मंगलवार, 26 दिसंबर 2017

अरुणिमा सिन्हा से दुर्व्यवहार मामले में मंत्री अर्चना चिटनिस जाएंगी मनाने

अरुणिमा सिन्हा
 मंत्री ने मांगी संभागायुक्त से जांच रिपोर्ट, कांग्रेस ने भी खोला मोर्चा

माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा से उज्जैन के महाकाल मंदिर में दुर्व्यवहार के मामले को लेकर कांग्रेस ने जहां भाजपा पर हमला बोला है. वहीं भाजपा की ओर से महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने मोर्चा संभाला है. अरुणिमा द्वारा नाराजगी जताने और मध्यप्रदेश सरकार के बुलावे पर फिर कभी मध्यप्रदेश न आने की बात कहने पर माफी मांगने का सिलसिला भी शुरु हो गया है. 
अर्चना चिटनिस 
महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस के बुलावे पर मध्यप्रदेश के बुरहानपुर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने आई अरुणिमा सिन्हा के साथ उज्जैन महाकाल मंदिर में हुए दुर्व्यवहार का मामला तूल पकड़ गया है. सिन्हा ने इस पर दुख जताते हुए मध्यप्रदेश सरकार के बुलावे पर फिर कभी मध्यप्रदेश न आने की बात कही थी. इसके अलावा पूरे मामले की शिकायत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं शिवराज सिंह चौहान से करने की बात भी की थी, इसके बाद मंदिर प्रशासन ने उनसे माफी मांग ली थी. मगर मामला यहीं नहीं ठहरा, जब महिला एवं बाल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस को पूरे मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने भी नाराजगी जताई. साथ ही अरुणिमा सिन्हा के साथ हुए दुर्व्यवहार की घटना के संबंध में संभागायुक्त उज्जैन को दो दिन में जांच प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं. उन्होंने मंदिर में तत्काल ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित कर अवगत कराने के निर्देश दिये हैं, जिससे किसी भी महिला के साथ ऐसी घटना की पुनरावृत्ति न हो. चिटनिस ने कहा है कि वे स्वयं दिव्यांग व्यक्तियों से व्यवहार के विषय पर महाकाल मंदिर की व्यवस्था में लगे सभी कर्मचारियों तथा पंडित एवं पुजारियों से मिलकर बातचीत करेंगी. उन्होंने कहा कि वे  अरुणिता सिन्हा से मिलने शीघ्र ही लखनऊ जाएंगी और उन्हें फिर मध्यप्रदेश आने का निमंत्रण देंगी.  चिटनिस ने कहा है कि वे देश की ऐसी बेटी हैं जिस पर हम सबको गर्व है. उल्लेनीय है कि अरुणिमा का नाम मंदिर के रजिस्टर में मंत्री चिटनिस की अतिथि के रूप में दर्ज था.  भस्मारती के दौरान धर्म परंपरा अनुसार मंदिर में ड्रेस कोड का पालन होता है, इसमें महिलाओं को साड़ी पहनना अनिवार्य है. इसलिए गर्भगृह में जाने से रोका गया.
सख्त कार्रवाई की जाए


कांग्रेस नेता माणक अग्रवाल ने अपने बयान में कहा है कि अरुणिमा के साथ दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. सरकार को जांच की बजाय मामले पर तत्काल एक्शन लेना चाहिए. सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि हर मंदिर की अपनी परंपराएं होती हैं, हर मंदिर की अपनी आचार संहिता होती है जिसके तहत दर्शनों के नियम होते हैं. उन्होंने कहा कि उनकी खुद अरुणिमा से चर्चा हुई है. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर विवाद नहीं होना चाहिए.
यह था मामला
कृत्रिम पैर के दम पर माउंट एवरेस्ट फतह करने वाली अरुणिमा सिन्हा उज्जैन के महाकाल मंदिर में अव्यवस्था की शिकार हुई थी. उन्होंने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए पीएमओ और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ट्वीट किया. अरुणिमा के मुताबिक, रविवार को वे 4.30 बजे उज्जैन के महाकाल मंदिर दर्शन के लिए पहुंची थीं. वहां  मंदिर समिति के कर्मचारियों ने पहले तो एलईडी स्क्रीन के पास बैठा दिया. फिर जब मैं गर्भगृह की ओर जाने लगीं तो दो जगह रोका गया. बार-बार अपना परिचय और दिव्यांग होने की बात कहने के बाद भी मुझसे मंदिर कर्मचारी बहस करने लगे. फिर जैसे-तैसे मैं नंदीगृह तक पहुंची. यहां की व्यवस्था से मैं इतनी तंग हो गई कि बाहर निकलते समय मेरी आंखों से आंसू छलक पड़े थे. उन्होंने कहा, इस मंदिर के सुरक्षा कर्मचारियों एवं मंदिर प्रशासन ने मेरी दिव्यंगता का मजाक बनाया.

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