रविवार, 28 जनवरी 2018

मजदूरी करने वाली मुन्नी बाई बनी स्वसहायता समूह की सचिव

मध्यप्रदेश के सिधी जिले के ग्राम पंचायत भैसरहा रामपुर नैकिन जिला सीधी की रहनी वाली मुन्नीबाई कुशवाहा जो कि वर्तमान में जय माता स्व सहायता समूह की सचिव है पहले साधारण परिवार की सदस्य जो मजदूरी एवं अधियॉं खेती कर अपने परिवार का भरण पोषण किया करती थी. गॉव में मजदूरी भी कभी-कभी ही मिल पाती थी जिसके चलते पारिवारिक आवश्यकता, जिम्मेदारी के साथ-साथ गरीबी की मार ने भी बुरी तरह से परिवार को जकड़ रखा था. जिससे मुन्नीबाई न तो बच्चो को अच्छे स्कूल में पढ़ा पाती और न ही उनके रहन-सहन आवश्यकताओं पर ध्यान दे पाती. मुन्नीबाई का कहना है कि पति को भी कोई कार्य नहीं मिलता था जिसके चलते पारिवार में पारिवारिक कलह बनी रहती थी.     एक दिन गॉव में  डी.पी.आई.पी. परियोजना के टीम का भ्रमण हुआ जिसके अन्तर्गत समूह बनाने का कार्य चल रहा था. मुन्नीबाई द्वारा भी समूह में सदस्यता ली गई. धीरे-धीरे मुन्नीबाई ने पहले अपने पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु समूह से साधारण ऋण लेकर कार्य किया करती थी. इसी बीच हाथकरघा गतिविधि से जुड़ने की योजना बनाई और कपड़ा बुनाई का प्रशिक्षण प्राप्त कर समूह से आजीविका लोन के रूप में बीस हजार रुपए लेकर बुनाई मशीन खरीद कर गतिविधि से जुड़ी इस गतिविधि में निरन्तर कार्य करते हुए मुन्नीबाई द्वारा 85 हजार रुपए  तक के लोन लेकर अपने घर पर भी बुनाई मशीन स्थापित की.  जिससे वो महीने में 7 से 8 हजार रुपए तक की आय प्रतिमाह अर्जित कर लेती है. साथ ही डी.पी.आई.पी. के माध्यम से पति को कपड़े सिलाई की टेज्निंग कराकर अपने इन्ही पैसों से सिलाई मशीन खरीद कर हाथकरघा में ही कपड़े सिलाई के कार्य हेतु प्रेरित की. जिससे उनके पति की आय 6 से 7 हजार रुपए प्रतिमाह हो जाती है. साथ ही रोजगार मेले के माध्यम से इनके दो बेटों को नियोकार्प कंपनी इन्दौर में रोजगार मिला जिसमें एक बेटा क्वालिटी चेकर के पद पर कार्य कर रहा है जिससे उसे 18 हजार  रुपए  प्रतिमाह तथा दूसरे बेटे को लेवर वर्क में रखा गया है जिससे उसे 10 हजार रुपए प्रतिमाह की आय अर्जित करता है. इस तरह मुन्नीबाई के परिवार की मासिक आय लगभग 40 हजार  रुपए  प्रतिमाह हो रही है.  आज इसी व्यवसाय के सहारे मुन्नीबाई ने अपना खुद का पक्का माकान, खेत में बोर, पंप, शौचालय एवं मोटर सायकल आदि सुविधाएं ही नही बल्कि अपने बच्चो को अच्छे स्कूल में पढ़ा रही है. मुन्नीबाई का यह सपना है कि अपनी बेटी तथा छोटे बेटे को कालेज की पढ़ाई पूरी करा सकें. 

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