सोमवार, 29 जनवरी 2018

प्रयोग के जरिए प्रशिक्षित कर रहे हैं शिक्षकों को

 मध्यप्रदेश के अलीराजपुर जिले के विभिन्न माध्यमिक शालाओं के 250 शिक्षकों को नवाचारी पद्धति से विज्ञान शिक्षण देने के लिए पारंगत किया जा रहा है. प्रशिक्षण पश्चात यह शिक्षक विद्यार्थियों को विज्ञान की बारीकियां बताएंगे. शिक्षकों को प्रशिक्षित करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के विशेषज्ञों की एक टीम प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों को कई तरह के विज्ञान के विभिन्न सिद्धांतों को प्रयोगात्मक ढंÞग से बताकर प्रशिक्षित कर रहे है. संभवत: प्रदेश में माध्यमिक शाला स्तर के शिक्षकों के लिए इस तरह का पहला शिक्षण संबंधित अनूठा प्रयास अलीराजपुर जिले में हो रहा है. जिले में माध्यमिक स्तर से विद्यार्थियों को विज्ञान की बारीकियां और आम दिनचर्या तथा छोटी-छोटी गतिविधियों में विज्ञान के सिद्धान्त किस तरह से काम करते है इसकों लेकर प्रशिक्षित किया जा रहा है. ताकि प्रशिक्षित शिक्षक अपने-अपने विद्यालय में उन्हीं प्रयोगों को बच्चों को बताएं और सीखाएं. प्रशिक्षकों की टीम में विभिन्न स्थानों से अनुभवी प्रशिक्षण है. 
अलीराजपुर जिले के विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति रूचि पैदा करने हेतु कलेक्टर  गणेश शंकर मिश्रा विशेष प्रयासों को मूर्त रूप प्रदान कर रहे है. इस प्रशिक्षण में पांच दिवस तक 50-50 शिक्षकों का बैच एक-एक दिन का प्रैक्टीकल प्रशिक्षण लेकर स्कूलों में विद्यार्थियों को भी सीखाएंगें. प्रशिक्षण में शिक्षकों को विज्ञान के चमत्मकार, आम जीवन में विज्ञान का महत्व और उसे जानने के तरीकों तथा विज्ञान आम दिनचर्या में कहॉं तथा कैसे काम करता है इसके बारे में बताया जा रहा है. छोटे-छोटे प्रयोगों के माध्यम से शिक्षकों को सीखाया जा रहा है कि विज्ञान कैसे चमत्कार में बदल जाता है. प्रशिक्षण में राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद की टीम में चंडीगढ के श्रोत वैज्ञानिक डॉ. एमएस मारवाह, मत्स्य विशेषज्ञ  उदयसिंह तोमर, उद्यानिकी विशेषज्ञ  के.एस. तोमर, विज्ञान संचारक सारिका मारू, समन्वयक  राजेश पाराशर, युवा विज्ञान संचारक  आशीष चौहान सहित 11 टीम सदस्य विज्ञान के महत्व और बारिकीयों पर प्रशिक्षण दे रहे है. प्रशिक्षण समन्वयक पाराशर ने बताया प्रशिक्षण के माध्यम से विज्ञान विषय के प्रति माध्यमिक स्तर से विद्यार्थियों में रूचि पैदा कैस हो. शिक्षक और विद्यार्थी विज्ञान शोध के महत्व के प्रति प्रोत्साहित हो. विज्ञान सहित अन्य विषय के शिक्षकों में भी विज्ञान के महत्व और माहौल का विकास हो. साथ ही परंपरागत प्रशिक्षण के मिथक को तोडकर सरलता से उपलब्ध संसाधनों से विज्ञान को समझना और समझाना ही प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य है. प्रशिक्षण बेहद ही सरल तरीके से दिया जा रहा है कि किसी भी विषय का शिक्षक विज्ञान के महत्व को समझकर अन्य लोगों को समझा सकता है. प्रशिक्षणार्थी शिक्षक भी इस प्रशिक्षण का लाभ ले रहे है. प्रशिक्षणार्थी शिक्षकों ने बताया छोटे-छोटे लेकिन महत्वपूर्ण विज्ञान के सिद्धान्त हमें प्रशिक्षण के माध्यम से सीखने को मिल रहे है. उक्त प्रशिक्षण कार्यक्रम डाईट भवन अलीराजपुर में आयोजित हो रहा है. 

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