गुरुवार, 23 अगस्त 2018

अस्थि कलश यात्रा में अटलजी के परिजनों की हुई उपेक्षा

भतीजी और दामाद को उपलब्ध नहीं करा सके वाहन
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के परिजनों को वाजेपयी के गृह नगर ग्वालियर में ही अस्थि कलश यात्रा के दौरान उपेक्षा का शिकार होना पड़ा. भतीजी और उनके पति को सरकार वाहन तक उपलब्ध नहीं करा पाई. दोनों को आटो से सभा स्थल से वापस लौटना पड़ा.
अटलजी के शहर ग्वालियर के फूलबाग में अस्थि कलश यात्रा के दौरान श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था. सभा में मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह के अलावा भाजपा के उपाध्यक्ष प्रभात झा सहित वरिष्ठ भाजपा नेता भी शामिल हुए. इस सभा में अटलजी के परिजनों को भी आमंत्रित किया गया था.हैरानी की बात तो यह हुई कि जब सभा समाप्त हुई तो परिजनों की सुध लेने वाला वहां कोई नजर नहीं आया. शासकीय अधिकारियों ने उन्हें वापसी के लिए कोई वाहन उपलब्ध नहीं कराया. इसके चलते अटलजी की भतीजी कांति मिश्रा और उनके पति ओ.पी. मिश्रा को आटो रिक्शा करके घर लौटना पड़ा. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. 
मामले की जानकारी लोगों को मिली. तब प्रशासन यह सफाई देता रहा कि उन्हें राजकीय मेहमानों के लिए वाहन की व्यवस्था की गई थी. इसके तहत अटलजी की पुत्री नमीता कौल भट्टाचार्य, सांसद अनूप मिश्रा जो की राजकीय मेहमान थे, उनके लिए वाहन उपलब्ध कराए गए थे. उन्हें सम्मान सहित लाया गया और वापस भेजा गया. वहीं इस मामले में अटलजी की भतीजी कांति मिश्रा का बयान आया कि वे तो परिवार के साथ आटो से ही सभा स्थल गर्इं थी और आटो से ही वापस घर लौटी.
अटलजी की आत्मा को कष्ट पहुंचा रही भाजपा
मध्यप्रदेश आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय शाह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटलबिहारी वाजपेयी की अस्थियों को घर-घर ले जाकर भाजपा हिन्दू मान्यताओं के खिलाफ काम कर रही है. उन्होंने कहा कि हिन्दू मान्यता है कि अंत्येष्टि के बाद अस्थियों के विसर्जन के लिए घर के बाहर किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाता रहा है. वहीं से अस्थियों को ले जाकर पवित्र नदी में विसर्जित कर दिया जाता है.इसके विपरित भाजपा वाजपेयी की अस्थियों को गांव-गांव ले जाकर अटलजी की आत्मा को कष्ट पहुंचा रही है. शाह ने कहा कि अटलजी जिन्होंने भाजपा की नीव रखी और उसे मजबूत किया, उसी भाजपा ने वर्षों से उन्हें झंडे, बैनरों से दूर कर दिया था. अब जब उनका निधन हो गया तो पार्टी के नेता उन्हें भूनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. शाह ने कहा कि चंद वोटों की खातिर हिन्दूत्व का दंभ भरने वाली भाजपा अब हिन्दू मान्यता को भी मानने को तैयार नहीं है. उसी के विपरीत कार्य कर रही है.

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