कचरे की खंती में लगी आग, जहरीले धुंए से लोगों को हुई श्वांस लेने में परेशानीमध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का एक बड़ा हिस्सा जहरीले धुएं और धुंध की चपेट में आ गया. दरअसल आज मंगलवार की सुबह अचानक यहां कचरा डंप करने की जगह भानपुर खंती में आग लग गई, जिसके बाद यहां से उठते जहरीले धुएं और धुंध की चपेट में आसपास के सारे इलाके आ गए. इस धुएं के कारण लोगों को सांस लेने में बहुत परेशानी का सामना करना पड़ रहा है और इलाके की दृश्यता भी बहुत कम हो गई है.
राजधानी में आज मंगलवार की सुबह आधे शहर में आसमान पर धुंआ देख पहले तो लोग धुंध होने का अंदाज लगा रहे थे, मगर जब धुंए से लोगों को खांसी आने और बेचानी से होने पर पता चला कि यह धुंध हीं, बल्कि कुछ और है. लोगों को सुबह 9 बजे के करीब यह पता चला कि यह धुंआ है, वह भी जहरीला, तो लोग घबराते नजर आए. मगर कुछ ही घंटों में स्थिति साफ हो गई कि राजधानी की भानपुर खंती (जहां कचरा डंप किया जाता है) में बीती रात को आग लग गई, जिसके चलते यह घटना घटित हुई. आग लगने की जानकारी मिलने के बाद नगर निगम का अमला सक्रिय हुआ और 20 से अधिक दमकलों ने मशक्कत कर बंद भानपुर खंती में आग पर करीब 10 बजे काबू पा लिया, इसके बाद शहर में छाया धुंआ भी साफ हुआ. आग के कारण माहोली, करोंद, रुसल्ली, अशोका गार्डन, पंजाबी बाग, मिनाल रेसीडेंसी, भानपुर, अयोध्या बायपास, ऐशबाग, बाग उमराव दूल्हा, बरखेड़ी, भोपाल टाकीज, हमीदिया रोड, शाहजहानाबाद, बुधवारा और कमला पार्क तक धुंए की वजह से विजीबिलीटी शून्य हो गई थी. इसके अलावा नए शहर के एमपी नगर, अरेरा कालोनी आदि में धुंए का असर कम रहा, लेकिन सुबह आठ के बाद जब हवा का रुख बदला तो यहां भी धुआं आ गया. बताया जाता है कि खंती को बंद किए जाने के कारण नगर निगम को आग लगने की जानकारी विलंब से लगी, जिसके कारण आधा शहर धुंए के आगोश में आया. नगर निगम अधिकारियों का कहना है कि आग लगने के कारणों का पता तो नहीं चला, मगर यह माना जा रहा है कि आग पहले लगी होगी, जो धीरे-धीरे धधक उठी. आग आसपास के रहवासियों द्वारा वहां पर जलाए जाने वाले अलाव या फिर घर में खाना बनाने के बाद आग कचरे की ओर फेंक दिए जाने से लगी हो.
लोगों को याद आया गैस कांड
राजधानी के लोगों को 34 वर्ष पहले हुए गैस कांड की याद आज फिर आ गई, तब भी एमआईसी का ऐसा घुटन भरा धुआं शहर में छाया था. आज भी धुंए को देख लोग इसी तरह परेशान होते रहे. धुंए का असर इतना गहरा था कि सुबह जब लोग नींद से जागे तो घरों के बाहर आ गए. लोग एक दूसरे से फोन पर इस धुएं के बारे में पूछते रहे. निशातपुरा, द्वारका नगर, रेलवे स्टेशन पर तो ये हाल था कि एक फिट दूर तक का दिखाई नहीं दे रहा था. इन इलाकों के कई लोग ज्यादा परेशानी के चलते अपने वाहनों से सुरक्षित स्थानों पर भी निकले. कोच फेक्टरी में आज स्टाफ कम तादात पर पहुंचा.
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