मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले में विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक निर्णय लेने के लिए कलेक्टोरेट सभाकक्ष में बैठक आयोजित की गई है. बैठक में विद्यालयों में विद्यार्थियों की सुरक्षा व्यवस्था एवं अन्य सुरक्षा संबंधी विषयो पर चर्चा की गई एवं आवश्यक निर्णय लिए गये. बैठक में कलेक्टर आशीष सक्सेना ने निर्देश दिये कि बच्चो को नशीले पदार्थो के सेवन में बचाने के लिये स्कूलो एवं अन्य शैक्षणिक संस्थाओं के समीप नशीले पदार्थो की खरीदी बिक्री पर सख्ती से नियंत्रण किया जाए. स्कूली वाहन में सभी सुरक्षा संबंधी व्यवस्थाए सुनिश्चित की जाए. बच्चों के शैक्षणिक एवं व्यावहारिक ज्ञान के लिए सीबीएसई के अनुसार नियम को फालो करे, विद्यालयों में नियमित रूप से सामान्य विषयो पर काउन्सलिंग करवाएं. किशोरो की सुरक्षा के मामले को लेकर व्यापारी संघ, सामाजिक कार्यकर्त्ता, पेंशनर, मीडिया, निर्वाचित जनप्रतिनिधि की प्रत्येक वार्ड में नगर सुरक्षा समिति, बनाकर निगरानी करे और बच्चों को गलत करने पर टोके, झाबुआ शहर के 5 कि.मी. तक के क्षैत्रफल में नशीली दवाईओ की बिक्री पर नियंत्रण सख्त किया जाये. स्कूलों में प्रेरणा संवाद निरंतर हो. अभिभावक अपने बच्चो के स्कूली बेग की निरंतर चेकिंग करे। स्कूल प्रबंधन भी बच्चो के व्यवहार पर निगरानी रखे यदि बच्चे कुछ गलत, व्यवहार करते है, तो पालको को बताएं. स्कूलों में बच्चो के मोबाईल लाने पर रोक रहे. रात के 10 बजे बाद बच्चे बाईक से घूमते नजर आये तो पुलिस गश्त पर तैनात जवान उन्हे अवश्य टोंके. स्कूल प्रबंधन प्रतिमाह पालक शिक्षक की बैठक आयोजित कर अभिभावक को बच्चे के व्यवहार के बारे में बताये. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को निर्देशित किया गया कि दवाईयॉं सुरक्षित तरीके से लायसेंसधारी व्यक्ति ही बेच पाये यह सुनिश्चित करे. पुलिस, प्रशासन, मीडिया, शिक्षक, अभिभावक, जनता समन्वित प्रयास करके विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए समन्वित प्रयास करे और बच्चों की गलती के बारे में अभिभावक को बताये. अभिभावक का यह दायित्व है कि वे बच्चे को गलत व्यवहार करने पर टोके और क्या सही है, उन्हे बताये. उन्हें नैतिक मूल्यों की जानकारी दे, अच्छा व्यवहार करना सिखाएं.

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