मध्यप्रदेश के मंदसौर के तेलिया तालाब को बचाने के लिए शिवसेना ने आज राजधानी भोपाल के बड़े तालाब में जलसत्याग्रह किया. जलसत्याग्रह कर रहे शिवसेना कार्यकर्ताओं को पुलिस ने तालाब से बाहर निकाला और गिरफ्तार कर लिया. मंदसौर के तेलिया तालाब को बचाने के लिए आज राजधानी भोपाल में शिवसेना के मध्यप्रदेश राज्य उपप्रमुख सुनील शर्मा के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री निवास के पीछे जल सत्याग्रह किया. जल सत्याग्रह बड़े तालाब में शुुरु हुआ इसकी जानकारी मिलने पर पुलिस बल वहां पहुंच गया था. सुनील शर्मा के जलसत्याग्रह से राजधानी में हड़कंप सा मच गया था. शिवसेना का आरोप है कि मंदसौर के पुराने पेयजल स्रोत तेलिया तालाब की ग्रीन बेल्ट की 484 बीघा जमीन में से करीब 140 बीघा जमीन सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के खिलाफ तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने डूब से बाहर निकाल दी है. तालाब धीरे-धीरे समाप्त किया जा रहा है. यहां की जमीन को अतिक्रमण कर गायब किया जा रहा है, इसके विरोध में यह प्रदर्शन किया गया. शर्मा ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायक और सांसद ने करीब सौ बीघा जमीन पर कब्जा कर लिया है. तत्कालीन कलेक्टर ने 6 जून को मंदसौर में हुए किसानों के गोलीकांड वाले दिन ही इस आदेश पर हस्ताक्षर किए. इसके बाद जमीन पर प्लाट काटने का रास्ता खुल गया. शिवसेना की मांग है कि तेलिया तालाब की डूब क्षेत्र की 484 बीघा जमीन पटवारी रिकार्ड में तालाब के नाम पर दर्ज किया जाए और तेलिया तालाब की जमीन पर भराव करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जाए. राजधानी में शिवसेना उपप्रमुख सुनील शर्मा के नेतृत्व में किए गए जलसत्याग्रह की जानकारी जब पुलिस और जिला प्रशासन को लगी तो बड़े तालाब के किनारे तैनात पुलिस बल को सक्रिय कर उन्हें तालाब से बाहर निकाला और गिरफ्तार कर लिया.
कांग्रेस ने चलाया था आंदोलन
मंदसौर के तेलिया तालाब के संरक्षण, अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा पूर्व में आंदोलन चलाया गया था. कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की थी. कांग्रेस के मंदसौर के नेताओं का कहना था कि करीब 125 साल पहले निर्मित तेलिया तालाब का आकार 484 बीघा जमीन का था. आज उसका आकार लगातार घटता जा रहा है. तालाब किे आकार व डूब क्षेत्र को ओर कम किया जा रहा है. इससे जनता में रोष बढ़ता जा रहा है.
कांग्रेस ने चलाया था आंदोलन
मंदसौर के तेलिया तालाब के संरक्षण, अतिक्रमण हटाने की मांग को लेकर कांग्रेस द्वारा पूर्व में आंदोलन चलाया गया था. कांग्रेस ने हस्ताक्षर अभियान चलाया था, जिसमें लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सेदारी की थी. कांग्रेस के मंदसौर के नेताओं का कहना था कि करीब 125 साल पहले निर्मित तेलिया तालाब का आकार 484 बीघा जमीन का था. आज उसका आकार लगातार घटता जा रहा है. तालाब किे आकार व डूब क्षेत्र को ओर कम किया जा रहा है. इससे जनता में रोष बढ़ता जा रहा है.

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