बुधवार, 29 अगस्त 2018

आप, सजप ने की सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की निंदा

आम आदमी पार्टी और समाजवादी जनपरिषद ने सामाजिक कार्यकर्ता  सुधा भारद्वाज, सामाजिक कार्यकर्ता और लेखक गौतम नवलखा समेत सात सामाजिक कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी की कड़ी आलोचना की है. 
आम आदमी पार्टी के आलोक अग्रवाल ने कहा है कि इनका दोष है कि इन्होंने गरीबों की आवाज उठाई है और इनका यह भी दोष है कि ये मोदी से डरते नहीं हैं. इसीलिए मोदी ने इनके घर पर छापा मारा और गिरफ्तारी का फरमान भेज दिया. उन्होंने सोशल साइट ट्विटर पर लिखा है कि मोदी जी लोकतंत्र की हत्या में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इसके खिलाफ सभी को सड़क पर आना होगा और आवाज उठानी होगी.
वहीं समाजवादी जन परिषद की मध्यप्रदेश इकाई एवं किसान आदिवासी संगठन एवं श्रमिक आदिवासी संगठन ने असवैधानिक एवं गैर-लोकतांत्रिक करार देते हुए इसे दलितों और आदिवासीयों, मजदूरों और गरीबों की आवाज दबाने की साजिश करार दिया. सजप के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुराग मोदी ने कहा कि, आज जब रोजगार मिल नहीं रहे, किसान की हालात बद से बद्दतर होती जा रही है और चारों तरफ कंपनियों का राज होता जा रहा है, तब सरकार विरोध के स्वर दबाकर अघोषित आपातकाल जैसे स्थिति बना रही है. सजप की प्रदेश अध्यक्ष स्मिता ने कहा कि सुधा भरद्वाज छतीसगढ़ मुक्ति मोर्चा एवं छतीसगढ़ बचाओ आंदोलन के तहत वहां के मजदूरों और आदिवासीयों की आवाज बुलंद करती रही है. इसके अलावा श्रमिक आदिवासी संघठन के साथी अलोक सागर, बंसत टेकाम, रामदीन, सुरेश, राजेन्द्र एवं किसान आदिवासी संगठन के फागरम, विस्तूरी, रावल आदि साथियों ने भी इस गिरफ्तारी की निंदा की है.
गौरतलब है कि 28 अगस्त को पुलिस ने फरीदाबाद में सुधा भारद्वाज, दिल्ली में गौतम नवलखा, हैदराबाद में वरवर राव, मुंबई में वर्नन गोंसाल्विस और अरुण फरेरा, रांची में स्टेन स्वामी और गोवा में आनंद तेलतुम्बड़े के घर पर छापा मारकर उनके अनेक कागजात, दस्तावेज, लैपटॉप आदि जब्त किए और इन्हें यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया है. 

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