सोमवार, 25 दिसंबर 2017

संत पहुंचे समाज के बीच

आदिगुरू शंकराचार्य की प्रतिमा के धातु संग्रहण के लिए मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में पहुंची एकात्म यात्रा का दूसरे दिन सोमवार को भी ग्रामीणों ने जोरदार स्वागत किया. दूसरे दिन भीकनगांव से निकली यात्रा बीच मार्ग में आने वाले गांव के ग्रामीणों ने एकात्म यात्रा के स्वागत के लिए भारी संख्या में लोग पहुंच. हर गांव में एकात्म यात्रा का स्वागत अलग-अलग ढ़ंग से अपने पारंपरिक और सात्विक तरीके से कर रहे है. कहीं बैंडबाजा तो कहीं ढोल. कहीं ताशा तो कहीं डीजे के अलावा फुल मालाओं से स्वागत का अपना एक अंदाज दिखाई दे रहा था. भीकनगांव से चलने वाली यात्रा का कोदला जागीर, भोपाड़ा, सांईखेड़ा आदि गांव ने बमनाला तक स्वागत किया. सोमवार को दोपहर में यात्रा बमनाला पहुंची. यहां बमनाला का जन समुदाय मानों अपने अध्यात्म गुरू और साधु संतों को देखने व आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ रहा हो. संतों का ऐसा स्वागत अद्भुत तरह से किया गया. 
बमनाला में हुआ संत संदेश 
एकात्म यात्रा का बमनाला में सभी समाज व वर्ग के लोगों ने आत्मीय स्वागत किया. इसके पश्चात कुंदा नदी किनारे स्थित मंदिर में यात्रा के नेतृत्वकर्ता संविद सोमगिरी महाराज ने संत संदेश भी दिया. उन्होंने कहा कि प्रतिमा के लिए धातु संग्रहण का कार्य तो सरकार बड़ी आसानी से कर सकती है, लेकिन जिनकी प्रतिमा स्थापित होनी है, उनका योगदान संसारभर के लिए महत्वपूर्ण है. उनके ज्ञान, दर्शन का आज समाज को सबसे ज्यादा जरूरत है,ऐसे में उनके ज्ञान को पुन: समाज के बीच रखा जाए, जिससे गिरते मानव मूल्य की स्थापना कर सके. इस दौरान संविद सोमगिरी महाराज ने उपस्थित महिलाओं, बालिकाओं और बुजुर्गों को समाज में अपने मौलिक कर्तव्यों को परिपूर्ण करने के लिए शपथ दिलाई.

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