राशि का उपयोग मछुआ कल्याण के लिए किया जाएगा
मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री अंतर सिंह आर्य की अध्यक्षता में मत्स्य महासंघ की काम-काज समिति की बैठक में निर्णय लिया गया कि यदि अनुबंधग्रहिता द्वारा मत्स्याखेट पारिश्रमिक राशि का भुगतान समय पर नहीं किया जाता है तो उस दशा में सप्ताह के अंत से देय राशि पर 3 प्रतिशत मासिक की दर से दंड ब्याज की वसूली महासंघ द्वारा की जाएगी. महासंघ द्वारा इस राशि का उपयोग मछुओं के कल्याण के लिए किया जाएगा.बैठक में तय किया गया कि निविदा प्रक्रिया में लेटर आफ आफर जारी करने के बाद यदि संबंधित अनुबंधग्रहिता अनुबंध निष्पादन के लिए उपस्थित नहीं होता है तो ऐसे निविदाकारों को एक वर्ष की अवधि के लिए काली-सूची में डाला जाएगा. इसके कारण वे आगामी एक वर्ष की अवधि में महासंघ के किसी भी जलाशय की निविदा कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे. बैठक में जानकारी दी गई कि जनश्री बीमा योजना के स्थान पर अब प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा. इसमें सामान्य मृत्यु पर 2 लाख रुपए तथा दुर्घटना से मृत्यु पर मछुआ परिवार को दो लाख की अतिरिक्त बीमा राशि उपलब्ध करवाई जाएगी. बैठक में मत्स्य महासंघ के जलाशयों से आखेटित मत्स्य विक्रय के लिये निष्पादित अनुबंध एवं अन्य अनुबंधों से संबंधित आर्बिट्रेशन प्रकरणों में विवाद की स्थिति में म.प्र. सहकारी सोसायटी अधिनियम-1960 की धारा-64 के प्रावधान अनुसार आर्बिट्रेशन की कार्यवाही करने का निर्णय लिया गया. इसके अतिरिक्त मत्स्य महासंघ की प्रचलित मत्स्य बीज संचय नीति में परिवर्तन, नील-क्रांति योजना के तहत आवंटित राशि से केजो का निर्माण, नौका क्रय एवं बर्फगार निर्माण, हलाली जलाशय में चीतल प्रजाति के मत्स्य बीज के संचयन की प्रगति, मत्स्य महासंघ कर्मियों को 3 प्रतिशत महंगाई भत्ते की स्वीकृति, प्रोत्साहन राशि, महासंघ कर्मियों को म.प्र. वेतन पुनरीक्षण लागू तथा महिला कर्मियों को प्रसूति अवकाश नब्बे दिवस के स्थान पर 180 दिवस करने पर भी स्वीकृति प्रदान की गई.
राज्य-स्तरीय मछुआ कार्यशाला
मछुआ कल्याण एवं मत्स्य विकास मंत्री अंतर सिंह आर्य ने राज्य-स्तरीय मछुआ कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि मछुआरों के उत्थान के लिए अप्रैल माह में मछुआ महा-पंचायत का आयोजन किया जाएगा. कार्यशाला का आयोजन मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विकास एवं मछुआ कल्याण बोर्ड के संयुक्त तत्वावधान में हुआ. मत्स्य-पालन मंत्री आर्य ने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से मछुआरों के हित संरक्षण और चलित योजनाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए प्राप्त सुझावों पर विचार-विमर्श कर सही निर्णय लिया जाएगा.

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