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| डा. हीरालाल अलावा |
मध्यप्रदेश में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस अब अपने पक्ष में छोटे और सामाजिक दलों को लाने के लिए काम में जुट गई है. उसने राज्य की गोंडवाना गणतंत्र पार्टी जिसका प्रभाव महाकौशल के अलावा विंध्य अंचल में है और जय आदिवासी युवा शक्ति (जयस) संगठन जिसका प्रभाव मालवा अंचल में है, से हाथ मिलने के प्रयास तेज कर दिए हैं. गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंंह मरकाम वैसे तो इसी माह लखनऊ में समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ गठबंधन का वादा कर चुके हैं, मगर कांग्रेस ने अपने प्रयास नहीं छोड़े हैं. कांग्रेस ने गोंगपा से चर्चा के लिए आदिवासी कांग्रेस अध्यक्ष के अजय शाह को जिम्मेदारी दी है. वे गोंगपा पदाधिकारियों से लगातार संपर्क कर रहे हैं. अजय शाह का कहना है कि जल्द ही गोंगपा, कांग्रेस के साथ नजर आएगी. गोंगपा और कांग्रेस मिलकर गठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतर सकेंगे. शाह ने कहा कि अब तक की चर्चा के सार्थक परिणाम आने की उन्हें पूरी उम्मीद है.
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| हीरासिंंह मरकाम |
वहीं दूसरी ओर जय आदिवासी युवा शक्ति के डा. हीरालाल अलावा इन दिनों विंध्य अंचल में आदिवासी अधिकार रैली के तहत यात्राएं कर रहे हैं. वे 2 सितंबर को धार में एक बड़ा कार्यक्रम कर अपनी ताकत दिखाने की तैयारी कर चुके हैं. डा. अलावा पूर्व में गोंगपा के साथ मिलकर प्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर चुनाव मैदान में उतरने की बात कर चुके हैं, मगर गोंगपा ने जब सपा से हाथ मिलाया तो उन्होंने जयस के प्रभाव वाली 49 सीटें जो की मालवा अंचल की है, इन पर आदिवासी युवाओं को चुनाव मैदान में उतारने की घोषणा कर दी है. अलावा की घोषणा और जयस के बढ़ते प्रभाव ने कांग्रेस को चिंता में डाल रखा है. मध्यप्रदेश कांग्रेस के पदाधिकारियों का मानना है कि अगर जयस उनके साथ हो गया तो इस बार भाजपा को शिकस्त देना कांग्रेस के लिए आसान होगा. यही वजह है कि आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित 47 सीटें के लिए कांग्रेस इन दोनों ही दलों के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरने का मन बना चुकी है. कांग्रेस की ओर से जयस को मनाने का काम रलताम-झाबुआ संसदीय क्षेत्र के सांसद कांतिलाल भूरिया कर रहे हैं.


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