मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले के राणापुर ब्लाक के ग्राम समोई में कृषक बालूसिह के पास सिंचाई के लिये एक कुआं एवं ट्यूबवेल है जिससे गेहूं और चने की फसल की सिंचाई भी अच्छे से नहीं हो पाती थी.इस वजह से उसे परिवार के भरण-पोषण के लिए राणापुर में सिलाई मशीन का काम करना पड़ता था, लेकिन इससे भी परिवार चलाना मुश्किल हो रहा था. एक दिन बालूसिंह को किसान भ्रमण कार्यक्रम में पेटलावद एवं कुक्षी में उन्नत किसानों के खेत देखने का अवसर मिला. इन्होंने खेती करने का तकनीकी ज्ञान अर्जित किया और उद्यानिकी फसल लेने की ठानी. उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों की सलाह पर बालू सिंह ने अपने खेत में गोभी, बैंगन, टमाटर, मटर, प्याज, लहसुन की उद्यानिकी फसल की बुवाई की. इससे उनकी आर्थिक स्थिति में अप्रत्याशित वृद्धि हुई.ड्रीप इरीगेशन सिस्टम लगाने से पहले सिर्फ खरीफ की फसल ही ले पाते थे. खेत में गेहूं और चना भी बोते थे, लेकिन सिंचाई के लिए पानी की कमी की वजह से पर्याप्त उत्पादन नहीं हो पाता था. ड्रिप सिंचाई सिस्टम लगाने से टमाटर की खेती से 75 हजार रुपए की अतिरिक्त आमदनी हुई. अब बालूसिंह ने मोटर साईकिल खरीदी है. अपने दोनों बच्चों को अच्छे स्कूल में दाखिला भी दिलवाया है. टमाटर की खेती से प्राप्त अच्छी अतिरिक्त आमदनी से प्रेरित होकर बालू सिंह ने उद्यानिकी खेती को ही अपना व्यवसाय बनाने की योजना बनाई है. अब वह अपने खेत में ही और अधिक उद्यानिकी फसलें लेने की तैयारी में जुट गये हैं.

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