गुरुवार, 25 जनवरी 2018

सड़क दुर्घटनाओं की संख्या में आई कमी

 सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों  पर समय-सीमा में कार्रवाई के निर्देश
सड़क दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के संबंध में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए निर्देशों पर राज्य सरकार द्वारा प्रभावी कार्रवाई की जा रही है. इसके परिणाम स्वरूप सन 2016 की तुलना में दुर्घटनाओं की संख्या घटी है. ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर प्रदेश में साढ़े सात लाख से अधिक वाहनों के चालान किए गए हैं. राज्य सरकार शीघ्र ही तीन बार दुर्घटना करने वाले वाहन चालकों के लायसेंस निरस्त करने के लिए भी कानून बनाने वाली है. यह जानकारी राज्य सड़क सुरक्षा क्रियान्वयन समिति की मंत्रालय में आयोजित बैठक में दी गई. अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह के.के. सिंह ने बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक विजय कटारिया सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे. बैठक में अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह सिंह ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार प्रत्येक जिले में सांसद की अध्यक्षता में जिला-स्तरीय यातायात सुरक्षा समितियों का गठन कर उनकी नियमित बैठकें आयोजित की जाएं. इस समिति में स्थानीय विधायकों को भी सदस्य मनोनीत किया जाए. जिलों में यातायात के नियमों का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए. इसके लिए यातायात पुलिस द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर स्कूलों के बच्चों को जागरूक बनाया जाए. सिंह ने कहा कि रोड निर्माण एजेंसियां अपनी रोड पर सर्वाधिक दुर्घटना वाले ब्लैक प्वाइंट को चिंहित करें, जिनकी रिपोर्ट 20 फरवरी तक समिति को भेजें. ब्लाक स्पाट वाले स्थानों पर भी यातायात नियंत्रण के प्रयास किए जाएं. ऐसे स्थानों का सड़क यातायात नियंत्रण क्षेत्र के विशेषज्ञों से परीक्षण कराया जाएगा. सिंह ने निर्देश दिए कि प्रत्येक जिले का रोड सेफ्टी एक्शन प्लान तैयार कर 28 फरवरी तक राज्य-स्तरीय समिति को भेजें. परिवहन आयुक्त शैलेन्द्र श्रीवास्तव ने बताया कि यातायात नियमों का उल्लंघन करने वालों, शराब पीकर वाहन चलाने वालों और मोबाइल पर बात करते हुए वाहन चलाने वालों के विरुद्ध पुलिस और परिवहन का अमला लगातार कार्रवाई कर रहा है. विभाग द्वारा 7 लाख 61 हजार चालान बनाये गए  तथा 2 हजार 765 व्यक्तियों के लायसेंस निलंबित भी किए गए. उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग द्वारा एक एप भी तैयार किया गया है, जिससे दुर्घटना करने वाले वाहन चालक के लायसेंस को टेपिंग कर चिन्हित किया जा सकेगा ओर तीसरी बार दुर्घटना करने पर लायसेंस निरस्ती की कार्रवाई स्वत: ही हो जाएगी. इस एप के विषय में शासन से स्वीकृति प्राप्त होने पर इसे प्रभावी कर दिया जाएगा. उन्होंने बताया मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार विभाग द्वारा वाहन चालकों के प्रशिक्षण हेतु व्यावरा (राजगढ़) में ट्रेनिंग सेंटर शीघ्र ही विकसित किया जा रहा है. इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 8 हेक्टेयर जमीन आवंटित कर दी गई है.
38 जिलों में स्थापित किए ट्रामा सेंटर
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक कटारिया ने बताया कि  ट्रैफिक पुलिस ने 600 पुलिस जवानों को जिलों में नियुक्त किया . प्रदेश के 38 जिलों में ट्रामा सेंटर की स्थापना कर दी गई है तथा 11 जिलों में ट्रामा सेंटर स्थापना का कार्य प्रगति पर है जो जून माह तक पूरा होने की संभावना है. इसके साथ सहायक उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को भी चालान करने का अधिकार राज्य सरकार द्वारा शीघ्र प्रदान किया जा रहा है.

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