यकर्ता, स्व-सहायता समूहों, शिक्षकगण, स्काउट, गाइड, एनसीसी, एनएसएस, चिकित्सक आदि आंदोलन में प्रेरक की भूमिका निभाएंगे. प्रभात फेरी, पोषण मेला, नुक्कड़ नाटक, प्रदर्शनियों, रैलियों आदि के माध्यम से जन-सामान्य को पोषण केन्द्रित गतिविधियों में शामिल किया जाएगा.

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