पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री गोपाल भार्गव ने केन्द्र सरकार से आग्रह किया है कि पंचायतों को मिलने वाले मूल अनुदान को युक्ति-संगत बनाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा है कि ऐसा करने से छोटी पंचायतों को अधोसंरचना निर्माण के लिए अधिक राशि प्राप्त हो सकेगी. भार्गव नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित राष्ट्रीय पंचायती राज सम्मेलन में मध्यप्रदेश के संदर्भ में चर्चा कर रहे थे. राष्ट्रीय पंचायती राज सम्मेलन की अध्यक्षता केन्द्रीय पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने की. सम्मेलन में विभिन्न राज्यों के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री तथा राज्यों के वित्त आयोग के अध्यक्षों ने भाग लिया. सम्मेलन के आयोजन का मुख्य उद्देश्य केन्द्र शासन को राजस्व प्राप्ति उपरांत राज्यों को दी जाने वाली राशि के मानक और वितरण के प्रभावी मापदण्ड निर्धारित करना रहा. राष्ट्रीय सम्मेलन में बताया गया कि भारत शासन द्वारा 15वाँ वित्त आयोग गठित किया जा चुका है. इस आयोग की अनुशंसाएं वर्ष 2020 से क्रियान्वित की जाएंगी. सम्मेलन में जानकारी दी गयी कि 14वें वित्त आयोग में मध्यप्रदेश की पंचायतों को मूल अनुदान के रूप में 12,200 करोड़ रुपए तथा परफार्मेंस ग्रांट मद में 1355 करोड़ रुपए की राशि प्रावधानित रही है. यह राशि सीधी ग्राम पंचायतों द्वारा व्यय की जाती है.

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