सोमवार, 25 दिसंबर 2017

एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली अरुणिमा को महाकाल दर्शन में आया रोना

अरुणिमा सिन्हा 
माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा लहराने वाली देश की पहली दिव्यांग, अरुणिमा सिन्हा  को उज्जैन में महाकाल मंदिर की अव्यवस्थाओं की शिकार हो गई. महिला बाल विकास मंत्री की मेहमान बनकर पहुंची अरुणिमा सुबह भस्मारती दर्शन के लिए पहुंची थी, जहाँ मंदिर कर्मचारियों द्वारा उन्हें गर्भगृह में जाने से रोकने पर उन्हें एलईडी स्क्रीन पर भस्मारती के दर्शन करने पड़े.  
अरुणिमा मंदिर से जाते कहा कि जहां साक्षात शिव रहते हैं, वहां पर्वत पर चढ़ने में इतनी दिक्कत नहीं हुई, जितनी यहां दर्शन में हुई, साथ ही अरुणिमा ने इस पूरे मामले की प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को ट्वीट कर शिकायत करने की भी बात कही. इस पूरी खबर के मीडिया में आने पर महाकाल मंदिर प्रबंधन ने अपनी गलती स्वीकार कर अरुणिमा को पुन: मंदिर में आमंत्रित करने की बात कही है. इस मामले पर महिला एवं बल विकास मंत्री अर्चना चिटनिस ने प्रशानिक जांच के आदेश दे दिए हैं.  अरुणिमा के अनुसार वे रविवार तड़के साढ़े चार बजे मंदिर पहुंची थी, जहां दो महिलाएं भी साथ थीं. पुलिस चौकी के रजिस्टर में महिला एवं बाल विकास मंत्री  के मेहमान के रूप में मेरा नाम दर्ज था. उम्मीद थी अच्छे से दर्शन हो जाएंगे. मंदिर में भस्मारती चल रही थी, कर्मचारियों ने नंदी हॉल के ऊपर कार्तिकेय मंडप में बैठा दिया. एलईडी स्क्रीन पर भस्मारती देखी. गर्भगृह से दर्शन के लिए चैनल गेट पर रैंप के समीप पहुंची तो सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया. मैंने परिचय दिया और बार-बार आग्रह किया. यह भी बताया दिव्यांग हूं लेकिन वे नहीं माने. बहस के बाद अकेले ही जाने की अनुमति दी. साथी दो महिलाओं को रोक दिया. नंदी हॉल में जाने लगी तो फिर रोका. मैंने कहा  कि दूसरे श्रद्धालु आ-जा रहे हैं, मुझे भी जाने दें, लेकिन वे नहीं माने. बार-बार परिचय देने पर बमुश्किल दर्शन हुए. जिंदगी में कई विपदा देखी पर कभी आंसू नहीं आए. पहली बार यहां आई थी. 

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