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| डा. गौरीशंकर शेजवार |
प्रदेश के वन मंत्री डा. गौरीशंकर शेजवार द्वारा परिवार सहित फरवरी 2016 में कर्नाटक गए थे. इस टूर पर मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड ने राशि खर्च की थी. इस मामले की शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने लोकायुक्त को की थी. शिकायत में दुबे ने कहा था कि वनमंत्री गौरीशंकर शेजवार 11 से 15 फरवरी 2016 में कर्नाटक राज्य के प्रवास पर गए थे. इस दौरान शेजवार ने मंत्री पद का दुरूपयोग करते हुए मध्यप्रदेश इको टूरिज्म बोर्ड के धन पर अपने परिजनों को कर्नाटक भ्रमण कराया था. दुबे ने शिकायत में कहा था कि मध्यप्रदेश ईको टूरिज्म बोर्ड के सीईओ विनय बर्मन ने तमाम नियम कानून को ताक पर रखकर मंत्री के परिवार को लाभ पहुंचाने का काम किया था. इस यात्रा में मंत्री गौरीशंकर शेजवार के साथ उनके परिजन किरण शेजवार और शशी ठाकुर भी भ्रमण पर गयी थी. दुबे ने शिकायत में कहा था कि इस यात्रा के लिए तत्कालीन प्रधान मुख्य वन संरक्षक नरेन्द्र कुमार ने कर्नाटक के प्रधान मुख्य वन संरक्षक को पत्र लिखकर मंत्री को राज्य अतिथि घोषित कराया था, उसके बाद मप्र ईको टूरिज्म बोर्ड ने मंत्री के भ्रमण पर करीब 2 लाख से ज्यादा राशि खर्च की. शिकायत में संविदा कर्मचारी वर्षा परिहार, मंत्री के परिजन किरण शेजवार और शशी ठाकुर की सेवा में अनुचित खर्च करने की बात कही थी. शिकायतकर्ता ने इसे शासकीय धन का दुरूपयोग बताते हुए प्रकरण दर्ज करने की मांग की थी.
शिकायत के बाद मंत्री ने जमा कराया था आंशिक खर्च
लोकायुक्त को शिकायत किए जाने के बाद मंत्री गौरीशंकर शेजवार ने 26 अप्रैल 2016 में अपनी गलती स्वीकारते हुए आंशिक खर्चा 63 हजार 884 रूपए बोर्ड के खाते में जमा करवाए गए थे. मंत्री की तरफ से राशि जमा करने से मामले की पुष्टि हो गयी थी कि शासकीय धन का दुरूपयोग हुआ है. इस मामले में बोर्ड के मौजूदा सीईओ पुष्कर सिंह से कार्रवाई का अनुरोध भी किया गया था, लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है. अब लोकायुक्त कार्यालय ने मुख्य सचिव कार्यालय को 16 जनवरी 2018 तक रिपोर्ट पेश करने को कहा है.

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