मंगलवार, 30 जनवरी 2018

बंद दरवाजे बनाने की इकाई से खुले प्रगति के रास्ते

मध्यप्रदेश के सतना के सामान्य कारोबारी परिवार के सदस्य आनंद गुप्ता वाणिज्य से स्नातक है और उन्होने प्लाईबुड और हार्डवेयर ट्रेनिंग से अपने व्यवसायिक कैरियर की शुरूआत करने की मंशा बनाई. प्रधानमंत्री का मेक इन इंडिया का नारा उन्हें हमेशा मैनूफैक्चरिंग इकाई स्थापित करने के लिए अभिप्रेरित करता रहा, लेकिन धन की कमी आडे आ रही थी. ऐसे वक्त मे आनंद के लिये मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना कैरियर और भविष्य को उज्जवल करने के लिये सौगात के रूप मे मिली. आनंद गुप्ता ने योजना की जानकारी प्राप्त कर उद्योग विभाग के प्रबंधक  पाण्डेय से सम्पर्क किया और इलाहाबाद बैंक सायंकालीन शाखा में राउटेड मैम्ब्रेन डोर निर्माण इकाई के लिए 65 लाख रुपए का प्रोजेक्ट प्रस्तुत कर दिया. एक सप्ताह के भीतर ही उनका प्रकरण बैंक शाखा द्वारा स्वीकृत कर दिया और चार माह के कम समय मे ही आनंद की श्याम डोर सालूशन के नाम की इकाई ने जनवरी 2016 मे उत्पादन भी प्रारंभ कर दिया. आनंद गुप्ता की इकाई मेसर्स श्याम डोर सालूशन के नाम से सतना में मैहर बाईपास पर स्थापित है. जिसमे राउटेड एच.पी.एल. तथा विजन मेम्ब्रेन डोर का उत्पादन होता है. इस इकाई में उन्होने 9 व्यक्तियों को रोजगार भी दिया हुआ है. अभी हाल ही मे उन्होंने अपनी इकाई मे सालिड पी.वी.सी. डोर का निर्माण भी प्रारंभ कर दिया है, जो प्रदेश की इकलौती इकाई होगी.    नई इकाई होने के उपरांत भी गत वर्ष के प्रथम 9 महीनों मे लगभग 60 लाख रुपए की दरवाजों की बिक्री की और आज आनंद गुप्ता मेम्ब्रेन डोर निर्माण के क्षेत्र मे बडे खिलाड़ी के रूप मे स्थापित हो चुके है. बाजार मे मिल रहे रिस्पांस से उत्साहित होकर आनंद अब लगभग 3 करोड रुपए के विनियोजन से इस इकाई का विस्तार प्लान कर रहे है। जिसमे बैंक ने भी अपनी सहमति प्रदान कर दी है. आनंद गुप्ता का मानना है कि यदि कुछ करने का हौसला हो तो प्रगति के सारे दरवाजे अपने आप खुल जाते है. शासन की स्वरोजगार की योजनाए भी सारे संसाधन उपलब्ध करा देती है. आनंद गुप्ता ने अपने भतीजे आकाश गुप्ता को भी अपने इस इकाई में सहयोगी के रूप मे शामिल कर लिया है. उनका कहना है कि पंख अपनी जगह वाजिब है मगर हौंसला ही असली उडान देता है.

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